जब दांतों की सख्त सतह हमेशा के लिए नष्ट हो जाती है और उसमें छोटे-छोटे छिद्र या छेद हो जाते हैं, तो इस स्थिति को दांतों में कीड़ा लगना कहा जाता है। दांतों में कीड़ा लगने की स्थिति को कैविटी या दांतों में सड़न भी कहा जाता है। कैविटी एक ऐसी स्थिति है, जिसका इलाज जल्द से जल्द एक अच्छे डेंटिस्ट के पास जाकर करवा लेना चाहिए। हालांकि, अगर यह स्थिति इतनी गभीर नहीं हुई है, तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसके लक्षणों को रोका जा सकता है। इसके अलावा अगर आपको दांतों में कीड़े लगने का खतरा है, तो उन उपायों की मदद से कीड़ा लगने से बचाव भी किया जा सकता है।

  1. लहसुन से करें दांत में कीड़े का इलाज - Lahsun se karein dant me kide ka ilaj
  2. ऑयल पुल्लिंग है दांत में कीड़े लगने का इलाज - Oil pulling hai dant me kide lagne ka ilaj
  3. दांत में कीड़े लगने का घरेलू उपाय है मुलेठी - Dant mein kide lagne ka gharelu upay hai mulethi
  4. एलोवेरा से करें दांतों में कीड़े लगने का घरेलू उपचार - Aloevera se karein danto me kide lagne ka gharelu upchar
  5. नमक का कुल्ला है दांत में कीड़े का उपाय - Saltwater rinse hai dant me kide ka upay
  6. दांत के कीड़े को जड़ से खत्म करने का उपाय है लौंग - Loung hai danto mein kide ki dawa
  7. ब्लैक टी से करें दांत में कीड़े का घरेलू इलाज - Black tea se karein dant mein kide ka gharelu ilaj
  8. कैविटी से बचने के लिए घर पर बनाएं ये टूथपेस्ट - Cavity se bachne ke liye ghar par banaye ye toothpaste
  9. दही है दांत में कीड़ा लगने का रामबाण इलाज - Dahi hai dant me kida lagne ka ramban ilaj
  10. दांतों में कीड़ा लगने पर खाएं सैल्मन मछली - Danton mein kida lagne par khaye salmon fish

लहसुन हजारों सालों से घरेलू उपचार में इस्तेमाल किया जा रहा है। लहसुन में न केवल हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता होती है बल्कि इसे डेंटिस्ट द्वारा दांतों के मैल को साफ करने में भी इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन एक दर्दनिवारक औषधि की तरह भी काम करता है।

आवश्यक सामग्री

  • लहसुन का 1 टुकड़ा
  • थोड़ा सा नमक
  • 1 चम्मच पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • लहसुन को पीस कर उसमें कुछ बूंद पानी मिला लें और इसका पेस्ट तैयार कर लें
  • तैयार पेस्ट को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं
  • चाहें तो लहसुन में चुटकी भर नमक भी मिला सकते हैं

इसके अलावा लहसुन को सीधा भी खाया जा सकता है।

कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को दिन में दो बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

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ऑयल पुल्लिंग यानी तेल के गरारे, इस उपाय में नारियल के तेल को अपने मुंह में कुछ समय के लिए रखा जाता है और उससे कुल्ला किया जाता है। इस प्रक्रिया से दांत के स्वास्थ्य संबंधी काफी लाभ मिलते हैं। इस प्रक्रिया को कवाला ग्राहा या गण्डूषा भी कहा जाता है। शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ और रोगाणु हमारे मुंह में ही पैदा होते हैं। इस प्रक्रिया की मदद से इन रोगाणुओं को बढ़ने से रोका जा सकता है, जिससे कैविटी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

आवश्यक सामग्री

इस्तेमाल का तरीका

  • नारियल या तिल के तेल से 10-20 मिनट तक कुल्ला करें
  • इसके बाद इसे थूक दें और अपने दांत और मुंह टूथब्रश से साफ कर लें

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को दिन में दो बार अपनाएं, एक सुबह उठने के बाद और एक रात को सोने से पहले।

मुलेठी दांत की कैविटी में पैदा होने वाले बैक्टीरिया व अन्य रोगाणुओं को खत्म करने में मदद करती है। इस बात को एक अध्ययन द्वारा भी साबित किया जा चुका है। इस पर अध्ययन करके मुलेठी से कुछ दवाएं व चूसने की गोलियां भी बनाई गई, जो कैविटी को रोकने में मदद करती हैं। इसके बैक्टीरिया और संक्रमण कम करने के गुण भी कैविटी के लक्षणों को रोकने में मदद करते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच मुलेठी का बुरादा
  • कुछ बूंद पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • मुलेठी की लकड़ी का छोटा टुकड़ा लें और उसे पीस लें
  • जरूरत पड़ने पर इसमें कुछ बूंद पानी मिलाएं
  • मुलेठी के इस पेस्ट को अब अपने प्रभावित दांतों पर लगाएं और कुछ समय के लिए ऐसे ही छोड़ दें

आप चाहें तो मुलेठी की लकड़ी को सीधा चबा भी सकते हैं, यह उपाय भी उतना ही प्रभावशाली होता है।

कब इस्तेमाल करें
दिन में दो या तीन बार भी मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

एलोवेरा जेल दांत में कीड़ा लगने के कारण पैदा हुए लक्षणों को कम करने में काफी मदद करता है। 2015 में किए गए अध्ययन के अनुसार एलोवेरा जेल के एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव मुंह के अंदर होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि एलोवेरा जेल में एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं जो कीटाणुओं को नष्ट करके दांतों में सड़न होने से बचाते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच एलोवेरा जेल
  • 1 खाली कटोरी

इस्तेमाल का तरीका

  • एलोवेरा पौधे की टहनी लें
  • अब टहनी को चाकू की मदद से दो हिस्सों में कांट लें और अंदर मौजूद जैल को एक कटोरी में डाल लें
  • इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें
  • ठंडा होने पर जेल को उंगली की मदद से कीड़े लगे हुए दांतों के ऊपर लगाएं
  • अब इसे 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर इसे थूक कर कुल्ला कर लें 

कब इस्तेमाल करें
इस प्रक्रिया को दिन दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे तब तक इस्तेमाल करें जब तक दांतों में कीड़े लगने के लक्षणों से राहत ना मिल जाए।

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डेंटिस्ट के पास जाने से पहले आप सबसे बेहतरीन चीज जो अपना सकते हैं, वो है गुनगुने पानी का कुल्ला। इससे दांतों में जमा विषाक्त पदार्थ व कई प्रकार के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। गुनगुने पानी का कुल्ला करने से दांत में होने वाले कुछ प्रकार के दर्द से आराम मिलता है। कुल्ला करने के पानी में नमक मिलाने से इस उपाय के प्रभाव और भी अच्छे हो जाते हैं। नियमित रूप से नमक पानी का कुल्ला करने से धीरे-धीरे कैविटी के लक्षण काफी हद तक कम हो जाते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • 1 गिलास पानी
  • ½ चम्मच नमक

इस्तेमाल का तरीका

  • पानी को गर्म कर लें
  • अब इस पानी में नमक मिलाएं और गुनगुना होने पर इससे कुल्ला कर लें
  • कोशिश करें कि मुंह में यह मिश्रण हर कोने तक पहुंचे खासतौर से प्रभावित दांतों के पास

कब इस्तेमाल करें
इसे रोजाना दिन में तीन बार करने से दांत में कीड़े लगने से हो रही परेशानियां काफी हद तक कम हो जाती हैं।

लौंग में यूगेनोल नाम का रसायन पाया जाता है, जिसे दंत चिकित्सा में 19वी शताब्दी से इस्तेमाल किया जा रहा है। लौंग और लौंग का तेल लंबे समय से दांतों में कीड़ों के कारण होने वाले दर्द को खत्म करने के लिए घरेलू उपायों में उपयोग किया जाता है। अगर आपको कैविटी के कारण दांतों में दर्द हो रहा है तो यह उपाय उस दर्द को कम करने का अच्छा विकल्प है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच लौंग का तेल
  • थोड़ी सी रुई

इस्तेमाल का तरीका

  • रुई को लौंग के तेल में भिगो लें
  • अब रुई की मदद से तेल को उस हिस्से पर लगाएं जहां पर आपको दर्द महसूस हो रहा है।

इसके अलावा एक लौंग लेकर उसे अपने दांतों के नीचे हल्के-हल्के चबाते रहने से भी कैविटी के कारण हो रहा दांत दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। 

कब इस्तेमाल करें
तेल की मालिश दिन में एक बार और रात में सोने से पहले एक बार जरूर करें।

कई अध्ययन इस बात की सलाह देते हैं कि रोजाना ब्लैक टी के सेवन से दांतों में सड़न की समस्या कम हो सकती है। 2003 में जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार ब्लैक टी दांतों में सड़न को कम करने में मदद करती है। शुरुआत में पाए गए लक्षणों से पता चला कि ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दांतों में सड़न को बढ़ने से रोकते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • 1 कप ब्लैक टी
  • ½ चम्मच शहद

इस्तेमाल का तरीका

  • गर्म पानी में टी बैग डालें
  • अब इसे कुछ समय के लिए पानी में ही छोड़ दें
  • स्वाद के लिए आधा चम्मच शहद मिलाएं
  • गुनगुना होने पर इसे पी लें

कब इस्तेमाल करें
दिन में 2 बार ब्लैक टी पीने से दांतों में सड़न और कैविटी के लक्षण कम होने लगते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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इस सरल से टूथपेस्ट को बनाने के लिए कुछ ही प्राकृतिक सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी, जो सभी घरों में आसानी से उपलब्ध होती हैं। यह टूथपेस्ट आपने खुद बनाया होगा तो आप इस बात से निश्चिन्त रह सकते हैं कि यह आपको या आपके दांतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

आवश्यक सामग्री

इस्तेमाल का तरीका

  • सभी सामग्री को एक साथ मिलाएं जब तक इनका पेस्ट तैयार न हो जाए
  • ध्यान रखें कि पेस्ट में किसी भी प्रकार के टुकड़े या गांठ न बचे
  • अपने रोजाना के टूथपेस्ट की जगह अब इस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें

कब इस्तेमाल करें
इस पेस्ट को लगातार 30 दिन से अधिक इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह दांतों में अन्य गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

दही हमारे मुंह से लेकर दांतों तक सभी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। जापान में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग रोजाना दही का सेवन करते हैं, उनके दांत और मसूड़े दही का सेवन न करने वाले लोगों के मुकाबले अधिक तंदुरुस्त होते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो दांतों में सड़न और कैविटी के कारण होने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। दही कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दांतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 कटोरी दही

इस्तेमाल का तरीका
रोजाना अपने आहार में दही को शामिल करें, दही का सीधा सेवन सबसे फायदेमंद रहता है। इसके अलावा चाहें तो दही में नमक, शहद या हरी सब्जियां भी मिलाकर खा सकते हैं।

कब इस्तेमाल करें
दही को हमेशा अपने आहार में शामिल रखें, दांत में कीड़े लगने की स्थिति ठीक होने के बाद भी आप इसका सेवन जारी रख सकते हैं, क्योंकि इसके सेवन से भविष्य में दांतों की समस्याएं होने की आशंका कम हो जाती है।

सैल्मन मछली में विटामिन डी पाया जाता है, जो मुंह के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह हमारे शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है और इसे अच्छे इस्तेमाल में लगाता है। सैल्मन मछली में विटामिन डी के साथ कैल्शियम भी मौजूद होता है, जो इसे दांतों के स्वास्थ्य का सुपर फूड बनाते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • 100 ग्राम सैल्मन मछली

इस्तेमाल का तरीका
सैल्मन मछली को तल कर, रोस्ट कर के खाया जा सकता है। इसे दिन के आहार में शामिल करना फायदेमंद माना जाता है।

कब इस्तेमाल करें
सैल्मन मछली का सेवन हफ्ते में 3 दिन जरूर करें।

दांतों में कीड़ा लगने पर ऊपर दिए गए उपायों के साथ इन बातों का भी खास ध्यान रखें

  1. दिन में 2 बार से ज्यादा ब्रश न करें, इससे दांतों में तकलीफ बढ़ सकती है
  2. इस स्थिति में शुगर और एसिड युक्त आहार का सेवन बंद कर देना चाहिए 
  3. दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं
  4. धूम्रपान का सेवन बिल्कुल न करें

अगर इन सभी उपायों को अपनाने के बाद भी आपके दांतों में कीड़े लगने की समस्या ठीक नहीं हो पा रही हो, तो जल्द ही किसी डेंटिस्ट से सलाह लें, क्योंकि यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।

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