एक्जिमा त्वचा में एक प्रकार की सूजन की स्थिति है। इस बीमारी में आपके त्वचा में खुजली, छाले और लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। समय के साथ इस बीमारी से आपके त्वचा पर दाग या धब्बे भी दिखाई पड़ने लगते हैं। एक्जिमा की बीमारी बचपन में ही शुरू हो सकती है। खासकर 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में एक्जिमा बहुत अधिक सक्रिय होता है, लेकिन यह वयस्क और अधिक उम्र के लोगों को भी प्रभावित करता है।

एक्जिमा आनुवंशिक और वातावरण के प्रभाव से भी हो सकता है। हालांकि, यह मुख्य रूप से किस वजह से होता है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। एक्जिमा की बीमारी में आपको यह पता होना बहुत जरूरी है कि एक्जिमा रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही साथ यह भी पता होना चाहिए कि एक्जिमा में किन चीजों से परहेज करना चाहिए।

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि एक्जिमा से ग्रस्त मरीज को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए -

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  1. एक्जिमा में क्या खाना चाहिए - What to eat in eczema in Hindi
  2. एक्जिमा में क्या नहीं खाना चाहिए - What not to eat in eczema in Hindi
  3. एक्जिमा में एलिमिनेशन डाइट को अपनाएं - Try elimination diet in eczema in Hindi
  4. सारांश

सूजन को बढ़ावा न देने वाले खाद्य पदार्थों को खाने से एक्जिमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसलिए, अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों शामिल करें जो सूजन को ना बढ़ाए। आइए, जानते हैं कि एक्जिमा होने पर मरीज को अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए -

मछली

कुछ मछलियां (जैसे सैल्मन व टूना) खाने से एक्जिमा के लक्षण कम होते हैं। मछली के तेल में बहुत अधिक ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा आप ओमगा-3 फैटी एसिड के पूरक आहार भी ले सकते हैं। एक्जिमा के रोगियों को रोजाना 6 ग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड खाने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें - मछली के तेल के फायदे)

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फल और सब्जियां

क्वेरसेटिन (Quercetin) प्लांट बेस्ड फ्लैवोनॉइड है (फ्लैवोनॉइड फूल, फल और सब्जियों में रंग प्रदान करने का काम करता है)। इसके अलावा यह एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो एक्जिमा क दौरान त्वचा में होने वाली सूजन को कम करता है। निम्न फल और सब्जियों में अधिक मात्रा में क्वेरसेटिन होता है -

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प्रोबायोटिक्स वाले खाद्य पदार्थ

प्रोबायोटिक्स जैसे दही, प्राकृतिक रूप से बनाया गया अचार और पनीर एक्जिमा के रोगियों के लिए लाभदायक होते हैं। दही, में अच्छे बैक्टिरिया होते हैं, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से एक्जिमा के लक्षण कम होते हैं।

(और पढ़ें - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

आप जो खाते हैं, वो सीधे तौर पर एक्जिमा का कारण नहीं बनता है, लेकिन उससे एक्जिमा के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है। खासकर जब आपको किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो और आप उसे अपने आहार में शामिल करते हैं। एक्जिमा की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों को न खाएं  -

इसके अलावा आप फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और खराब वसा वाले खाद्य पदार्थों को भी ना खाएं। इसके साथ ही साथ शुगर युक्त खाद्य पदार्थ भी एक्जिमा के लक्षणों को बढ़ाते हैं। अधिक चीनी खाने से आपके इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, जिसकी वजह से सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा, नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों में चीनी ज्यादा होती है, इसलिए इन खाद्य पदार्थों को न खाएं  -

  • केक
  • कॉफी वाले पेय पदार्थ
  • कोक, पेप्सी आदि
  • स्मूदी

(और पढ़ें - चीनी खाने के फायदे)

एक्जिमा के चलते त्वचा पर खुजली होती है। इसलिए, घरेलू उपचार के साथ-साथ एलिमिनेशन डाइट को अपनाकर एक्जिमा से राहत मिल सकती है। एलिमिनेशन डाइट प्लान के तहत जिन खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है, उन खाद्य पदार्थों को एक महीना या उससे अधिक समय तक के लिए अपने आहार में शामिल नहीं करना चाहिए। आइए, इस बारे में क्रमवार जानते हैं -

  • अनाज, दूध, दूध से बने खाद्य पदार्थ, अंडा, सोया, मछली, घोंघा, केकड़ा जैसे खाद्य पदार्थों से आपको एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे भी एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ हैं। इन खाद्य पदार्थों को आप एक महीना या उससे अधिक समय तक के लिए अपने आहार में शामिल न करें।
  • चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और प्रोसेस्ड फूड भी ना खाएं।
  • इसके अलावा शराब, कैफीन से भी परहेज करें।
  • साथ ही साथ कुछ सब्जियां जैसे मिर्च, आलू, टमाटर और बैगन न खाएं।

इन खाद्य पदार्थों में हिस्टामिन नामक पदार्थ बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है (हिस्टामिन प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में एक प्रकार का पदार्थ है, जो आपके शरीर में सूजन को बढ़ावा देता है)।

एलिमिनेशन डाइट के पहले चरण में आप एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों को एक महीना या उससे अधिक समय के लिए अपने आहार से हटा दें। एक महीने के बाद आप धीरे-धीरे करके इन्हें अपने आहार में शामिल करें। उदाहरण के लिए आपने एक महीने के बाद अपने आहार में दूध को शामिल किया। यदि दूध को शामिल करने के बाद एक्जिमा के लक्षणों में वृद्धि नहीं हुई, तब आप इसे अपनी डाइट प्लान में स्थाई रूप से शामिल करें। अगर दूध से आपको फिर से एलर्जी होने लगती है तो इसे अपने आहार से हटा दें और दूसरे खाद्य पदार्थों को शामिल करें और उनके प्रभाव को देखें।

इस तरह धीरे-धीरे आपको पता चल जाएगा कि किन खाद्य पदार्थ को आपको अपने आहार में रखना है और किसे नहीं। एलिमिनेशन डाइट को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसके अलावा एलिमिनेशन डाइट के दौरान अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें।

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एक्जिमा की समस्या होने पर अपनी डाइट पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। अगर इस दौरान खाने-पीने में लापरवाही की जाए, तो समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, यहां लेख में विस्तार से बताया गया है कि एक्जिमा होने पर क्या खाना चाहिए और किन चीजों को अपनी डाइट से हटाना चाहिए। साथ ही जिन चीजों को डाइट से हटाया गया है, उन्हें ठीक होने पर धीरे-धीरे फिर से डाइट में शामिल करना चाहिए।

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