महिला हो पुरुष हर किसी के बाल रोज थोड़ी-थोड़ी मात्रा में झड़ते रहते हैं. इस प्रक्रिया को सामान्य माना गया है, लेकिन अगर बाल तेजी से और ज्यादा झड़ने लगें, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी की साइट पर पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन में 50 से 100 बालों का झड़ना सामान्य है, लेकिन इससे ज्यादा बाल झड़ना चिंता का विषय हाे सकता है. अगर इसका इलाज न किया जाए, तो गंजेपन का भी सामना करना पड़ सकता है. पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी गंजेपन का शिकार हो सकती हैं. आज इस आर्टिकल में हम महिलाओं के गंजेपन के संबंध में बात करेंगे. इसके लक्षण, कारण व इलाज के संबंध में विस्तार से जानेंगे.
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- महिलाओं में गंजापन क्या है?
- महिलाओं में गंजेपन के चरण
- महिलाओं में गंजेपन के लक्षण
- महिलाओं में गंजेपन के कारण
- महिलाओं में गंजापन का निदान
- महिलाओं में गंजेपन का इलाज
- क्या महिलाओं में गंजेपन को रोका जा सकता है?
- सारांश
महिलाओं में गंजापन क्या है?
महिलाओं में गंजापन एक तरह का हेयर लॉस है, जिससे महिलाएं प्रभावित होती हैं. महिलाओं में होने वाले इस हेयर लॉस को मेडिकल कंडीशन में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (Androgenetic alopecia) कहा जाता है. वैसे देखा जाए तो बाल झड़ने की समस्या महिला एवं पुरुषों दोनों में होती है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह समस्या कम होती है और दोनों में यह समस्या अलग-अलग तरह से नजर आती है.
(और पढ़ें - गंजापन दूर करने के घरेलू उपाय)
महिलाओं में गंजेपन के चरण
महिलाओं में गंजेपन के 5 अलग-अलग चरण हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -
- स्टेज 1: बालों का कम या बिल्कुल भी न झड़ना.
- स्टेज 2: स्कैल्प के बीच वाले हिस्से में थोड़ा-सा गैप दिखाई देता है.
- स्टेज 3: स्कैल्प के बीच में बड़ा गैप नजर आएगा और किसी भी एक साइड से बाल ज्यादा झड़ेंगे.
- स्टेज 4: सामने के हिस्से पर बाल्ड स्पॉट नजर आने लगते हैं.
- स्टेज 5: बाल तेजी से झड़ने लगते हैं.
(और पढ़ें - क्या गंजेपन को शुरू होने से पहले रोका जा सकता है)
महिलाओं में गंजेपन के लक्षण
जब कोई महिला गंजेपन का शिकार होने लगती है, तो उसे निम्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं -
- स्कैल्प के मध्य भाग के आसपास बालों का पतला होना या झड़ना.
- स्कैल्प के बीच वाले भाग का चौड़ा होना और दोनों ओर के बालों का पतला होना या बालों का झड़ना.
- सिर के पूरे ऊपरी हिस्से में बालों का पतला होना या झड़ना.
- बालों का झड़ना आमतौर पर मध्य भाग के पास दिखाई देने लगता है.
- बाल सामने की ओर से झड़ने लगते हैं.
इन लक्षणों के साथ-साथ कई महिलाओं में मेनोपॉज के बाद गंजेपन के शुरुआती चरण नजर आ सकते हैं.
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महिलाओं में गंजेपन के कारण
महिलाओं के गंजापन का शिकार होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम यहां बता रहे हैं -
उम्र
उम्र के साथ महिला में गंजापन होने की आशंका बढ़ सकती है. खासकर मेनोपॉज के बाद सभी महिलाओं में से लगभग दो-तिहाई लोगों के बाल पतले हो जाते हैं या पूरी तरह से झड़ जाते हैं.
(और पढ़ें - समय से पहले गंजेपन के कारण)
हार्मोन
डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) एक प्रकार का एंड्रोजन हार्मोन है. एंड्रोजन सेक्स हार्मोन का एक समूह है, जो किशोरावस्था से लेकर शारीरिक रूप से परिपक्व होने में मदद करता है. चेहरे, स्कैल्प, छाती, बगल और जननांग पर बालों के बढ़ने में यह हार्मोन शामिल होता है. मेनोपॉज के बाद इस हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे DHT का स्तर प्रभावित हो सकता है.
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महिलाओं में गंजापन का निदान
महिलाओं में गंजेपन को पहचानना आसान है. इसलिए, इसके निदान के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट गंजेपन का शिकार महिला से उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछ सकते हैं, जैसे - बाल झड़ने की समस्या कब से शुरू है और क्या परिवार में बाल झड़ने की समस्या किसी और को है. इन सभी जानकारियों के बाद डॉक्टर स्कैल्प की जांच करने के लिए डेंसिटोमीटर नामक विशेष उपकरण का उपयोग कर सकते हैं. इसके जरिए हेयर फॉलिकल्स की मोटाई को माप जाता है. इसके अलावा, निम्नलिखित टेस्ट भी किए जा सकते हैं -
- बालों के सैंपल को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जा सकता है.
- स्किन डिजीज की जांच के लिए स्कैल्प बायोप्सी की जा सकती है.
- ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है.
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महिलाओं में गंजेपन का इलाज
महिलाओं में गंजेपन का इलाज निम्न प्रकार से किया जा सकता है -
- दवाएं - ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे मिनोक्सिडिल काे लगाने के लिए दिया जा सकता है. इसके अलावा, फिनास्टेराइड जैसी दवाओं से भी इसका इलाज किया जा सकता है. वहीं, कीटोकोनाजोल 2% शैंपू के साथ फिनास्टेराइड के इस्तेमाल की सलाह दे सकते हैं.
- हेयर ट्रांसप्लांट - शरीर के अलग-अलग हिस्सों से स्वस्थ त्वचा को निकालकर स्कैल्प पर उस जगह लगाया जाता है, जहां बाल पतले हो गए हैं या गंजापन है.
- प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा - डॉक्टर शरीर से ब्लड सैंपल लेते हैं और फिर उसे प्रोसेस करके स्कैल्प पर इंजेक्ट करते हैं.
- रेड लाइट थेरेपी - बालों के विकास में सुधार के लिए कम वेवलेंथ वाली लाल रोशनी से सिर का उपचार किया जाता हैं.
- स्टाइलिंग तकनीकें - महिलाओं में आए गंजेपन को हेयर स्टाइल या विग की मदद से भी छिपाया जा सकता है.
मरीज का इलाज करने के लिए इनमें से कौन-सी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, इसका निर्णय डॉक्टर ही लेते हैं. इसलिए, खुद से कोई दवा या इलाज न करें.
(और पढ़ें - बालों के लिए लहसुन के फायदे)
क्या महिलाओं में गंजेपन को रोका जा सकता है?
बालों को स्वस्थ रखने में मदद करने के कुछ ऐसे तरीके हैं, जो बालों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं -
- प्रोटीन का सेवन ज्यादा करें. वहीं, अगर आप शाकाहारी हैं, तो प्रोटीन रिच फूड को डेली डायट में शामिल करें.
- विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व बाल, त्वचा और मांसपेशियों के टिश्यू को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. इसलिए, हेल्दी डाइट लें या जरूर पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर इनके सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं.
- तनाव से दूर रहें. दरअसल तनाव की वजह से एंड्रोजन हार्मोन ट्रिगर करने लगता है, जो महिलाओं में गंजेपन का कारण बन सकता है.
- हेयर केयर पर जरूर ध्यान दें और केमिकल युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट से दूरी बनाए रखें.
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सारांश
रिसर्च के अनुसार महिलाओं में गंजापन एक सामान्य स्थिति है, जो रजोनिवृत्ति के बाद कई महिलाओं को प्रभावित करती है. गंजेपन से प्रभावित कई महिलाएं इसे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में स्वीकार करती हैं और डॉक्टर से सलाह नहीं लेती हैं, जबकि आगे चलकर इसका मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, अगर इसके लक्षण नजर आने लगें, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. डॉक्टर आपकी हेल्थ कंडीशन और मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए सही सलाह देंगें.
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महिलाओं में गंजेपन के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर
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डर्माटोलॉजी
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Dr. Ashwin charaniya
डर्माटोलॉजी
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