ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर एक विकासात्मक और तंत्रिका संबंधी विकार है, जो आमतौर पर जीवन के पहले तीन वर्षों के दौरान दिखाई देता है। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर वाले बच्चे या वयस्क को सामाजिक संपर्क और बातचीत में समस्या होती है। कई शोधों में यह भी पता चला है कि ऑटिज्म की बीमारी ठीक करने में खान-पान का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। खाद्य पदार्थों में कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो ऑटिज्म की समस्या को बढ़ा सकते हैं, तो वहीं कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो ऑटिज्म की परेशानी को कम करते हैं। इस लेख में हम इन्हीं के विषय में विस्तार में बात करेंगे, साथ ही एक भारतीय डाइट प्लान भी साझा करेंगे। आइये जानते हैं :

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  1. ऑटिज्म के दौरान क्या खाएं - What to eat in Autism Spectrum Disorder in Hindi
  2. बच्चे को दें पोषक सप्लीमेंट - Choose a daily multivitamin and mineral supplement for Your child in Hindi
  3. ऑटिज्म के दौरान होने वाली आहार संबंधी समस्या - Common dietary problem in ASD in Hindi
  4. ऑटिज्म के लिए भारतीय डाइट प्लान - Indian Diet Plan for Autism Spectrum disorder in Hindi
ऑटिज्म में क्या खाना चाहिए, क्या न खाएं और डाइट प्लान के डॉक्टर

कुछ खाद्य विकल्प हैं जो ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के दौरान पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। जो इस प्रकार हैं :

ऑटिज्म में खाएं ग्लूटेन फ्री - Gluten free food for Autism in Hindi

ऐसे कई अध्ययन हैं, जिनसे पता चला है कि ग्लूटेन-फ्री और कैसिन-मुक्त आहार इस विकार की स्थिति को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। आंत माइक्रोबायोम में रुकावट के कारण, ऑटिस्टिक बच्चे ग्लूटेन (गेहूं, जौ और राई) और कैसिन (दूध और डेयरी उत्पादों) वाले खाद्य पदार्थों को आसानी से पचा नहीं सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ प्रो-इंफ्लेमेटरी होते हैं और इसलिए बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं। वास्तव में, अधिकांश ऑटिस्टिक बच्चे पहले से ही एलर्जी या ग्लूटेन और कैसिन के प्रति संवेदनशील होते हैं।

(और पढ़ें - ग्लूटेन फ्री फूड क्या है)

ये खाद्य पदार्थ लीक गट की स्थिति के कारण, उनके पेट एवं मस्तिष्क के बीच के तालमेल को प्रभावित कर सकते हैं, जो कि ऑटिस्टिक लोगों में एक आम लक्षण है। उनकी डाइट को प्लान करने के लिए गेहूं, जौ और राई के स्थान पर बाजरा, ज्वार, रागी और चावल का चयन करें। डेयरी उत्पादों की जगह, आप सोया या बादाम के दूध से बने उत्पादों का चयन कर सकते हैं।

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ऑटिज्म के लिए विटामिन बी6 डाइट - Vitamin B6 diet for Autism in Hindi in Hindi

अध्ययनों से पता चलता है कि पाइरिडोक्सिन (विटामिन बी 6) और मैग्नीशियम का उपयोग ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर वाले बच्चों के बातचीत और भाषा में सुधार करने के लिए किया जाता है। संपूर्ण लाभ के लिए, इन पोषक तत्वों को प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में लेने का प्रयास करें जैसे कि विटामिन बी6 के लिए, मछली, मूंगफली, सोयाबीन, ओट्स और केला आदि और मैग्नीशियम के लिए बादाम, पालक, काजू, कद्दू के बीज, काले बीन्स, डार्क चॉकलेट (60-69%) पीनट बटर, रोटी, एवोकाडो, आलू, ब्राउन चावल आदि का नियमित सेवन करें।

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ऑटिज्म के लिए विटामिन सी आहार - Vitamin C good for Autism in Hindi

माताओं में इन दो पोषक तत्वों की मात्रा अपेक्षा से कम होने पर, भ्रूण के विकास का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, ऑटिस्टिक बच्चे, जिनमें इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो, उनकी स्थिति को और खराब कर सकते हैं। इसलिए, अपने बच्चों के आहार में विटामिन सी और जिंक/जस्ता युक्त खाद्य पदार्थों को अवश्य शामिल करें। इसके अलावा, इन पोषक तत्वों को ऑटिज्म से जुड़ी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का इलाज करने के लिए काफी उत्तम माना जाता है। ऐसे में विटामिन सी के समृद्ध स्रोतों में संतरे, नींबू, कीवी, अनानास, अंगूर, टमाटर, पपीता, ब्रोकोली और स्ट्रॉबेरी और जिंक समृद्ध खाद्य पदार्थ के लिए फलियां, बीज, अंडे, साबुत अनाज, आदि शामिल करें।

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ऑटिज्म के लिए ओमेगा 3 एवं विटामिन डी आहार - Omega 3 fatty acids food for autism in Hindi

कई अध्ययन शरीर में विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से डीएचए की उचित मात्रा से ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के लक्षणों में सुधार की पुष्टि करते हैं।  वैसे भी विटामिन डी एवं ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र संबंधी विकारों के लिए बहुत अच्छे खाद्य पदार्थ माने जाते हैं। इन पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने दैनिक आहार में अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज, सोया बीन्स, कॉड लिवर तेल, वसा युक्त मछलियां आदि देने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - आटिज्‍म का इलाज)

ऑटिस्टिक बच्चे भोजन के बारे में  बहुत ज्यादा चूजी होते हैं, जो विटामिन और पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकते हैं। अपने बच्चे को सब्जियों और फलों का सेवन कराना इन दिनों माता-पिता के लिए कठिन काम बनता जा रहा है। इसके अलावा, ऑटिस्टिक बच्चों में कैल्शियम और प्रोटीन का कम सेवन बहुत आम है। यह हड्डियों की समस्याओं और अनुचित मानसिक विकास का कारण बनता है। यदि आप बच्चे को इन पोषक तत्वों को प्राकृतिक भोजन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में देने में सक्षम नहीं हैं, तो अपने पोषण विशेषज्ञ के साथ न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट के विषय में बात कर सकते हैं।

(और पढ़ें - प्रोटीन के स्रोत)

इस समस्या के दौरान लोगों को कुछ आहार सम्बन्धी चुनौतियों का सामना करना पड़ जाता है, यहां हम उनके प्रबंधन के विषय में पर चर्चा करेंगे :

1. चीनी की मात्रा रखें कम
चीनी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाती है और व्यक्ति को हाइपरएक्टिविटी की ओर ले कर जाती है। ऑटिस्टिक बच्चे, जो आमतौर पर हाइपरएक्टिविटी के शिकार होते हैं, चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से व्यक्ति में यह समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, उनके चीनी सेवन को प्रतिबंधित करना महत्वपूर्ण है। अपने ऑटिस्टिक बच्चे में ब्लड शुगर की वृद्धि को रोकने के लिए चीनी युक्त पेय एवं खाद्य पदार्थ जैसे कि सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक्स, मिठाई, केक आदि को न दें।
 
2. चुनिंदा चीजें खाने की समस्या
ऑटिस्ज की समस्या के साथ कोई भी व्यक्ति स्वाद, गंध, रंग और खाद्य पदार्थों की बनावट के प्रति संवेदनशील हो जाता है। वे कुछ खाद्य पदार्थों और यहां तक ​​कि पूरे खाद्य समूहों को भी नापसंद कर सकते हैं। ऐसे में शरीर में पोषक तत्वों की कमी होते देखा जाता है। ऐसे में उन खाद्य पदार्थों को उनके पसंदीदा भोजन में छिपे रूप में देने कोशिश करें। जिससे उनकी शारीरिक आवश्यकता पूरी हो सके।
 
3. कब्ज का हो सही इलाज
यह समस्या बच्चे के सीमित भोजन के विकल्प, कम शारीरिक सक्रियता या दवाओं के कारण हो सकती है। इसका उपचार आहार में फाइबर के स्रोतों को धीरे-धीरे बढ़ाकर किया जा सकता है, जैसे चोकर युक्त रोटी, साबुत अनाज और ताजे फल व सब्जियां, साथ ही बहुत सारे तरल पदार्थ और नियमित शारीरिक गतिविधि से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
 
4. दवाओं का न हो भोजन के साथ हस्तक्षेप
ऑटिज्म के साथ उपयोग की जाने वाली कुछ उत्तेजक दवाएं भूख को कम कर सकती हैं। यह एक बच्चे के खाने की मात्रा को कम कर सकता है, जो विकास को प्रभावित कर सकता है। अन्य दवाएं भूख बढ़ा सकती हैं या कुछ विटामिन और खनिजों के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं। यदि आपका बच्चा ऑटिज्म के लिए दवा लेता है, तो अपने डॉक्टर से संभावित दुष्प्रभावों के बारे में अवश्य पूछें।
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यहां हम ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के लिए एक सैंपल डाइट प्लान साझा कर रहे हैं, जिसका उपयोग करके स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है :

  • सुबह खाली पेट - पानी (1 गिलास) + बादाम (5-6) + अखरोट (3-4)
  • सुबह का नाश्ता - पनीर सैंडविच (2) + कोको बादाम दूध (1 गिलास)
  • मध्य आहार - पपीता (1 कटोरी) / संतरे का जूस (1 गिलास)
  • दोपहर का भोजन - मटर पुलाव (1 कटोरी) + राजमा (1 कटोरी) + कोई भी मौसमी सब्जी (1 कटोरी)
  • शाम की चाय - काला चना चाट (1 कटोरी)
  • रात का खाना - वेजिटेबल सूप (1 कटोरी) + बाजरा चपाती (2) + सब्जी कोफ्ता (1 कटोरी)
  • सोते समय - सोया मिल्क (1 गिलास

(और पढ़ें - क्रैश डाइट क्या है)

Dr. Dhanamjaya D

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Dt. Surbhi Upadhyay

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