निल शुक्राणु एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति के स्खलन करने पर निकलने वाले वीर्य में शुक्राणु न के बराबर होते हैं. इस स्थिति में पुरुष की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है, जिस कारण उसके लिए पिता बनना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि इस समस्या का जल्द से जल्द उचित इलाज किया जाए. हालांकि, इस समस्या को ठीक करने के लिए बाजार में कई प्रकार के इलाज मौजूद हैं, लेकिन आयुर्वेदिक तरीका सबसे बेहतर माना गया है. आयुर्वेद के तहत कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जैसे - माय उपचार आयुर्वेद ऊर्जस टी-बूस्ट कैप्सूल, फल घृत व शिलाप्रवांग वटी आदि.

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आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि निल शुक्राणु का इलाज करने के लिए आयुर्वेद में कौन-कौन सी दवाओं का सेवन किया जाता है -

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  1. निल शुक्राणु में फायदेमंद आयुर्वेदिक दवाएं
  2. सारांश
निल शुक्राणु की आयुर्वेदिक दवा के डॉक्टर

आयुर्वेद के अनुसार, निल शुक्राणु का इलाज करने के लिए शमन चिकित्सा का उपयोग किया जाता है. इसके तहत विभिन्न तरह की दवाएं उपयोग की जाती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख दवाओं के बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं -

माय उपचार आयुर्वेद ऊर्जस टी-बूस्ट कैप्सूल

यह दवा विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाई गई है. इसे बनाने में गोक्षुरकपिकच्छुअश्वगंधाविदारीकंद व सफेद मूसली का इस्तेमाल किया गया है. इसमें मौजूद गोक्षुर से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल सही होता है, जिससे शुक्राणु का उत्पादन बढ़ जाता है. वहीं, दवा में मौजूद अश्वगंधा से भी शुक्राणुओं के निर्माण में मदद मिलती है. इसके अलावा, यह दवा पुरुषों के निजी अंगों की नसों व मांसपेशियों को मजबूत बनाती है. साथ ही यौन इच्छा को बेहतर करती है और यौन जीवन में नई ऊर्जा को लेकर आती है. इसके 1-1 कैप्सूल दिन में 2 बार हल्के गुनगुने पानी या दूध के साथ लिए जाते हैं.

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फल घृत

फल घृत घी और कई जड़ी-बूटियों से बनी एक आयुर्वेदिक औषधि है. यह निल शुक्राणु सहित पुरुष बांझपन के लिए एक उत्कृष्ट दवा है. यह दवा पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करती है. इसे वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है. फल घृत के तत्व टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, जो स्वस्थ शुक्राणु के उत्पादन के लिए आवश्यक है.

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चंद्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग पुरुष बांझपन सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. यह कई जड़ी-बूटियों, मिनरल और सॉल्ट से बनी है. साथ ही इसे बनाने में शिलाजीतगुग्गुल व त्रिफला का इस्तेमाल किया जाता है. चंद्रप्रभा वटी निल शुक्राणु वाले पुरुषों में शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है. इसे प्रजनन प्रणाली के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी जाना जाता है.

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शिलाप्रवांग वटी

शिलाप्रवांग वटी एक अन्य आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग आमतौर पर निल शुक्राणु सहित पुरुष बांझपन के इलाज के लिए किया जाता है. यह दवा शिलाजी, वंग भस्म व अश्वगंधा के मिश्रण से मिलकर बनी है, जो शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में सुधार करने की क्षमता के लिए जानी जाती है. यह दवा वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने और स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती है.

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आरोग्यवर्धिनी वटी

आरोग्यवर्धिनी वटी भी आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग पुरुष बांझपन सहित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है. इस दवा को बनाने में कुटकी, त्रिफला और गुग्गुल का इस्तेमाल किया जाता है. आरोग्यवर्धिनी वटी प्रजनन प्रणाली के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने और निल शुक्राणु वाले पुरुषों में स्वस्थ शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है. यह वीर्य की गुणवत्ता में सुधार और शुक्राणु की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है.

आरोग्यवर्धिनी वटी समग्र स्वास्थ्य और जीवन शक्ति में सुधार के लिए जानी जाती है. यह प्रजनन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में भी मदद करती है, जिससे प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद मिल सकती है. आरोग्यवर्धिनी वटी की 1-2 गोलियां दिन में 2 बार भोजन के बाद पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है.

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निल शुक्राणु का इलाज आयुर्वेदिक दवा की मदद से किया जा सकता है. इस लेख में बताई गईं माय उपचार आयुर्वेद ऊर्जस टी-बूस्ट कैप्सूल, फल घृत व शिलाप्रवांग वटी आदि दवाएं इस समस्या के इलाज में सबसे असरकारी हैं. इन दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि किसी कौन-सी दवा दी जानी है, यह डॉक्टर से बेहतर और कोई नहीं बता सकता है.

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Dr. Purushottam Sah

Dr. Purushottam Sah

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Dr. Anurag Kumar

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