रक्तस्राव - Bleeding in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

July 11, 2017

August 30, 2023

रक्तस्राव
रक्तस्राव

जब किसी व्यक्ति के शरीर से खून बहने लगता है और खून की हानि होने लगती है तो इसे ही ब्लीडिंग या रक्तस्त्राव कहा जाता है। शरीर के अंदर होने वाले रक्तस्राव को आंतरिक रक्तस्राव कहा जाता है जबकि जब खून शरीर से बाहर निकलने लगता है तो इसे बाहरी रक्तस्राव कहा जाता है। हमारे शरीर में, खून बंद रक्त वाहिकाओं के अंदर बहता है; इन रक्त वाहिकाओं में किसी तरह की चोट लगने के कारण अगर दरार पड़ जाए या विच्छेद हो जाए जिस कारण रक्त वाहिकाएं खुल जाती हैं तो खून, रक्त वाहिकाओं से बाहर निकलने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त की हानि (ब्लड लॉस) होने लगती है। रक्तस्राव शरीर में अंतर्निहित किसी बीमारी की स्थिति के कारण या चोट लगने का एक लक्षण हो सकता है। मासिक धर्म के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद रक्तस्राव होना सामान्य स्थिति है।

रक्तस्राव इन 3 परिस्थितियों में हो सकता है:

  • शरीर के अंदर जब रक्त वाहिकाओं या अंगों से रक्त का रिसाव होने लगता है
  • शरीर के बाहर जब रक्त शरीर में मौजूद किसी नैचरल ओपनिंग के माध्यम से बहता है (जैसे कि कान, नाक, मुंह, योनि, या मलाशय)
  • शरीर के बाहर जब रक्त त्वचा के कटने के कारण बहने लगता है

(और पढ़ें- गर्भावस्था में रक्तस्त्राव)

अगर रक्तस्राव ज्यादा हो रहा हो तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। खासकर तब अगर आपको लगता है कि आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है क्योंकि यह बहुत जल्दी जीवन के लिए खतरा बन सकता है। कई बार चोट लगने की वजह से भी भारी रक्तस्राव हो सकता है। कभी-कभी, मामूली चोट लगने पर भी ज्यादा खून बहने लगता है, उदाहरण के लिए अगर सिर में या स्कैल्प में चोट लग जाए। इसके अलावा अगर आप खून को पतला करने वाली दवा लेते हैं या फिर अगर हीमोफिलिया जैसे रक्तस्राव से जुड़ी बीमारी है तो आपको बहुत अधिक रक्तस्राव हो सकता है। 

रक्तस्त्राव होने के विभिन्न कारण क्या है, इसके लक्षण क्या हो सकते हैं, इसका इलाज कैसे किया जाता है, इन सबके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

रक्तस्राव के लक्षण - Bleeding Symptoms in Hindi

रक्तस्राव चिंता का विषय बन जाता है जब इसका कारण कोई बीमारी, चिकित्सीय स्थिति या चोट हो। हमारे शरीर में खून का थक्का जमने का एक प्राकृतिक क्लॉटिंग तंत्र होता है और ऐसे में जब चोट लगने की वजह से रक्तस्राव होता भी है तो कुछ देर बाद यह स्वाभाविक रूप से जम जाता है लेकिन ऐसा सिर्फ तभी होगा जब आपको खून का थक्का जमने से जुड़ी कोई बीमारी न हो। रक्तस्राव के कुछ सामान्य संकेत निम्नलिखित हैं-

  • मुंह, नाक, कान, मलाशय, मूत्रमार्ग के खुलने या त्वचा की सतह जैसे बाहरी छिद्रों से रक्त की हानि
  • बुखार
  • कम हीमोग्लोबिन
  • शॉक (यदि रक्त की हानि को रोका नहीं गया) अंगों का पीला पड़ना, पल्स रेट कम हो जाना
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रक्तस्राव के कारण - Bleeding Causes in Hindi

शरीर में अगर किसी तरह की चोट लग जाए, दुर्घटना के कारण आघात हो या किसी तरह का प्रहार या झटका लगे तो इस कारण भी रक्तस्राव हो सकता है। रक्तस्त्राव होने के कुछ सामान्य दर्दनाक कारण निम्नलिखित हैं:

  • त्वचा पर चोट, खरोंच या घाव, जिससे केशिकाएं फट जाती हैं
  • नाक में चोट लगने या नाक में उंगली करने के कारण भी कई बार नाक से खून आने लगता है
  • सिर में लगी चोट के कारण इंट्राक्रैनियल (आंतरकपालीय) रक्तस्राव
  • बंदूक से लगी चोट

जब किसी चिकित्सीय स्थिति या बीमारी के परिणामस्वरूप रक्त की हानि होती है, तो इन कारणों को चिकित्सीय कारणों के रूप में संदर्भित किया जाता है। इनमें कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

रक्तस्राव का परीक्षण - Diagnosis of Bleeding in Hindi

चोट या आघात के मामले में, घायल अंग के विभिन्न स्कैन से मदद मिल सकती है। कई बार, जब तक ब्लड टेस्ट नहीं किया जाता है, तब तक आंतरिक रक्तस्राव का पता नहीं चल पाता है। ऐसे में रक्तस्त्राव का पता लगाने के लिए कुछ सामान्य डायग्नोस्टिक उपकरणों और तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है:

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रक्तस्राव का इलाज - Bleeding Treatment in Hindi

जब बात रक्तस्त्राव के इलाज की आती है तो इसमें मुख्य रूप से रक्तस्राव को रोकना ही मुख्य उद्देश्य होता है और एक बार जब रक्तस्त्राव होने के अंतर्निहित कारण को डायग्नोज कर लिया जाता है उसके बाद, उसी के अनुरूप इलाज का मॉड्यूल तय किया जाता है। रक्तस्राव को निम्नलिखित तरीकों से मैनेज किया जा सकता है:

  • मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या दूर करने के लिए हार्मोनल उपचार
  • घायल होने पर रक्त की हानि को नियंत्रित करने के लिए टूनिकेट (नस या धमनी से होने रहे रक्त प्रवाह को रोकने के लिए कॉर्ड या टाइट पट्टी बांधना) लगाना
  • दर्दनाक रक्तस्राव को रोकने के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप
  • खून बहने के कारण हाइपोटेंशन को नियंत्रित करने के लिए टीशू ऑक्सिजनेशन और इंट्रावीनस फ्लूइड्स देना
  • सर्जिकल ड्रेसिंग : कोलाजन-आधारित, फाइब्रिन-आधारित और जिलेटिन-आधारित ड्रेसिंग करना जिसमें रक्तस्राव को रोकने के लिए हेमोस्टेटिक एजेंट होते हैं
  • वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर्स : ऐसे एजेंट्स का इस्तेमाल जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर रक्तस्राव को रोकते हैं, जैसे कि कैंसर के मामलों में मूत्राशय या मलाशय से रक्तस्राव को रोकना। यहां, रक्तस्राव वाली जगह पर एंडोस्कोपिक डिलीवरी भी दी जा सकती है।
  • रेडियोथेरेपी : फेफड़े का कैंसर, मूत्राशय का कैंसर या जठरांत्र संबंधी मार्ग के कैंसर के कारण रक्त की हानि होने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है
  • क्लॉटिंग संबंधी विकार होने पर विटामिन के थेरेपी और फाइब्रिनोजेंस दिए जाते हैं
  • खून को गाढ़ा करने या खून के जमाव को बढ़ाने के लिए एंटीफाइब्रिनोलिटिक्स का इस्तेमाल
  • प्लेटलेट कॉन्सनट्रेट, फ्रोजन प्लाज्मा या खून चढ़ाना

खून की भारी क्षति, फिर चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी, घातक हो सकता है। भारी रक्तस्राव के मामले में, खून का जो नुकसान हो गया है उसकी भरपाई के लिए व्यक्ति के शरीर में खून चढ़ाया भी जाता है। 

(सावधानी बरतें- रक्तस्त्राव चाहे जैसा भी हो उस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें। समय पर अगर डायग्नोसिस और इलाज मिल जाए तो व्यक्ति के जीवन को बचाया जा सकता है)



संदर्भ

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रक्तस्राव की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Bleeding in Hindi

रक्तस्राव के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।