आंखों में धुंधलापन का मतलब कुछ भी साफ नजर न आना है. कभी-कभार उम्र बढ़ने से या कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी आंखों में धुंधलापन हो जाता है. सुबह उठते ही मोबाइल देखना और लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप इस्तेमाल करने से भी आंखों में धुंधलेपन की समस्या हो सकती है. आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू उपाय के तौर पर आंखों को ल्यूब्रिकेट करना, एयर क्वालिटी में सुधार लाना व धूम्रपान बंद करना मददगार साबित हो सकता है.

आज इस लेख में हम आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में जानेंगे -

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  1. आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू तरीके
  2. सारांश
आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू उपाय के डॉक्टर

आंखों में धुंधलेपन के कारणों के आधार पर इसके घरेलू उपचार और लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है. आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू उपायों में आंखों को ल्यूब्रिकेट करने, एयर क्वालिटी में सुधार लाने, धूम्रपान बंद करने से मदद मिलती है. आइए, आंखों का धुंधलापन दूर करने के उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं -

आराम

आंखें बहुत ही सेंसिटिव होती हैं. इन्हें भी शरीर की तरह आराम की जरूरत होती है. इसलिए, पर्याप्त नींद लेना जरूरी है. लंबे समय तक कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल स्क्रीन को देखते रहने से आंखें थक जाती हैं और आंखों में धुंधलापन की समस्या शुरू होने लगती है. इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि हर 20 मिनट के बाद करीब 5 मिनट का ब्रेक लिया जाए.

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आंखों को ल्यूब्रिकेट करना

अगर ड्राईनेस की वजह से आंखों में धुंधलापन है, तो इसमें सुधार लाने के लिए आंखों को झपकाना या वॉर्म कंप्रेस की मदद से आईलिड्स की हल्की मालिश जैसे घरेलू उपाय से मदद मिल सकती है. ऐसा करने से आईलिड्स की मीबोमियन ग्रंथियों को आराम मिल सकता है. बाजार में मिलने वाले आर्टिफिशियल टियर्स की मदद से भी आंखों को ल्यूब्रिकेट करने में मदद मिल सकती है. थकान की वजह से होने वाली ड्राई आईज की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए ये आंखों को ल्यूब्रिकेट रखने का काम करते हैं.

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एयर क्वालिटी में सुधार

ड्राई मौसम वाली जगह में रहने से भी आंखों में धुंधलेपन की समस्या हो जाती है. ऐसे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करके ड्राई आईज से बचा जा सकता है. चेहरे की ओर सीधी हवा से परहेज करने की सलाह दी जाती है, खासकर रात के समय.

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धूम्रपान बंद करना

धूम्रपान की वजह से कैटरेक्ट व ऑप्टिक नर्व डैमेज जैसी आंख से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है. लगातार धूम्रपान करने से ड्राई आईज की समस्या और बढ़ सकती है, जिससे आंखों में धुंधलापन बढ़ सकता है. इसलिए, धूम्रपान से दूरी बनाए रखना ही सही निर्णय है.

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एलर्जन से परहेज

एलर्जी से बचने और इसे ठीक करने के लिए एलर्जी पैदा करने वाले कारकों से दूरी बना कर रखना चाहिए. उदाहरण के लिए यदि किसी को धूल से एलर्जी है, तो उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि उसका घर पूरी तरह से साफ हो. वरना धूल से आंखों को समस्या हो सकती है. यदि घर के बाहर एलर्जी है, तो खिड़कियों को बंद करके रखने और ऐसे एयर कंडीशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना चाहिए, जो एलर्जन को फिल्टर करके बाहर निकाल सके.

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ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन

शोध बताते हैं कि ओमेगा 3 फैटी एसिड ड्राई आई लक्षण वाले लोगों पर पॉजिटिव प्रभाव डालते हैं. ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स में मिल सकते हैं. ये प्राकृतिक रूप से फैटी फिशअलसी और अखरोट में भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.

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आंखों की सुरक्षा

धूप में जाने पर हमेशा आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सनग्लासेज लगाने चाहिए. ऐसे सनग्लासेज को चुनने की सलाह दी जाती है, जो यूवीए और यूवीबी दोनों तरह की लाइट को ब्लॉक कर सकें. सनग्लासेज ठंडे और ड्राई मौसम में भी मददगार हो सकते हैं, जब सूरज की किरणें सीधे आंखों पर पड़ती हैं. इन्हें लगाने का एक अन्य फायदा तेज चलने वाली हवाओं से आंखों को बचाना भी है.

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विटामिन-ए का सेवन

यदि डाइट में विटामिन-ए की कमी है, तो इससे ड्राई आई व आंखों में धुंधलापन जैसी समस्या होने की आशंका रहती है. विटामिन-ए के लिए डेयरी उत्पाद, मछली, गाजरकेल, लाल शिमला मिर्च व पालक आदि का सेवन किया जा सकता है. ध्यान रहे कि अधिक विटामिन-ए का सेवन करने से विपरीत प्रभाव भी हो सकते हैं.

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अगर आंखों का धुंधलापन ड्राई आईज, एलर्जी या लंबे समय तक स्क्रीन के इस्तेमाल से हो रहा है, तो इसे घरेलू उपाय के जरिए ठीक किया जा सकता है. वहीं, अगर आंखों का धुंधलापन इन घरेलू उपायों से भी ठीक नहीं हो रहा हो या इसके साथ दर्द या अन्य लक्षण भी हों, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर सही सलाह व इलाज करवाना चाहिए.

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