ऐसी कई अलग-अलग चीज़ें हैं जिस के कारण स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स दिखाई दे सकते हैं या इसकी संभावना बढ़ जाती है ।
यौवन के दौरान
यौवन के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्तनों का विकास बहुत तेजी से होने लगता है । जैसे-जैसे स्तन ऊतक बढ़ते है, त्वचा खिंचती है। त्वचा के पतले होने से स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं। कई लड़कियों के लिए स्ट्रेच मार्क्स युवावस्था का एक सामान्य हिस्सा हैं। कुछ लोगों को अपनी जांघों, कूल्हों और बट पर खिंचाव के निशान भी दिख सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान
गर्भावस्था में स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स आना सामान्य कारण है। गर्भावस्था के लगभग छह सप्ताह बाद, स्तनों का आकार बढ़ने लगता है क्योंकि एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने से स्तन वृद्धि और दूध नलिकाओं की वृद्धि शुरू हो जाती है। कुछ महिलाओं के स्तनों में दो कप साइज़ तक की वृद्धि देखी जा सकती है। इसी कारण स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने लगते हैं ।
वजन बढ़ने और घटने के कारण
जिन महिलाओं का वजन बढ़ता है, उनके स्तनों में वसा ऊतक भी बढ़ जाता है। जैसे-जैसे उनके स्तन का आकार बढ़ता है, स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं। वजन घटने के कारण वसा ऊतक कम हो जाता है, फिर भी स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं। यह वजन घटाने के दौरान होने वाले कोलेजन के नुकसान के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा की लोच में कमी आती है।
कॉस्मेटिक सर्जरी के कारण
स्तन प्रत्यारोपण और वृद्धि प्रक्रियाएं त्वचा को खींचती हैं और परिणामस्वरूप खिंचाव के निशान हो सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों में आम है जो स्तन प्रत्यारोपण करवाते हैं।
आनुवंशिकी के कारण
अगर आपके माता-पिता को स्ट्रेच मार्क्स हैं, तो आपको भी उनके विकसित होने की अधिक संभावना है।
अंतर्निहित स्थितियाँ
स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स होना बहुत आम बात हैं और अक्सर इसके सौम्य कारण होते हैं। हालाँकि, कुछ अंतर्निहित स्थिति स्ट्रेच मार्क्स का कारण हो सकती है जैसे अधिवृक्क संबंधी विकार जैसे कुशिंग सिंड्रोम। इससे कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है।
कुछ मामलों में, लोग अन्य स्थितियों के समाधान के लिए जिन उपचारों का उपयोग करते हैं, उनसे स्ट्रेच मार्क्स विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का उपयोग करने वाले लोगों में भी स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देते हैं । मधुमेह त्वचा में कोलेजन के निर्माण को भी प्रभावित कर सकता है। इससे संभावित रूप से स्ट्रेच मार्क्स विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।
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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।