कान बंद हो जाना जहां बेहद ही तकलीफदेह होता है। वहीं इससे ध्यान हटाया भी नहीं जा सकता। इस तकलीफ से पीड़ित इंसान हर समय कान में कुछ भारीपन महसूस करता है। यह तकलीफ इतनी जटिल होती है कि इसमें पीड़ित किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाता। कान बंद होने की कई वजहें हो सकती है। हालांकि यह प्रमुख रूप से आंतरिक कान में ब्लॉकेज के चलते होता है। यह ब्लॉकेज यूस्टाचिन ट्यूब में हो सकता है जो कि कान को नाक से जोड़ती है। इस समस्या का तत्काल निदान किए जाने की आवश्यकता होती है ऐसे में आपको तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।

(और पढ़े - कान में दर्द का इलाज)

अगर आपको कान बंद होने की शिकायत है लेकिन अगर आप इसका निदान प्राकृतिक रूप से करवाना चाहें तो हम आपको कुछ आसान और बेहद सरल उपाय बता रहे हैं। जिनसे आप प्रभावी तरीके से अपनी स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

(और पढ़े - कान में दर्द के घरेलू उपाय)

 कान बंद होने की हर एक दिक्कत के लिए उपाय:

कान बंद होने के पीछे कई अलग-अलग तरह के कारक उत्तरदायी हैं। ऐसे में आपको सहजता से समझाने के लिए हमने इस आर्टिकल में कई अलग अलग भाग बनाएं है जिसमें संबंधित कारणों का उल्लेख करते हुए उसके निदान के उपाय सुझाए गए हैं। ऐसे में आपको करना बस यह है कि अपनी समस्या की वजह पहचाननी है और उसके अनुसार उचित इलाज लेना है।

  1. कान में मैल (वैक्स) जम जाने की वजह से कान बंद हो जाना - wax jam jane par band kaan ko kaise khole
  2. एलर्जी या संक्रमण के कारण कान बंद होने का घरेलू इलाज - Allergy ya Infection ke karan kaan band hone ke gharelu Upay
  3. कान में द्रव जमा हो जाने पर - kaan mei fluid jama hone par
  4. हवा मान में परिवर्तन के कारण कान बंद होना - Unchai ke karan ear congestion
  5. कान बंद होने पर क्या न करें? - kaan band hone par kya naa kare
  6. डॉक्टर से कब मिलें - doctor se kab mile

कान में मैल (वैक्स) जम जाने की वजह से कान बंद हो जाना:

आपका कान ईयर वैक्स यानि कि मैल का उत्पादन करता है। यह वैक्स कर्ण गुहा को साफ और सुरक्षित रखता है। यह बेहद चिपचिपा होता है और मैल तथा बाहरी पदार्थों को कान के अंदर घुसने से रोकता है। कई बार यह अंदर काफी अधिक मात्रा में इकट्ठा हो जाता है, और हल्के दर्द के साथ भारीपन का एहसास देने लगता है। ध्यान दें कि यह कोई बीमारी नहीं है और घर ही पर सुगमता से इसका इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ प्राकृतिक सॉफ्टनर (मुलायम करने वाली) चीजों की जरूरत होती है। हम यहां आपको कुछ प्राकृतिक मुलायम करने वाले ईयर वैक्स सॉफ्टनर के बारे में बता रहे हैं। (और पढ़े - बच्चों में कान का मैल निकालना सही है)

प्राकृतिक तेल:

जैतून का तेल:

तेल को बतौर ईयरवैक्सक्लींजर इस्तेमाल करना बेहद अच्छा अपाय है, क्योंकि यह चिपचिपे मैल को नरम करके कान से बाहर निकाल देता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप इसे किस तरह प्रयोग कर सकते हैं।

सामग्री:

  • ऑलिव ऑइल
  • ड्रॉपर– बूंद गिराने वाला कोई साधन

कैसे करें:

  • तेल की दो से तीन बूंदे कान के अंदर ड़ाल लें।
  • बिस्तर पर इस तरह लेट जाएं कि आपका पीड़ित कान ऊपर की ओर रहे।
  • ऐसे ही लेटे रह कर पांच से दस मिनट तक तेल को अपना काम करने दें।
  • कान से सारा मैल और गंदगी निकालने के लिए इस प्रक्रिया को दो से तीन दिन तक दोहराएं।

बादाम का तेल:

बादाम का तेल भी जैतून के तेल की तरह बेहद असरकारक होता है और समान तरीके से काम करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको वहीं प्रक्रिया काम लेनी है जो आपने जैतून के तेल में ली।

टिप:

कुछ मौकों पर कान में तेल ड़ालने से कुछ लोगों को कान में झनझनी या जलन महसूस होती है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो तेल का इस्तेमाल न करें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।

नीलगिरी का तेल:

आवश्यक सामग्री:

कैसे करें:

  • खौलते हुए पानी में कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की मिला लें।
  • खुद को इस तरह ढंके की भाप कहीं बाहर न निकल पाएं।
  • इस पतीले पर झुक कर भाप लेना शुरू कर दें और देर तक भाप लें। 

(और पढ़े - नमक के पानी के फायदे और नुकसान)

कलौंजी का तेल:

आम तौर पर हम कलौंजी की बहुत उपेक्षा करते हैं लेकिन इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह अस्थमा, पेट के मुद्दे, बवासीर और कई दिक्कतों को ठीक करने के लिए जानी जाती है।

आवश्यक सामग्री:

कैसे करें :

  • हाथ में थोड़ा सा कलौंजी का तेल ले.
  • इसे उंगलियों में रगड़े और प्रभावित एरिया पर हल्के हल्के इसकी मालिश करें।
  • बिना डॉक्टर से पूछे इस तेल को कान में न डाले।
  • अधिक लाभ के लिए आप इसे खाने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

 ग्लिसरीन:

बहुत सी ओवर द काउंटर कान की मैल निकालने वाली ड्रॉप्स बनाने में ग्लिसरीन का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए आपको सादे ग्लिसरीन का प्रयोग करना है। जी हां, वहीं ग्लिसरीन जो त्वचा को नर्म करने के लिए आप लगाते हैं। हम यहां आपको ग्लिसरीन इस्तेमाल करने का आसान तरीका बता रहे हैं।

आवश्यक सामग्री:

  • ग्लिसरीन
  • ड्रॉपर

कैसे करें :

  • बंद कान में ग्लिसरीन की तीन बूंदे ड़ाल लें।
  • इस तरह लेटे रहें कि आपका पीड़ित कान छत की ओर रहे।
  • इस प्रक्रिया को चार दिनों तक दिन में दो बार रोजाना करें।
  • कान में मैल जमने की वजह से हुए ब्लॉकेज से आपको जल्द ही मुक्ति मिल जाएगी।

हाइड्रोजन पैराऑक्साइड:

हाइड्रोजन पैराऑक्साइड कान में जमें मैल से पीछा छुड़ाने का एक बहुत ही बेहतर तरीका है। इसका प्रयोग करके डॉक्टर आपके कान में जमा मैल को बाहर निकालते हैं। ऐसे में नीचे बताएं गए मार्ग का प्रयोग करके आप घर में ही हाइड्रोजन पैराऑक्साइड की मदद से अपने कानों से मैल निकाल सकते हैं।

आपको क्या चाहिए होगा:

कैसे करें :

  • रुई का एक फाया लें। उसे हाइड्रोजन पैराऑक्साइड के घोल में डूबो लें।
  • इस रूई के फाये को अपने कान के ऊपर ले जाकर निचोड़ें ताकि दो से तीन बूंद हाइड्रोजन पैराऑक्साइड कान में गिर जाएं।
  • इस ढंग से लेटे कि आपके कान की गुहा आसमान की ओर रहे और एक मिनट ऐसे ही रूके। कुछ ही देर में यह मैल ढ़ीला पड़ जाएगा।
  • अबकी बार एक मिनट तक प्रतीक्षा करके अब दूसरी करवट लेकर लेट जाएं ताकि प्रभावित कान नीचे की ओर रहे और सभी द्रव तथा मैल बहकर बाहर निकल जाएं।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

कई सारी ऐसी एलर्जी हैं जो कान बंद कर सकती है जैसे कि सर्दी, फ्लू, खराब गला और साइनोसाइटिस। ये परिस्थितियां कर्ण गुहा और मध्य कान को प्रभावित करती है। अगर इनका इलाज न किया जाएं तो यह समस्या और भी विकट हो सकती है।

यहां हम कुछ घरेलू इलाजों के बारे में बात करते हैं जो इसी परिस्थिति से संबंधित हैं और कान की दिक्कत से निजात दिलाते हैं।

भांप लेना:

कान में प्रेशर बन जाने या कोल्ड और साइनस के कारण कान बंद होने पर भाप लेना रामबाण उपाय है। यह अंदर जमें बलगम को पतला करके इसे आसानी से बाहर निकाल देता है। कई लोग कहते हैं कि उन्हें इससे कोई लाभ नहीं हुआ जबकि जरूरी है कि इसे सही ढंग से किया जाए तब इससे लाभ ही लाभ होते हैं।

आवश्यक सामग्री:

  • पानी
  • पतीला
  • टॉवेल

कैसे करें:

  • एक पतीला लें, इसे पानी से भर दें और उबलने रख दें।
  • इसे कुछ मिनट तक उबालें ताकि इसमें से देर तक भाप निकलती रहे।
  • एक साफ टॉवेल लें, इससे अपने सिर को ढंके, और पतीले पर झुक जाएं और इस तरह झुके रहें कि भाप आपके अंदर जाएं।
  • तेज सांसे लें और कुछ देर तक भांप लेते रहें।

टिप: भांप लेने के लिए आप गर्म पानी से नहा भी सकते हैं या गर्म पानी के बाथटब में भी बैठ सकते हैं।

गर्म सिंकाई:

एक अन्य तरीका गर्म सिंकाई करना भी है जिससे कि आप बंद कान को खोल सकते हैं। ऐसा खास तौर से साइनाइटिस के मामलों में होता है। जब किसी को साइनस इंफेक्शन होता है तो उनका पूरा चेहरा और कान भारी लगते हैं। ऐसे में खुद को गर्म सिंकाई देने से आप अपनी दिक्कत से राहत पा सकते हैं। ऐसे करें गर्म सिंकाई –

आवश्यक सामग्री:

  • पानी
  • पतीला
  • रुमाल

कैसे करें:

  • पतीले में एक लीटर पानी उबाल लें।
  • गैस बंद कर दें और कॉटन का कपड़ा या रूमाल ले लें।
  • इसे गर्म पानी में भिगाएं और फिर पानी निचोड़ दें।
  • इसके बाद प्रभावित क्षेत्र पर इससे सिंकाई करें।
  • ऐसा करके आपको सिर, कान और चेहरे पर हल्केपन का एहसास होगा।
  • बेहतर परिणामों के लिए इसे कुछ दिनों तक रोज दो बार करें।

नहाते या तैरते हुए कान में पानी भर सकता है। ऐसा कान में तेजी से पानी घुस जाने के कारण होता है। ऐसा होने पर आपको लगातार कान में कुछ भरा हुआ, कुछ बजता हुआ सा महसूस होता है। कभी कान में अधिक पानी चले जाने से संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। तैराकों को अक्सर इस तरह के संक्रमण से दो -चार होना पड़ता है क्योंकि कई बार वे प्रदूषित या मिश्रित जल में तैराकी करते हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए कई तरह के उपाय काम में लिए जाते हैं जैसे कि कान में रूई रखना ताकि वह पानी को सोंख ले। या फिर कान में उंगली ड़ाल कर इसे हिलाना ताकि पानी बाहर आ जाएं। हालांकि भले कान में एक बूंद पानी ही गया हो लेकिन यह काफी मुश्किलों भरी परिस्थिति हो सकती है। इससे निपटने के लिए हम आपको कुछ सुझाव दे रहे हैं।

(और पढ़े - कान बजना)

  • तैराकी पर जाने के बाद कान में मौजूद अतिरिक्त जल को सोंखने के लिए सूखे टॉवेल को इस्तेमाल करें। (और पढ़े - (स्वीमर्स इयर)
  • सर को इस तरह घुमा लें कि प्रभावित कान जमीन की ओर हो जाएं और कान को अलग -अलग दिशाओं की ओर हल्का सा खिंचे। कुछ मिनट यह प्रक्रिया दोहरातें रहें। गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव से आपके कान का पानी धीरे -धीरे बाहर निकल जाएगा।
  • अगर यह भी लाभ नहीं पहुंचाता तो हेयरड्रायर का सावधानी से इस्तेमाल करें।
  • ड्रायर की हीट और गति कम से कम रखें।
  • कान को हाथों से खोलते हुए एक निश्चित दूरी से कान में हवा प्रवाहित करें।
  • अतिरिक्त पानी को हटाने के लिए आप ईयर ड्रॉप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।  (और पढ़े - कान बहने के लक्षण)
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

जब आप छुट्टियों पर ऊंचाई वाली जगहों पर जाते हैं तो आपको कानों में एक खिंचाव सा महसूस हो सकता है। यह बिना कारण नहीं होता है, इसके होने के पीछे विज्ञान उत्तरदायी है। आपको बता दें कि कान के अंदर और बाहर दबाव समान होता है। यह दबाव एक विशेष ट्यूब द्वारा संतुलित किया जाता है जो कि कान के मध्य भाग को नाक और गले से जोड़ती है। (और पढ़े - एल्टीट्यूड सिकनेस का इलाज)

  • उबासी लेना: जानबूझ कर उबासी लें, इससे ट्यूब खुलती रहेगी और कान में वायु प्रवाह संतुलित रहेगा। जिससे दिक्कत में आराम मिलेगा। (और पढ़े - नींद की कमी के लक्षण)
  • निगले: खाना हो या कैंडी ऊपर की ओर बढ़ते समय लगातार कुछ न कुछ निगलते रहें, इससे कान बंद नहीं होंगे। हालांकि अगर आपको यात्रा करते समय उल्टी आने की दिक्कत है, तो कुछ चुसने के स्थान पर अपने सलाइवा को ही निगलते रहे।
  • च्यूइंग गम: ऊपर या नीचे यात्रा करते समय अपनी कर्णगुहा को ब्लॉक होने से बचाने के लिए च्यूइंग गम चबाते रहें।
  • श्वसन संबंधी व्यायाम: ऊंचाई की ओर जाने पर तेजी से फेंफड़ों में सांस भर लेना और तब धीरे -धीरे सांस बाहर छोड़ना कान बंद होने से बचने का एक सटीक उपाय है। हां यह करते हुए बहुत तेजी से न सांस लें और न ही सांस छोड़ें।
  • सोएं न: जब प्लेन लैंड कर रहा हो तो सोएं नहीं, बल्कि ऊपर बताएं गए तरीकों को काम लेते रहें ताकि कान बंद होने से बचाव किया जा सकें।

    टिप: छोटे बच्चों या नवजातों को धीरे -धीरे कोई भी पेय पदार्थ पिलाएं ताकि उनको कान बंद होने की पीड़ा से निजात दिलाई जा सके। 

ईयरकैंडल का इस्तेमाल न करें

कुछ लोगों को लगता है कि ईयरकैंडल की गर्मी से कान का मैल पिघल जाएगा और बाहर आ जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि यह कान में डालना सेहत के लिए बिल्कुल उचित नहीं है। अमेरीकन फूड एंड ड्रग विभाग के अनुसार आपको कभी भी ईयरकैंडल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह ईयरवैक्स को पिघलाती नहीं है बल्कि स्थाई तौर पर आपके कान को डैमेज कर देती है। इसके अलावा इसके चलते कान में भराव, खून आना या ईयरड्रम में जलन आदि हो सकती है। (और पढ़े - कान में कुछ चले जाने के लक्षण)

अपने कान को खुजलाएं नहीं

अपने कानों को रूई के फाहे, पेंसिल, पेन या ऊंगलियों से खुजलाएं नहीं। इससे कान के पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है और आपकी श्रवण शक्ति भी जा सकती है। यहां तक कि खुजलाते वक्त वैक्स के कान में और अंदर धंस जाने का भी खतरा रहता है। जिसके चलते स्थिति और भी विकट हो जाती है। (और पढ़े - सुनने में परेशानी के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

कोई भी कदम उठाने से पहले अपने डॉक्टर से मशवरा कर लेना बेहद समझदारी भरा निर्णय है। अन्यथा आपकी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। यहां हम वह सुझाव दे रहे हैं जो आपको यह बताएंगे कि आपको कब अपने डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।

  • अगर घरेलू उपचार कतई काम नहीं कर रहे हैं।
  • कान में लगातार दर्द बना हुआ है।
  • कान 48 घंटे से अधिक समय से लगातार बंद है।

संदर्भ

  1. Department of Health. Earwax. Victorian Government Melbourne [Internet]
  2. Aaron K, Cooper TE, Warner L, Burton MJ. Ear drops for the removal of ear wax. Cochrane Database Syst Rev. 2018 Jul 25;7:CD012171. PMID: 30043448
  3. Am Fam Physician. 2007 May 15;75(10):1523-1528. [Internet] American Academy of Family Physicians; Cerumen Impaction.
  4. Health Harvard Publishing. Harvard Medical School [Internet]. Got an ear full? Here's some advice. Harvard University, Cambridge, Massachusetts.
  5. U. S Food and Drug Association. [Internet]. Don't Get Burned: Stay Away From Ear Candles
  6. healthdirect Australia. Ear wax. Australian government: Department of Health
  7. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Ear Infections
  8. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Ear barotrauma
  9. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Sinusitis
  10. National Institutes of Health; [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; Cold, Flu, or Allergy?.
  11. Health Harvard Publishing. Harvard Medical School [Internet]. What to do about sinusitis. Harvard University, Cambridge, Massachusetts.
ऐप पर पढ़ें