मेटास्टेटिक शब्द का अर्थ होता है कैंसर का वहां से बाकी हिस्सों में फैलना जहां से वह शुरू हुआ है. मेटास्टेटिक को एडवांस्ड कैंसर भी कहा जाता है, क्योंकि यह स्टेज 4 कैंसर होता है. यह एक तरह का ब्रेस्ट कैंसर है, जो ब्रेस्ट के अलावा शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल जाता है. पीलिया होना या पेट में सूजन होना है इसके कुछ लक्षण हैं. दवाइयों द्वारा या हार्मोन थेरेपी द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है और इसे बढ़ने से रोका जा सकता है.

आज इस लेख में आप मेटास्टेटिक कैंसर के कारण, लक्षण व इलाज के बारे में जानेंगे -

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  1. क्यों होता है मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर?
  2. मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
  3. मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की जांच
  4. मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
  5. सारांश
मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के डॉक्टर

इस प्रकार के कैंसर में पहले कैंसर सेल्स ब्रेस्ट में उत्पन्न होती हैं और फिर शरीर के अन्य भागों में फैलते हैं. यह किस भाग में फैला है, उस हिसाब से इसे लोकल, रीजनल या डिस्टेंट कैंसर का नाम दिया जा सकता है.

लोकलाइज्ड मेटास्टेटिक कैंसर का मतलब है ब्रेस्ट कैंसर आसपास के लिंफ नोड्स में फैल चुका है. अगर ये फेफड़े, स्किन, लिवर, बोन्स व दिमाग में फैलते हैं, तो इसे डिस्टेंट कहा जाता है. हाथ-पैरों में सूजन, सिर में दर्द इसके कुछ लक्षण हैं.

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।

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इसके लक्षण लेवल 1 कैंसर से अलग हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं -

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इस कैंसर की जांच के लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं, जोकि इस प्रकार हैं -

  • अल्ट्रासाउंड - अल्ट्रासाउंड तकनीक के जरिए साउंड वेव्स के माध्यम से शरीर के आंतरिक भागों की तस्वीर देखी जा सकती है.
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग - एमआरआई में मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो तरंगों का प्रयोग करके डिटेल इमेज देखी जा सकती है.
  • ब्लड केमिस्ट्री स्टडीज - इस तकनीक में ऑर्गन या टिश्यू द्वारा निकलने वाले डिस्चार्ज को पहचानने के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है. इसमें पाया जाने वाला पदार्थ बीमारी का कोई लक्षण हो सकता है.
  • ब्रेस्ट बायोप्सी - ब्रेस्ट बायोप्सी में डॉक्टर सेल्स या टिश्यू को निकाल लेते हैं और फिर उनकी जांच करते हैं. माइक्रोस्कोप के द्वारा इस बायोप्सी को जांचा जाता है और कैंसर है या नहीं इस बात की पुष्टि की जाती है.

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मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का इलाज ट्यूमर को सिकुड़ने और उसके बढ़ने की गति को कम करने के लिए किया जाता है. इस कैंसर का इलाज करते समय अगर कोई थेरेपी काम करना बंद कर दे या अधिक साइड इफेक्ट्स दिखने लगें, तो उस केस में इलाज में बदलाव भी किया जा सकता है. अधिकांश रोगियों को विभिन्न तरह के इलाज से गुजरना पड़ सकता है. आइए, मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

हार्मोन थेरेपी

हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को रोक दिया जाता है. कुछ ब्रेस्ट कैंसर में रिसेप्टर्स होते हैं, जो इन हार्मोन्स से चिपक जाते हैं और फिर फैलते हैं. ऐसे में हार्मोन्स को ब्लॉक करके कैंसर की रफ्तार को कम किया जा सकता है. इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जिसमें वजाइनल ड्राइनेस व हॉट फ्लैश शामिल है.

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कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी में अलग-अलग तरह की ड्रग्स शामिल होती हैं, जिनमें से ब्रेस्ट कैंसर के लिए सही ड्रग का ढूंढना जरूरी होता है. इसे कुछ हफ्तों में एक साइकिल बनाकर दिया जाता है. कुछ मरीज इसे सहन कर पाते हैं, तो कुछ नहीं. इसके साइड इफेक्ट्स में भूख न लगना, जी मिचलाना, वजन कम होना, बाल झड़नाडायरिया होना, थकान होना और मुंह में छाले होना आदि शामिल हैं.

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टारगेटेड ड्रग्स

टारगेटेड ड्रग्स थेरेपी नए प्रकार का इलाज है, जिसमें कैंसर को बढ़ने में मदद करने वाले कुछ प्रकार के प्रोटीन व जीन म्यूटेशन को ब्लॉक किया जाता है. इन्हें इनहिबिटर्स और मोनोक्लोनल एंटी बॉडीज के नाम से भी जाना जाता है. इसे कई बार कीमोथेरेपी या फिर हार्मोन थेरेपी के साथ कंबाइन करके भी दिया जाता है. अलग-अलग ड्रग्स के अलग अलग साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.

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इम्यूनो थेरेपी

इम्यूनो थेरेपी में दवाइयों के देने से इम्यून सिस्टम को स्टिमुलेट किया जाता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स को नष्ट किया जा सके. इन्हें इम्यून चैक पॉइंट्स इनहिबिटर के नाम से भी जाना जाता है. इनके साइड इफेक्ट्स में थकान, खांसी होना और भूख न लगना व ऑटो इम्यून डिजीज होना शामिल है.

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अन्य विकल्प

कुछ केस में सर्जरी और रेडिएशन का भी प्रयोग किया जाता है. कुछ मामलों में नए इलाज को प्रयोग में लाने के लिए क्लिनिकल ट्रायल भी किए जाते हैं, लेकिन इसमें नई गाइडलाइंस शामिल होती हैं.

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इंटीग्रेटिव थेरेपी

आमतौर पर इस ट्रीटमेंट को करवाने से फायदा मिल सकता है. इससे दिमाग और शरीर को भी मजबूत होने में मदद मिलती है. ब्रेस्ट कैंसर की वजह से स्ट्रेस और चिंता का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए योगमेडिटेशनमसाज व म्यूजिक थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है. इन चीजों से आपको अच्छा महसूस करने में मदद मिल सकती है.

इन सभी के अलावा निम्न प्रकार की थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है -

  • पेन मैनेजमेंट
  • न्यूट्रीशन थेरेपी
  • न्यूचुरोपैथिक सपोर्ट
  • माइंड बॉडी मेडिसिन
  • स्पिरिचुअल सपोर्ट

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मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 4 का कैंसर है, जिसमें कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है. इसकी लोकल, रीजनल और डिस्टेंट कैंसर के आधार पर पहचान की जा सकती है. ट्यूमर सेल्स का हड्डियों तक पहुंचने के कारण हड्डियों में दर्द होना या फ्रैक्चर होना, इस बीमारी के गंभीर लक्षणों में से एक है. एमआरआई या बायोप्सी द्वारा इस बीमारी की पहचान की जाती है. इस बीमारी में कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी द्वारा इलाज किया जा सकता है.

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