अमेरिका की फार्मास्युटिकल कंपनी एबॉट ने भारत में डायबिटीज (मधुमेह) की जांच से जुड़ी एक नई डिवाइस लॉन्च की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी ने कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटिरिंग यानी सीजीएम तकनीक पर आधारित फ्रीस्टाइल लिब्रे सिस्टम डिवाइस को लॉन्च किया है। ये डिवाइस भारत में डायबिटीज से पीड़ित वयस्कों के साथ-साथ बच्चों (चार वर्ष से अधिक उम्र) के लिए उपलब्ध होगी। साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज यानी प्रेग्रेंसी के दौरान डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं के लिए भी यह डिवाइस कारगर होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस उपकरण की मदद से व्यक्ति कहीं भी और किसी भी समय अपनी इच्छानुसार ग्लूकोज लेवल की जांच कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप ग्लूकोज लेवल में सुधार देखने को मिलेगा।

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  1. ग्लूकोज लेवल की कैसे जांच करेगी डिवाइस?
  2. क्या है डायबिटीज?

रिपोर्ट के अनुसार इस फ्रीस्टाइल लिब्रे सेंसर में एक छोटा (5.5 मिमी लंबे) फिलामेंट लगा है जिसके माध्यम से इंटरस्टीशियल फ्लुइड हर मिनट ग्लूकोज को मापता है। इसे स्किन (त्वचा) के ठीक नीचे लगाया जाता है और एक छोटे से चिपकने वाले पैड के साथ रखा जाता है। इसके बाद डिवाइस में लगा सेंसर तेजी के साथ व्यक्ति के ब्लड में मौजूद ग्लूकोज लेवल की जांच करता है और वास्तविक समय में ग्लूकोज से जुड़ी सटीक और पूरी जानकारी मिलती है। अच्छी बात ये है कि इस उपकरण की मदद से बिना किसी दर्द या चुभन (रुटीन फिंगरस्टिक्स) के बेहतर परिणाम मिलते हैं। इतना ही नहीं यह डिवाइस आपकी रोजाना की जीवनशैली और चिकित्सा के बीच कोई बाधा नहीं डालती।

कंपनी का कहना है कि फ्रीस्टाइल लिब्रे डिवाइस को इस तरह से डिजाइन यानी तैयार किया है  ताकि कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी और तेजी के साथ अपने ग्लूकोज लेवल की जांच कर सके। एबॉट ने अपने बयान में कहा है कि डाटा से पता चलता है कि हायर स्कैनिंग फ्रीक्यूएंसी की तकनीक से ऑप्टिमल ग्लूकोज रेंज में समय के साथ काफी सुधार देखने को मिला है। एबॉट में डायबिटीज केयर बिजनेस के जनरल मैनेजर कल्याण सत्तारू का कहना है "एबॉट की क्रांतिकारी तकनीक ने वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों के डायबिटीज को मैनेज या नियंत्रित करने के तरीके को बदल दिया है और हम उत्साहित है कि एबॉट कंपनी जीवनशैली को बदलने वाली इस तकनीक को भारत में लेकर आई है।"

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इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हम भारत में फ्रीस्टाइल लिब्रे डिवाइस को लॉन्च करके खुश हैं। इसके बाद लाखों भारतीयों को ग्लूकोज की मॉनिटरिंग (निगरानी) के लिए उच्च-गुणवत्ता के साथ सटीक और दर्द-मुक्त तकनीक मिलेगी।" सत्तारू ने कहा कि इससे लोगों को सेहत से जुड़े ज्यादा से ज्यादा फैसले लेने में मदद मिलेगी, जिससे वो अपना पूरा जीवन जीते हैं। आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो वैश्विक स्तर पर भारत में डायबिटीज की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो अगले दशक में भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या 100 मिलियन यानी 10 करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है।

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डायबिटीज (शुगर) एक ऐसा रोग है, जिसमें रक्त में मौजूद शुगर या ग्लूकोस का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। खाना खाने से हमें ग्लूकोस मिलता है और इन्सुलिन नामक हॉर्मोन इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकाओं में जाने में मदद करता है, ताकि उन्हें ताकत मिल सके। डायबिटीज के सबसे सामान्य लक्षण होते हैं बार-बार पेशाब आना, तेज प्यास व भूख लगना, वजन बढ़ना या असामान्य रूप से कम होना, थकान। इसके अलावा कट या घाव लगने पर उनका जल्दी ठीक न होना, पुरुषों में यौन संबंधी समस्याएं और हाथ-पैर में गुदगुदी महसूस होना या उनका सुन्न होना भी डायबिटीज के लक्षणों में से एक हैं।

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समय के साथ-साथ खून में बहुत ज्यादा ग्लूकोस होने के कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे आपकी आंखों, किडनी और नसों को नुकसान हो सकता है। शुगर के कारण हृदय संबंधी समस्याएं और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं तो हो ही सकती हैं, यहां तक कि इसके कारण आपका कोई हाथ या पैर निकालने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।

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