कान में दर्द हो या घाव, ये सब परेशानी का सबब बन सकते हैं. ये स्थिति इतनी तकलीफदेह हो जाती है कि किसी भी काम को करने में अच्छा नहीं लगता. बस यह लगता है कि किसी भी तरह कान की तकलीफ कम हो जाए. ऐसे में इस समस्या को ठीक करने में पतंजलि की दवाइयां मदद कर सकती हैं.
आज इस लेख में आप कान की समस्याओं के लिए पतंजलि की दवा के बारे में जानेंगे -
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कान के लिए फायदेमंद पतंजलि की दवा
कान में होने वाली किसी भी तकलीफ को कम करने में पतंजलि की दवाइयां मददगार साबित हो सकती हैं. आइए, पतंजलि की इन दवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -
पतंजलि दिव्य धारा - Patanjali Divya Dhara
दिव्य धारा में पुदीना, कपूर और अजवाइन सत जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां मौजूद होती हैं. ये दवा कान के रोग को ठीक करने में सहायक है. इसके साथ यह दवा सिरदर्द, दांत में दर्द, नाक से खून आना व अपच जैसे रोगों में भी लाभकारी है. किसी भी तरह की एलर्जी होने की स्थिति में भी यह दवा तुरंत राहत दिलाती है.
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पतंजलि दिव्य सारिवादि वटी - Patanjali Divya Sarivadi Vati
इसमें श्वेत सारिवा, मुलेठी, पुष्कर मूल, दालचीनी, लघु इलायची, नाग केसर, नीलोफर, गिलोय, लौंग, हरड़, आंवला, बहेड़ा, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, मकोय जूस, गुंजा जूस और भृंगराज स्वरस जैसी सामग्रियां होती हैं. यह आयुर्वेदिक दवा टैबलेट फॉर्म में उपलब्ध है, जिसके सेवन से टिनिटस जैसे कान से जुड़े रोग ठीक होते हैं.
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पतंजलि दिव्य दूर्वदि घृत - Patanjali Divya Durvadi Ghrit
दूर्वदि घृत एक पॉलि-हर्बल फॉर्मूलेशन है, जिसका इस्तेमाल मुंह, नाक, कान या आंख से निकलने वाले खून की स्थिति में किया जा सकता है.
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पतंजलि दिव्य अणु तेल - Patanjali Divya Anu Taila
इस तेल में कई जड़ी-बूटियों का कॉम्बिनेशन मौजूद होना है. इसमें जीवन्ती, देव दारू, नागरमोथा, दालचीनी, अनंत मूल, श्वेत चंदन, दारुहरिद्रा, मुलेठी, शतावरी, बेल, कंटकारी, सुरभि, विडंग, तेज पत्र, रेणुका, कमल किंजला, अजदुग्ध व तिल के तेल जैसी सामग्रियां होती हैं.
इसे लगाने से कान के घाव के साथ ही सिर, गर्दन, कंधे, नाक, आंख, स्किन, गला व बाल से संबंधित रोग ठीक होते हैं. इसको लगाने से सभी सेंसरी ऑर्गन के काम करने की प्रक्रिया में तेजी आती है. इस तेल की मालिश से राहत महसूस होती है.
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पतंजलि दिव्य इयरग्रिट गोल्ड - Patanjali Divya Eargrit Gold
इसके हर टैबलेट में मुलेठी, दालचीनी छाल, छोटी इलायची, तेज पत्र, नागकेसर, फूल प्रियांगू, गिलोय, लौंग, हरड़, बहेड़ा, आंवला, भंगर, मकोय, गुंजा, अर्जुन की छाल, हल्दी, निर्गुंडी, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, शिलाजीत, रसराज रस व टैलकम जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं. यह दवा अंदरुनी कान की सूजन और कान के दर्द में फायदा कर सकती है.
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Urjas शिलाजीत कैप्सूल, शुद्धता और प्राकृतिकता का प्रतीक है, जो आपको स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन की दिशा में मदद करता है। इसमें मौजूद शिलाजीत का सही मात्रा में सेवन करने से आप अपनी सेहत को बनाए रख सकते हैं और अच्छा जीवन जी सकते हैं।
सारांश
कान की परेशानी को दूर करने में इस लेख में बताई गईं पतंजलि की दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही ध्यान रहे कि कान की दवा हर व्यक्ति पर समान असर नहीं करती है. इसलिए, किसी भी दवा को इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
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अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लें.
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