ब्रेन ट्यूमर का अर्थ है अविकसित कोशिकाओं की अनियंत्रित गुणन के कारण मस्तिष्क में गांठ बनना। ब्रेन ट्यूमर को दो प्रकार में बांटा गया है, प्राइमरी और मेटास्टेसिस। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उसके आस-पास के ऊतकों में ही शुरू होता है, जबकि मेटास्टेसिस ब्रेन टयूमर शरीर के किसी अन्य हिस्से में शुरू होकर दिमाग तक फ़ैल जाता है, ज्यादातर खून के माध्यम से। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर सामान्य या घातक हो सकते हैं, लेकिन मेटास्टेसिस ब्रेन टयूमर हमेशा घातक ही होते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर की जगह पर निर्भर करते हैं। इसके सबसे मुख्य लक्षण हैं, सिरदर्द, उलझन, भ्रम, देखने व सुनने में दिक्कत, संतुलन खोना और ध्यान लगाने या सोचने में दिक्कत। ब्रेन ट्यूमर के कारण व्यक्ति को दौरे भी पड़ सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के मुख्य कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन इसके कुछ जोखिम कारक सामने आए हैं। ट्यूमर होने का खतरा उम्र के साथ-साथ बढ़ता है, हालांकि कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर छोटे उम्र के लोगों में अधिक सामान्य हैं। ज्यादा देर तक रेडिएशन के संपर्क में रहना, परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर का इतिहास और टर्नर सिंड्रोम जैसे अनुवांशिक कारणों के कारण भी ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए अक्सर सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जिनसे ट्यूमर के प्रकार के साथ-साथ उसके स्वभाव का भी पता चलता है। अंतिम पुष्टि करने के लिए व्यक्ति की बायोप्सी भी की जा सकती है।
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होम्योपैथी में ऐसी कुछ दवाएं मौजूद हैं, जिनके उपयोग ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। ऐसी कुछ दवाएं हैं, अर्निका मोंटाना, प्लंबम मेटालिकम और बैरीटा कार्ब। अध्ययनों से ये पाया गया है कि ट्यूमर के लिए किए जाने वाले मुख्य उपचार के साथ होम्योपैथिक इलाज का उपयोग करने से अच्छा असर होता है।
- होम्योपैथी में ब्रेन ट्यूमर का उपचार कैसे होता है - Brain tumor ka homeopathic ilaj
- ब्रेन ट्यूमर की होम्योपैथिक दवा - Brain tumor ke liye homeopathic medicine
- होम्योपैथी में ब्रेन ट्यूमर के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me brain tumor ke khan-pan aur jeevanshaili me badlav
- ब्रेन ट्यूमर के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Brain tumor ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
- ब्रेन ट्यूमर के लिए होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Brain tumor ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में ब्रेन ट्यूमर का उपचार कैसे होता है - Brain tumor ka homeopathic ilaj
ब्रेन ट्यूमर के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं का असरदार प्रभाव देखा गया है। होम्योपैथी ऐसा उपचार है, जिससे व्यक्ति का प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से कम से कम दुष्प्रभावों के साथ इलाज किया जाता है। इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और बीमारियों के लक्षणों से निपटने के लिए शरीर की ताकत में भी वृद्धि होती है।
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यूनाइटेड किंगडम (UK) में किए गए एक अध्ययन से होम्योपैथिक दवाओं का ब्रेन ट्यूमर पर अच्छा असर देखा गया। विश्व भर में मौजूद ब्रेन ट्यूमर के रोगी अब एलोपैथिक उपचार को नहीं बल्कि होम्योपैथिक इलाज को पसंद कर रहे हैं।
अधिक मात्रा में दिए जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं से ट्यूमर को बढ़ने से रोका जा सकता है और इनकी बहुत कम मात्राओं से ट्यूमर बनने की संभावना को कम किया जा सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का ऐसा मानना है की होम्योपैथिक दवाओं में मौजूद सक्रीय अणुओं से रोगी को दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर की होम्योपैथिक दवा - Brain tumor ke liye homeopathic medicine
ब्रेन ट्यूमर के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के बारे में नीचे दिया गया है:
- अर्निका मोंटाना (Arnica Montana)
सामान्य नाम: लेपर्ड्स बेन (Leopard’s bane)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- लंबे समय से चल रही वर्टिगो की समस्या।
- बोलने में लगातार घबराहट होना।
- भ्रम होना। (और पढ़ें - मतिभ्रम का इलाज)
- सिर में संकुचन।
- माथे में ठंडक महसूस होना।
- चलते समय चीज़ें घूमती हुई नज़र आना।
- आंख बंद करने पर चक्कर आना।
- थकान। (और पढ़ें - थकान दूर करने के उपाय)
- आवाज़ें सुनाई देना।
- दूध और मीट खाने की इच्छा न होना।
- सांस में बदबू आना। (और पढ़ें - मुंह से बदबू आने पर क्या करना चाहिए)
- ऐसा लगना जैसे पेट पीठ की तरफ खिंच रहा है।
- तेज खांसी आना।
- त्वचा पर काले-नीले निशान।
- थक जाने पर बेचैनी और नींद न आना।
- हिलने-डुलने पर और नम व ठंडे मौसम में लक्षण बदतर होना।
- नीचे सिर करके लेटने पर समस्या बढ़ जाना।
- बैरीटा कार्ब (Baryta Carb)
सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ़ बैरीटा (Carbonate of baryta)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- याददाश्त खोना और भुलक्कड़पन।
- भ्रम होना।
- मसूड़ों से खून आना। (और पढ़ें - पायरिया के लक्षण)
- टॉन्सिल्स की सूजन। (और पढ़ें - टॉन्सिल के घरेलू उपाय)
- निगलते समय गले में दर्द।
- ऐसा महसूस होना जैसे मस्तिष्क हिल रहा है।
- चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करें)
- बाल झड़ना, खासकर सिर के आगे की तरफ से। (और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के तरीके)
- धूप में खड़े होने पर वर्टिगो।
- सुनने में परेशानी।
- कान में दर्द के साथ सूजन। (और पढ़ें - कान के दर्द के लिए क्या करें)
- झुकने पर सिरदर्द।
- माथे में और आंखों के ऊपर दर्द।
- लगातार उनींदापन।
- गर्दन में दर्द के साथ अकड़न।
- सिर की त्वचा पर हाथ लगाने में दर्द।
- नाक की ऊपरी तरफ और माथा सुन्न होना।
- सिर में फोड़े फुंसी और सूखी पपड़ी। (और पढ़ें - फोड़े फुंसी हटाने का तरीका)
- आंखों में दर्द और जलन वाला दर्द।
- रौशनी नज़र आना, खासकर अंधेरे में।
- लगातार प्यास लगना।
- पाचन शक्ति कमजोर होना। (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
- हिलने-डुलने पर और आराम करने पर लक्षण बदतर होना।
- कोनियम मैकुलेटम (Conium Maculatum)
सामान्य नाम: पाइजन हेमलॉक (Poison hemlock)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण अनुभव होने पर ये दवा दी जाती है:- कमजोरी। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
- लेटने पर वर्टिगो।
- लेटे हुए साइड बदलने पर वर्टिगो।
- माथे की दोनों तरफ दर्द व खिंचाव, जो खाने के बाद बढ़ जाता है।
- आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता।
- तेज और गंभीर सिरदर्द के साथ मतली व उल्टी।
- सिर भारी होना।
- बाल झड़ना। (और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के लिए शैम्पू)
- आंखों में दर्द, खासकर पढ़ते समय।
- आंखों के नीचे खुजली और जलन। (और पढ़ें - आंखों में खुजली का इलाज)
- चीज़ों का लाल दिखना।
- रौशनी के प्रति संवेदनशीलता, जो हल्की सी चोट लगने पर भी बढ़ जाती है।
- कानों में तेज दर्द।
- नाक में सूजन। (और पढ़ें - नाक की हड्डी टेढ़ी होने के लक्षण)
- लगातार कब्ज की समस्या होना।
- सांस फूलना।
- छाती में दर्द के साथ तेज खांसी।
- दम घुटने के दौरे पड़ना।
- धड़कन तेज होना। (और पढ़ें - दिल की अनियमित धड़कन के कारण)
- गर्दन में अकड़न।
- पीठ में ऐंठन।
- ठीक से नींद न आना।
- दिन में उनींदापन।
- गर्मी लगना और अत्यधिक पसीना आना। (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के घरेलू उपाय)
- सीने में जलन होना, खासकर रात को सोते समय।
- हाइड्रैस्टिस कैनाडेंसिस (Hydrastis Canadensis)
सामान्य नाम: गोल्डनसील (Goldenseal)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों को इस दवा से ठीक किया जा सकता है:- भुलक्कड़पन के साथ डिप्रेशन। (और पढ़ें - डिप्रेशन दूर करने के लिए योग)
- चिड़चिड़ापन।
- माथे में दर्द होना।
- सिर की त्वचा में दर्द।
- गर्दन की मांसपेशियों में दर्द।
- कान में चीख की या गरजने की आवाज़ आना।
- सिर की दाईं तरफ दर्द। (और पढ़ें - आधे सिर के दर्द के कारण)
- आंखों में जलन के साथ अत्यधिक पानी आना।
- नाक से गले में गाढ़ा रिसाव गिरना।
- मुंह का स्वाद कड़वा होना।
- पीठ की निचली तरफ दर्द होना।
- उठने के लिए हाथों का उपयोग करने की आवश्यकता होना।
- लगातार कब्ज होना। (और पढ़ें - कब्ज में क्या खाना चाहिए)
- त्वचा पर छाले।
- धड़कन तेज होने के साथ चक्कर आना।
- पीठ दर्द, जो चलने से बेहतर हो जाता है। (और पढ़ें - पीठ दर्द के घरेलू उपाय)
- नींद में बेचैनी।
- काली आयोडेटम (Kali iodatum)
सामान्य नाम: आयोडाइड ऑफ़ पोटैशियम (Iodide of potassium)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों को अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- दुखी होना और चिंता। (और पढ़ें - चिंता खत्म करने के लिए योगासन)
- याददाश्त खोना।
- ठीक से न बोल पाना और धीरे बोलना।
- अंदरूनी कमजोरी।
- दिमागी तनाव के कारण सिरदर्द। (और पढ़ें - तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)
- वर्टिगो, खाकसार ट्रेन से यात्रा कारने में।
- सिरदर्द, जो ज्यादातर सुबह 5 बजे बदतर हो जाता है।
- तेज सिरदर्द के साथ प्रभावित क्षेत्र में ठंडक महसूस होना।
- माथे की एक तरफ तेज दर्द।
- सुबह 6 बजे माथे की दाईं तरफ तेज दर्द होना।
- सिर की त्वचा को छूने पर या खुजली करने पर दर्द होना। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के उपाय)
- सिरदर्द, जो खुली हवा में बेहतर हो जाता है।
- शाम के समय सिर भारी होना।
- सिर में गांठें बनना।
- बाल झड़ने के साथ बालों के रंग में बदलाव आना।
- आंखों का बाहर निकलना।
- आंखों की पुतली में दर्द। (और पढ़ें - आंख में दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
- पलकों की सूजन।
- कम दिखना।
- कानों में घंटी या गुंजन सुनाई देना।
- सुनाई न देना।
- दाएं कान में चुभन वाला दर्द।
- उल्टे कान में खुजली।
- गले में सूजन।
- नींद में बेचैनी।
- प्लंबम मेटालिकम (Plumbum metallicum)
सामान्य नाम: लेड (Lead)
लक्षण: इस दवा का इस्तेमाल नीचे दिए लक्षणों के लिए किया जाता है:- लगातार दुखी रहना और डिप्रेशन।
- चीज़ें व बातें समझने में समय लगना।
- याददाश्त खोना।
- मानसिक उलझन।
- सिर भारी होना।
- चक्कर आना और बेहोशी।
- सिर में तेज दर्द।
- बालों का जड़ों से तैलीय और नीचे से सूखा होना।
- सिर, भौहें और मूछों के बाल झड़ना।
- गले से दर्द सिर में जाना।
- आंखों में दबाव और दर्द होना, जैसे पुतलियां बहुत बड़ी हो गई हों।
- आंखों में भारीपन, खासकर उन्हें हिलाने में।
- पूरा दिखाई न देना और आंखों में सूजन। (और पढ़ें - आंखों की सूजन के घरेलू उपाय)
- कानों में तेज दर्द के साथ सुनाई देना बंद होना।
- कानों में गुंजन होना। (और पढ़ें - कान बजने के कारण)
- तेज आवाज़ें सुनने पर चिड़चिड़ापन।
- जबड़े में ऐंठन।
- दांत पीसना।
- खाने की बिलकुल इच्छा न होना।
- रात के समय लक्षण बदतर हो जाना।
- प्रभावित क्षेत्र को दबाने व मलने पर सिरदर्द बेहतर होना।
- सेपिया (Sepia)
सामान्य नाम: इंकी जूस ऑफ़ कटलफिश (Inky juice of cuttlefish)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:- लगातार दुखी रहना।
- वर्टिगो के साथ ऐसा लगना जैसे सिर में कुछ घूम रहा है।
- माथे की दाईं तरफ चुभन वाला दर्द।
- सुबह खाने से पहले मतली व उल्टी। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
- बल झड़ना और बालों की जड़ों पर हाथ लगाने में दर्द।
- माथे पर पिम्पल्स होना। (और पढ़ें - पिम्पल्स हटाने के उपाय)
- नज़र में काले धब्बे दिखना।
- कानों के पीछे और गर्दन पर हर्पीस के ज़ख्म होना।
- पेट फूलना। (और पढ़ें - पेट फूल जाए तो क्या करना चाहिए)
- लिवर के क्षेत्र में दर्द होना, जो लेटने से बेहतर हो जाता है।
- बार-बार कब्ज होना।
- थका देने वाली खांसी होना। (और पढ़ें - खांसी में क्या खाएं और क्या नहीं)
- तेज धड़कन के साथ हॉट फ्लैशेस।
- पीठ में दर्द और कमजोरी।
- हाथ-पैर में बेचैनी।
- दोपहर और शाम में लक्षण बदतर होना।
- व्यायाम करने से, दबाव बनाने से या गर्म सिकाई करने से लक्षण बेहतर होना। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)
- नाक से गाढ़ा हरे रंग का रिसाव होना।
होम्योपैथी में ब्रेन ट्यूमर के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me brain tumor ke khan-pan aur jeevanshaili me badlav
होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:
क्या करें:
- पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें।
- रोगी के आस-पास की जगह को अच्छे से साफ रखें।
- स्वस्थ जीवनशैली के साथ स्वस्थ व पौष्टिक आहार लें और नियमित रूप से थोड़ा व्यायाम करें। (और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)
- अपने आप को सक्रीय रखने के लिए थोड़ा व्यायाम अवश्य करें, जैसे योग और सैर। (और पढ़ें - सुबह की सैर करने के फायदे)
- आरामदायक कपडे पहनें, जिससे आपके शरीर को हवा मिलती रहे।
क्या न करें:
- सुस्ती भरी जीवनशैली न अपनाएं।
- होम्योपैथिक उपचार लेते समय चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थ न लें, इनसे दवाओं के असर पर बुरा पड़ सकता है।
- शराब बिलकुल न पिएं। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
- तेज गंध वाले पदार्थों से दूर रहें।
- दवाओं को सीधी धूप में न रखें।
- प्याज व लहसुन न खाएं।
ब्रेन ट्यूमर के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Brain tumor ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं को प्राकृतिक तत्वों से बनाया जाता है और उन्हें बहुत अधिक घोला जाता है, जिससे इन दवाओं के वास्तविक तत्व बहुत कम रह जाते हैं। इसके बाद व्यक्ति के स्वास्थ्य और लक्ष्णों को ध्यान में रखते हुए ये दवाएं उसे बहुत ही कम मात्रा में दी जाती हैं। इसी कारण, होम्योपैथिक दवाएं बहुत सुरक्षित होती हैं और इनके दुष्प्रभाव भी नहीं होते। दुष्प्रभाव न होने के बावजूद भी इन दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के लिए होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Brain tumor ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
ब्रेन ट्यूमर सामान्य और घातक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। इसके कारण ज्यादातर सिरदर्द, नज़र की समस्याएं, उलझन और संतुलन संबंधित समस्याएं होती हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य और उसकी जीवनशैली पर काफी असर पड़ता है। होम्योपैथी ऐसा इलाज है जिसे मुख्य उपचार के साथ लिया जा सकता है और इसके दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। हालांकि, बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा नहीं ली जानी चाहिए।
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12 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
- American Association of Neurological Surgeons. [Internet]. Rolling Meadows, IL, United States; Brain Tumors.
- Manfred Mueller. Is Homeopathy an Effective Cancer Treatment?. The American Homeopath Volume 18, 2012
- E. Ernst. Homeopathy for cancer?. Curr Oncol. 2007 Aug; 14(4): 128–130. PMID: 17710204
- William Boericke. Homeopathic Materia Medica. Homsopathic Materia Medica. Médi-T, 1999.
- National Center for Homeopathy. [Internet]. Mount Laurel NJ. Baryta carbonica.
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- William Boericke. Materia Medica. Salvator Apotheke, 1901.
- James Tyler Kent. Materia Medica. Salvator Apotheke, 2014.
- Samuel Hahnemann. Organon Of Medicine. 6th edition. Aphorism 259 to 261