डिजिटेलिस परप्यूरिया
सामान्य नाम : फॉक्सग्लोव
लक्षण : डिजिटेलिस परप्यूरिया का उपयोग मुख्य रूप से उन स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है जो हृदय को प्रभावित करती हैं। यह हृदय की मांसपेशियों के कार्य को उत्तेजित करता है और हृदय को मजबूती प्रदान करता है। ब्लड इंफेक्शन के मामले में फॉक्सग्लोव पल्स रेट (नाड़ी की दर) को नियमित करने, श्वसन में सुधार करने और हार्ट फेल के जोखिम को कम करने में मदद करता है। यह निम्न लक्षणों में भी फायदेमंद है :
- सांस लेने में कठिनाई, रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि उनके फेफड़ों में संकुचन आ गया हो और गहरी सांस लेने की तेज इच्छा हो रही हो
- छाती में कमजोरी
- पैल्पिटेशन (किसी गतिविधि, अधिक थकान या बीमारी की वजह से अनियमित दिल की धड़कन) व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जेसे हृदय धड़कना बंद कर देगा
- बुखार के बाद हार्ट फेल
- कार्डियक ड्रॉप्सी (पानी के जमाव के कारण दिल के ऊतकों में सूजन)
- सायनोसिस (कम ऑक्सीजन स्तर के कारण त्वचा का रंग नीला होना)
यह लक्षण भोजन के बाद और सीधा बैठने पर बदतर हो जाते हैं। जब व्यक्ति खुली हवा में कुछ समय बिताता है, तो इनमें सुधार होता है।
अबीस नाइग्रा
सामान्य नाम : ब्लैक स्प्रूस
लक्षण : एबिज नाइग्रा उन बूढ़े लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिनमें जठरांत्र संबंधी समस्याएं होती हैं, खासकर कॉफी और चाय के सेवन के बाद। यह उपाय तेजी से दिल की दर को कम करके सेप्सिस के इलाज में मदद करता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है जैसे :
- दिल की धड़कन तेज या धीमी होना व चुभने जैसा दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई, जो रोगी के लेटने पर बिगड़ जाती है
- रात को बेचैनी
- छाती में दर्द महसूस होना
- सांस लेते समय छाती का सही से न फूलना
- फेफड़ों में संकुचन
- पेट दर्द के साथ बुखार
जब भी रोगी कुछ खाता है, तो लक्षण और खराब हो जाते हैं।
बेलाडोना
सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड
लक्षण : डेडली नाइटशेड ज्यादातर निवारक उपाय के रूप में दिया जाता है और यह उन लोगों में अच्छा असर करता है, जिनका चेहरे पर लालिमा, चेहरे की त्वचा गर्म, बेचैनी मानसिक उत्साह इत्यादि होता है। यह तेज बुखार, तेज हृदय गति और चेहरे की लालिमा जैसे लक्षणों को कम करके सेप्सिस का इलाज करने में मदद करता है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है :
- चेहरे की मांसपेशियों में मरोड़ व साथ में तेज और अनियमित दर्द होना
- प्यास की कमी के साथ तेज बुखार और पैरों में ठंड का एहसास
- चेहरे की मांसपेशियों में अनियंत्रित रूप से गतिविधि होना
- चेहरे का रंग नीला होना
- सांस लेते हुए विलाप करना
- खांसते समय बाएं कूल्हे में दर्द
- तेज आवाज निकालने पर वॉयस बॉक्स में दर्द
- खांसी के कारण पेट में दर्द होना
यह लक्षण दोपहर में और लेटने के दौरान खराब हो जाते हैं, लेकिन व्यक्ति को तब थोड़ा बेहतर महसूस होता है जब वह सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में रहता है।
लैशेसिस म्यूटस
सामान्य नाम : बुशमास्टर
लक्षण : यह उपाय उन लोगों में अच्छी तरह से काम करता है, जिन्हें भ्रमित विचार आते हैं। सेप्टिक रोगियों में, यह उपाय बुखार के प्रबंधन में सहायता करता है और सेप्टिक शॉक के कारण होने वाले एम्बोलिज्म (धमनी में खून का थक्का) और ब्लीडिंग को कम करने में मदद करता है। लैशेसिस म्यूटस अन्य लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है जैसे :
- बेचैनी
- समय का पता नहीं चलना
- चेहरे पर सूजन व रंग बदलना
- रुक-रुककर बुखार आना
- ठंड लगने के साथ बुखार
यह लक्षण बाएं तरफ लेटने, नींद लेने के बाद या आंख बंद करने पर, गर्म पानी से नहाने और गर्म पेय पीने से बिगड़ जाते हैं। जबकि गर्म सिकाई से इन लक्षणों में सुधार होता है।
आर्सेनिकम एल्बम
सामान्य नाम : आर्सेनिक एसिड
लक्षण : यह उपाय ठंड लगने के साथ बेचैनी, कमजोरी और बुखार के लक्षणों को कम करके सेप्सिस का इलाज करने में मदद करता है। यह अन्य लक्षणों में भी लाभ देता है जैसे :
- कमजोरी और चिड़चिड़ापन
- छोटी-छोटी गतिविधियों को करने के बाद थकान लगना
- रुक-रुककर बुखार आना
- तेज ठंड लगना
- शरीर में जलन के साथ पित्ती
- हाथ-पैरों में झनझनाहट और कांपना
- नींद के पैटर्न में गड़बड़ी
- नील पड़ना
- सुबह के समय पल्स रेट तेज होना
यह लक्षण आधी रात को ठंड महसूस होने, नम मौसम में और ठंडे भोजन व ठंडे पेय पदार्थ का सेवन करने से खराब होते हैं। गर्म वातावरण में, सिर को ऊंचा रखने पर और दाहिने हिस्से के बल लेटने से इनमें सुधार होता है।
कार्बो वेजिटेबिलिस
सामान्य नाम : वेजीटेबल चारकोल
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो पिछली बीमारी से पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए हैं, जो आसानी से बेहोश हो जाते हैं और जिन्हें ताजी हवा की जरूरत होती है। सेप्सिस रोगियों में, यह एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम और पर्याप्त मात्रा में सांस न आने जैसी बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों में भी राहत पाई जा सकती है :
- आवाज बैठना जो बात करने के बाद और शाम के समय में बदतर हो जाती है
- दमा के कारण त्वचा के रंग का नीला होना
- घरघराहट
- ठंड लगने और प्यास बढ़ने के साथ बुखार
- फेफड़ों में ब्लींडिंग
- अधिक पसीने के साथ बुखार
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में जलन
यह लक्षण खुली हवा या ठंडी हवा में रहने, शाम और रात के समय में, वसा वाले भोजन मक्खन या दूध या कॉफी लेने के बाद खराब हो जाते हैं।
बैप्टिसिया टिंक्टोरिया
सामान्य नाम : वाइल्ड इंडिगो
लक्षण : इस उपाय का उपयोग मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। सेप्सिस के रोगियों में, यह गर्म त्वचा और एआरडीएस जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है। वाइल्ड इंडिगो निम्नलिखित लक्षणों के खिलाफ भी प्रभावी है :
- फेफड़ों में संकुचन की भावना की वजह से सांस लेने में कठिनाई
- ठंड लगना व साथ में बुखार, शरीर में एक सामान्य दर्द के साथ बुखार, इस स्थिति में ठंड आमतौर पर 11 बजे के आसपास लगती है।
- त्वचा पर अल्सर व जलन
- मानसिक भ्रम की स्थिति
कोहरे की उपस्थिति और घर के अंदर रहने पर, नम और गर्म मौसम में लक्षण बदतर हो जाते हैं।
पाइरोजेनियम
सामान्य नाम : आर्टिफिशियल सेप्सिन
लक्षण : पाइरोजेनियम एक शानदार एंटीसेप्टिक है और यही वजह है कि इसे सेप्सिस के लिए सबसे अच्छे होम्योपैथिक उपचार में से एक माना जाता है। यह सेप्सिस से जुड़े बुखार और बेचैनी जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है और सेप्सिस के रोगियों में हार्ट फेल के जोखिम को भी रोकता है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों के खिलाफ भी प्रभावी है :
- अचानक से तापमान बढ़ना और ठंड लगना, विशेष रूप से पीठ में
- पैरों और हाथों में सुन्न होने की दिक्कत
- तापमान में गिरावट के बिना अधिक पसीना व बुखार
- सूजन के कारण त्वचा का रंग खराब होना
- शरीर में दर्द की स्थिति जो हिलने-डुलने के बाद बेहतर हो जाती है
- अनचाहा डिस्चार्ज
यह लक्षण चलने फिरने पर बेहतर हो जाते हैं।
फास्फोरस
सामान्य नाम : फॉस्फोरस
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए बेस्ट है, जिन्हें सुनने, सूंघने, छूने और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता है। यह सेप्सिस से जुड़े निमोनिया और ब्लीडिंग को कम करने में मदद करता है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों को भी लाभ होता है :
- अधिक पसीना और शाम को ठंड लगने के साथ बुखार
- भुजाओं और हाथों में सुन्नता और रात में घुटनों में ठंड लगना
- जोड़ों में अचानक कमजोरी
- बाईं ओर लेटने पर दिल की धड़कन बढ़ जाना
- ब्लीडिंग के साथ अल्सर
यह लक्षण मौसम बदलने पर, मानसिक और शारीरिक परिश्रम के बाद, शाम के समय, बाईं ओर लेटने पर और गर्म खानपान से खराब हो जाते हैं। इन सभी शिकायतों में तब सुधार होता है जब मरीज दाईं ओर लेटता है, ठंडा खाता या ठंडे महौल में रहता है।