मौसम बदलने पर अधिकतर लोगों को खांसी से परेशान होना पड़ता है. खांसी से फेफड़ों में जमा एक्सट्रा बलगम निकल जाती है. इसके अलावा, खांसी फेफड़ों को वायरस व इंफेक्शन से भी बचा सकती है. वहीं, जब बार-बार खांसी होती है, तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकती है. कुछ लोगों को रात के समय खांसी अधिक परेशान करती है. इसकी वजह से नींद में भी खलल पड़ जाती है. ज्यादातर मामलों में रात में होने वाली खांसी सर्दी, फ्लू या एलर्जी का लक्षण हो सकती है.

इस लेख में आप रात में होने वाली खांसी के कारणों व घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - खांसी के लिए घरेलू उपाय)

  1. रात में खांसी आने के कारण
  2. सारांश
  3. रात में खांसी आने के घरेलू उपाय
रात में खांसी आने का कारण व घरेलू उपाय के डॉक्टर

रात में खांसी कई तरह की स्थितियों के कारण हो सकती है. कुछ मामलों में खांसी 1-2 सप्ताह में ठीक हो जाती है. वहीं कुछ लोगों को खांसी लंबे समय तक रह सकती है. रात में खांसी आने के कारण निम्न हैं -

असामान्य कारण

कुछ ऐसे असामान्य कारण भी हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति को रात में खांसी आ सकती है, लेकिन ये कारण कम ही लोगों में देखने को मिलते हैं -

  • एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इनहिबिटर 
  • काली खांसी

(और पढ़ें - सूखी खांसी दूर करने के उपाय)

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गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज

जीईआरडी एक तरह का क्रोनिक एसिड रिफ्लेक्स है. जब पेट का खाना अन्नप्रणाली से ऊपर उठता है, तो यह कफ रिफ्लेक्स को ट्रिगर कर सकता है. इस वजह से व्यक्ति को रात में खांसी आ सकती है. पेट में जलनछाती में दर्द, तेज खांसी, आवाज बैठना, निगलने में परेशानी होना और गले में खराश भी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लेक्स डिजीज के लक्षण हो सकते हैं. इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.

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पोस्ट नेजल ड्रिप

पोस्ट नेजल ड्रिप तब होती है, जब शरीर सामान्य से अधिक बलगम का उत्पादन कर रहा होता है. यह समस्या रात के समय अधिक देखने को मिलती है. इस स्थिति में बलगम नाक के रास्ते से गले में चली जाती है. जब बलगम वायुमार्ग में जाती है, तो कफ रिफ्लेक्स को ट्रिगर कर सकती है. इसकी वजह से अक्सर लोगों को रात में खांसी हो सकती है. 

गला खराब होना, गले के पिछले हिस्से में गांठ महसूस होना, निगलने में परेशानी होना और नाक बहना भी पोस्ट नेजल ड्रिप के लक्षण हो सकते हैं.

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अस्थमा

अस्थमा भी रात में आने वाली खांसी का एक मुख्य कारण हो सकता है. अस्थमा ऐसी स्थिति है, जिसमें वायुमार्ग सूज जाता है और पतला हो जाता है. इससे सांस लेने में मुश्किल होती है. अस्थमा के मरीजों को खांसी रात में अधिक परेशान कर सकती है. इस दौरान व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न व घरघराहट जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं.

(और पढ़ें - सूखी खांसी का इलाज)

वायरल इंफेक्शन

अधिकतर लोगों में रात में होने वाली खांसी सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे इंफेक्शन के कारण हो सकती है. यह खांसी एक सप्ताह तक ठीक हो जाती है, लेकिन जब फ्लू के लक्षण ऊपरी वायुमार्ग में जलन पैदा करते हैं, तो खांसी को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है. वायुमार्ग संवेदनशील होते हैं, ऐसे में वायरल इंफेक्शन की वजह से रात में खांसी अधिक ट्रिगर हो सकती है.

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रात में होने वाली खांसी सामान्य है या गंभीर, वह इसके कारण पर निर्भर करती है. जैसे अगर सर्दी और फ्लू की वजह से रात को खांसी होती है, तो यह 1-2 सप्ताह में ठीक हो सकती है. इसके अलावा, अगर फेफड़ों की किसी पुरानी बीमारी के कारण खांसी हो रही है, तो इसे ठीक करने में लंबा समय लग सकता है. जिन लोगों को एलर्जी व अस्थमा है, उन्हें खांसी को कम करने के लिए इलाज की जरूरत पड़ती है. इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को हर रोज रात में खांसी हो रही है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें.

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रात में होने वाली खांसी का इलाज, इसके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन शुरुआत में खांसी को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय आजमाए जा सकते हैं. रात में होने वाली खांसी के लिए घरेलू उपाय निम्न हैं -

शहद वाली चाय

शहद रात में होने वाली खांसी में आराम दिला सकता है. गर्म पानी में शहद डालकर पीने से जलन कम हो सकती है. इससे बलगम भी आसानी से निकल सकता है. अगर 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को खांसी होती है, तो उसे शहद देने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें बोटुलिज्म नामक एक तत्व होता है, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है.

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डॉक्टर के पास कब जाएं?

इन घरेलू उपायों को आजमाकर रात में आने वाली खांसी को काफी हद तक कम किया जा सकता है. वहीं, अगर खांसी लंबे समय तक रहे, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. किसी भी व्यक्ति को निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए-

  • 38.3°C  से अधिक बुखार
  • एक सप्ताह से अधिक समय तक खांसी
  • बलगम के साथ खून निकलना
  • छाती में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई

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नोज स्प्रे का इस्तेमाल

नोज स्प्रे के इस्तेमाल से खांसी में आराम मिल सकता है, क्योंकि नोज स्प्रे के इस्तेमाल से गले के सूखेपन को कम किया जा सकता है. इससे बलगम को कम करने में मदद मिल सकती है. इससे नाक की जलन और एलर्जी को कम किया जा सकता है.

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धूम्रपान छोड़ें

धूम्रपान खांसी का एक मुख्य कारण हो सकता है. ऐसे में खांसी को रोकने के लिए धूम्रपान करना बंद कर दें. 

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सिर के नीचे तकिया

रात को सोते समय बलगम गले के पिछले हिस्से में जमा हो सकता है. इससे खांसी अधिक तेज हो सकती है. ऐसे में सिर को ऊंचा रखकर सोने की कोशिश करें. इसके लिए बिस्तर पर 1-2 तकियों के ऊपर सिर रख सकते हैं.

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एलर्जी कम करें

एलर्जी होने पर व्यक्ति को अधिक खांसी या छींक आ सकती है. अगर अक्सर ही रात में खांसी रहती है, तो एलर्जी वाले पदार्थों से दूरी बनाकर रखें. मोल्ड, पालतू जानवरों की रूसी और धूल से एलर्जी ट्रिगर हो सकती है. एलर्जी को दूर करने के लिए सोने से पहले स्नान कर लें. साथ ही एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों से दूरी बनाकर रखें.

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नमी बनाए रखें

शुष्क हवा खांसी को ट्रिगर कर सकती है. ऐसे में जिन लोगों को रात में खांसी होती है, वे हवा में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं. ह्यूमिडिफायर गले को नम रखने में मदद करता है. इससे गले की जलन शांत होती है व खांसी को रोकने में भी मदद मिलती है.

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लिक्विड डाइट

खांसी होने पर शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है. हाइड्रेट रहने से गले में नमी रहती है. इससे गले की जलन शांत होती है और खांसी में आराम मिलता है. इसके लिए दिनभर में रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं. अगर रात को खांसी होती है, तो हर्बल टी और नींबू पानी पी सकते हैं.

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नमक के पानी से गरारे

अगर किसी व्यक्ति को रात के समय खांसी होती है, तो उसके लिए नमक के पानी से गरारे करना असरदार हो सकता है. सोते समय गरारे करने से खांसी को कम किया जा सकता है. नमक का पानी गले की खराश व जलन को शांत करता है. साथ ही बलगम को भी निकालता है.

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