कुछ पौधों के अर्क में , एससेंशियल ऑइल में और खाद्य पदार्थों में भी एंटीबायोटिक गुण होते हैं। जैसे कुछ खाद्य और पौधों के अर्क में ऐसे एंटी बायोटिक्स होते हैं जो भोजन में बैक्टीरिया के डेवलपमेंट को रोक सकते हैं। इसमें लहसुन, शहद और कुछ जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। एंटीबायोटिक्स का उपयोग बैक्टीरिया को मारने या रोकने के लिए किया जाता है। एंटीबायोटिक्स का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। जैसे आज के एंटीबायोटिक्स नेचुरल तरीके से मिलते हैं वैसे ही मूल एंटीबायोटिक्स प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होते हैं।

कभी-कभी, एंटीबायोटिक्स हमारे शरीर को डीटाक्स करने में भी सहायक हैं जैसे- क्रैनबेरी के जूस में जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मूत्र पथ के संक्रमण यानि यूटीआई को ठीक करने में सहायक है। इसके अलावा सिर्फ भोजन ही नहीं बल्कि जड़ी-बूटियाँ भी एंटीबायोटिक हो सकती हैं। आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे ऐसी ही कुछ जड़ी बूटियों के बारे में जो नेचुरल एंटी बायोटिक्स का काम करती हैं- 

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  1. शहद
  2. लहसुन
  3. लोबान
  4. अजवाइन
  5. अदरक
  6. लौंग
  7. एंटीबायोटिक के नुकसान
  8. एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल कब करें
  9. सारांश

शहद सबसे पुराना एंटीबायोटिक है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। मिस्र के लोग अक्सर शहद को प्राकृतिक एंटीबायोटिक और स्किन के लिए  इस्तेमाल करते थे। शहद में हाइड्रोजन पेरोक्साइड होता है, जो जीवाणु को मारने के लिए जाना जाता है। इसमें चीनी की मात्रा भी अधिक होती है, जो कुछ बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, शहद का pH लेवल भी कम होता है। यह बैक्टीरिया से नमी को दूर करने का काम करता है, जिससे बैक्टीरिया मर जाते हैं। शहद को एंटीबायोटिक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए, इसे सीधे घाव पर लगाएं। शहद बैक्टीरिया को मारने और उपचार प्रक्रिया में सहायता कर सकता है। आंतों को स्वस्थ रखने के लिए आप शहद को सादा ही या पानी के साथ मिला कर उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा इसे हर्बल चाय के साथ मिला कर भी आप पी सकते हैं।  शहद स्किन और शरीर पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। 

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लहसुन में लंबे समय से रोगाणु को मारने के गुण पाए जाते हैं। लहसुन को रोज के भोजन में भी उपयोग किया जाता है और इसका सेवन आम तौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। आप प्रतिदिन दो कलियाँ तो खा सकते है और यदि आप लहसुन का सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो दिए गए खुराक निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें। यदि आप खून को पतला करने वाली दवा ले रहे हैं, तो एंटीबायोटिक के रूप में लहसुन का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। 

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बहुत से लोग लोबान को जानते हैं और बहुत से लोग नहीं , लेकिन हानिकारक कीटाणुओं को दूर भगाने की लोबान की क्षमता के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 2000 में एक स्टडी की गई जिस में ये देखा गया कि लोबान का अर्क कई रोज़मर्रा के रोगाणुओं को मार सकता है। जैसे :

  • ई. कोली
  • स्टैफिलोकोकस ऑरियस
  • स्यूडोमोनास एरुगिनोसा
  • कैंडिडा एल्बिकेंस

लोबान का आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है , लेकिन इसे बहुत ज्यादा खाने से दस्त हो सकते हैं। अगर आप लोबान का पैकेट ला रहे हैं उपयोग करने के लिए तो पैक पर दिए गए खुराक के निर्देशों का पालन जरूर करें।

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कई सारे प्राकृतिक घरेलू क्लीनर अजवाइन के तेल का इस्तेमाल करते हैं। यह तेल एंटीबायोटिक होता है और खास कर बैक्टीरिया को मारने में सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। 2011 में किये गए एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने लैवेंडर और थाइम एसेंशियल ऑयल दोनों के प्रभावों की जांच की , और ये पाया कि लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की तुलना में अजवाइन का तेल बैक्टीरिया को मारने में ज़्यादा प्रभावी है। लेकिन अजवाइन के तेल का उपयोग बाहर से ही करना चाहिए इसका उपयोग मुंह से नहीं करना चाहिए। अजवाइन के तेल को लगाने से पहले बराबर मात्रा में कैरियर ऑयल जैसे नारियल और जैतून का तेल के साथ पतला कर लें। उच्च रक्तचाप या हाइपरथायरॉइड की समस्या वाले लोगों को अजवाइन के तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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अदरक को एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में हम सब जानते हैं। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और खून का थक्का न जमने देने वाले गुण होते हैं। 2022 के एक अध्ययन के अनुसार अदरक कई तरह के बैक्टीरिया को प्रभावी ढंग से रोक सकता है, जिसमें स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटेंस, एंटरोकोकस फेकेलिस, स्टैफिलोकोकस प्रजाति और लैक्टोबैसिलस प्रजाति शामिल हैं।

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लौंग सूखे फूल की कलियाँ हैं जो लौंग के पेड़ से आती हैं, जिन्हें हम सब भोजन या ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। 2023 के एक अध्ययन में कहा गया है कि लौंग के तेल में स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया को मारने वाले गुण होते हैं। 

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सिर्फ़ इसलिए कि कोई चीज़ प्राकृतिक है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सेफ हो । उदाहरण के लिए, अलग अलग सप्लीमेंट में तत्वों की मात्रा अलग-अलग होती है। इसलिए, लेबल को ध्यान से पढ़ कर ही सप्लीमेंट्स को लें । उदाहरण के लिए, पका हुआ लहसुन आमतौर पर खाने के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन बहुत ज्यादा लहसुन लेने से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। सर्जरी करवाने वाले या ब्लड थिनर लेने वाले लोगों के लिए यह ख़तरनाक हो सकता है।

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डॉक्टर तब तक एंटीबायोटिक्स नहीं लिखते हैं, जब तक कि वे प्रभावी और ज़रूरी न हों। एंटीबायोटिक्स निम्नलिखित कारणों से ही लिखे जाते हैं जैसे - 

  • संक्रामक बीमारी का इलाज करना
  • संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकना
  • किसी स्थिति को और गंभीर होने से रोकना
  • बीमारी या चोट का जल्दी ठीक होना

अगर किसी व्यक्ति को एंटीबायोटिक्स दिए गए हैं , तो उसे डॉक्टर के निर्देशानुसार पूरी खुराक लेनी चाहिए। यह उन लोगों को विशेष रूप से दिया जाता है, जिन्हें बैक्टीरियल संक्रमण का ज़्यादा खतरा होता है 

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रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, हर साल 2 मिलियन से ज़्यादा अमेरिकी लोग drug-resistant bacteria से बीमार हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हर साल 35,000 से ज़्यादा मौतें होती हैं। ये बैक्टीरिया एक बढ़ता हुआ ख़तरा बनते जा रहे हैं, और नई और प्रभावी दवाएँ इसे ठीक करने के लिए प्रभावी हो सकती हैं जो एंटीबायोटिक ही होती हैं। जब भी आप किसी भी नेचुरल एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें तो पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें ताकि अगर आपको पहले से कोई समस्या है तो डॉक्टर ये बात सकें कि आपके लिए क्या सही है और क्या नहीं। आपको एंटीबायोटिक्स तब तक नहीं लेनी चाहिए जब तक कि बहुत ज़रूरी न हो। अगर आप  के मन में इन प्राकृतिक एंटीबायोटिक दवाओं के बारे में कोई सवाल है, तो वे डॉक्टर से बात कर सकते हैं। 

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