बेहोश होना या बेहोशी उसे कहते हैं जब व्यक्ति अचानक से जवाब देना या कुछ प्रतिक्रिया करना बंद कर देता है और ऐसा लगता है जैसे वो सो रहा है। बेहोशी की समस्या तब होती है जब व्यक्ति के दिमाग में कुछ समय के लिए खून का प्रवाह रुक जाता है जिससे दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। ये कभी-कभी कुछ समय तक ताजी हवा न मिलने के कारण भी होता है। बेहोशी थोड़े समय के लिए भी हो सकती है या लंबे समय के लिए भी हो सकती है। बेहोश होने पर कभी-कभी अस्पताल जाने की आवश्यकता भी हो सकती है।
बेहोश व्यक्ति किसी भी आवाज या स्पर्श पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता और हो सकता है उसकी नब्ज रुक जाए या वह सांस लेना बंद कर दे। ऐसी स्थिति में आपको उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
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व्यक्ति को बेहोश होने से कुछ सेकंड पहले बेहोश होने की भावना होने लगती है और बेहोश होने पर अचानक उसका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। बेहोशी का कारण कुछ भी हो सकता है। ये समस्या बिना किसी वजह या हृदय से सम्बंधित किसी विकार के कारण भी हो सकती है।
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बेहोशी को हमेशा आपातकालीन स्थिति माना जाना चाहिए और बार-बार बेहोश होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आप जितनी जल्दी डॉक्टर के पास जाएंगे, आपकी समस्या उतनी जल्दी कम होगी।
इस लेख में बेहोश होने से पहले क्या समस्याएं होती हैं, बेहोश होने पर क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और बेहोशी के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
- बेहोश होने से पहले क्या लक्षण होते हैं - Behosh hone se pehle kya hota hai
- बेहोश होने पर क्या करना चाहिए - Behosh hone par kya kare
- किसी के बेहोश होने पर क्या नहीं करना चाहिए - Kisi ke behosh hone par kya na kare
- बेहोश व्यक्ति को डॉक्टर के पास कब ले जाना चाहिए - Behosh vyakti ko doctor ke pas kab le jaye
बेहोश होने से पहले क्या लक्षण होते हैं - Behosh hone se pehle kya hota hai
बेहोश होने से पहले व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने लगते हैं -
- चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करना चाहिए)
- सिरदर्द होना। (और पढ़ें - सिर दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)
- प्रतिक्रिया देने की क्षमता अचानक से कम हो जाना।
- धुंधला दिखना।
- ऊंघना।
- अस्पष्ट बोलना। (और पढ़ें - बोलने में दिक्कत के कारण)
- घबराहट होना। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)
- दिल की धड़कन तेज होना। (और पढ़ें - दिल की अनियमित धड़कन के कारण)
- कमजोरी आना। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)
- त्वचा का रंग उड़ना।
- उलझन।
- शरीर ठंडा होना। (और पढ़ें - शरीर का तापमान कितना होना चाहिए)
- मतली। (और पढ़ें - मतली रोकने के घरेलू उपाय)
बेहोश होने पर क्या करना चाहिए - Behosh hone par kya kare
अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है, तो तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें और मदद आने तक आप निम्नलिखित तरीके से उसकी प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं -
- अगर व्यक्ति थोड़ा बहुत होश में है, तो उससे उसका नाम, उम्र अदि के बारे में सवाल पूछें और देखें कि वह सही से जवाब दे पा रहा है या नहीं। अगर वह सही से जवाब नहीं दे पा रहा है, इसका मतलब है उसकी दिमागी हालत में कुछ बदलाव आया है और वह बेहोश हो सकता है। (और पढ़ें - दिमागी बुखार के लक्षण)
- अगर आपको लगता है कि व्यक्ति बेहोश होने वाला है, तो उसके आस-पास रहें और उसे सहारा दें ताकि उसे गिरने से चोट न लगे।
- अगर व्यक्ति बेहोश हो गया है, तो उसे उसकी पीठ के बल सीधा लिटा दें।
- अब व्यक्ति के पैरों को कम से कम 12-13 इंच तक ऊपर उठा दें ताकि उसके दिमाग में खून का प्रवाह सही हो सके। (और पढ़ें - खून की कमी के लक्षण)
- अगर व्यक्ति ने कोई टाइट चीज पहनी है, जैसे बेल्ट, तो उस चीज को उतार दें।
- अगर व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी में चोट नहीं लगी है, तो उसे उसकी एक लिटा दें व उसका एक पैर इस तरह मोड़ दें कि उसके कूल्हे और घुटने 90 डिग्री के कोण में हों।
- अब आराम से उसकी ठोड़ी को ऊपर उठा दें ताकि उसका श्वसन मार्ग खुल जाए। (और पढ़ें - यूआरटीआई के लक्षण)
- अगर व्यक्ति के मुंह से खून आ रहा है या वह उल्टी कर रहा है, तो भी उसे इसकी एक तरफ करके लिटा दें ताकि उसके गले में कुछ अटक न जाए। (और पढ़ें - गले में कुछ अटक जाए तो क्या करें)
- अगर व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, तो उसे हिलाने की कोशिश न करें और अगर हिलाना आवश्यक हो, तो उसकी पीठ व गर्दन को अच्छे से सहारा देकर हिलाएं। (और पढ़ें - पीठ दर्द के कारण)
- व्यक्ति की नब्ज और सांस को देखते रहें। (और पढ़ें - नब्ज देखने का तरीका)
- अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो उसे सीपीआर दें। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्क्त के कारण)
- अगर व्यक्ति को चोट लगी है तो उसे चोट लगने पर प्राथमिक चिकित्सा दें और अगर खून बह रहा है तो उसे रोकने का प्रयास करें। (और पढ़ें - खून बहना कैसे रोकें)
- अगर व्यक्ति ब्लड शुगर कम होने के कारण बेहोश हुआ है, तो उसके होश में आने के बाद उसे खाने के लिए कुछ मीठा दें। (और पढ़ें - ब्लड शुगर टेस्ट क्या है)
- अगर व्यक्ति को शुगर है या उसने 5-6 घंटों से कुछ नहीं खाया है, तो उसे पीने के लिए जूस दें। (और पढ़ें - शुगर कम करने के घरेलू उपाय)
- जब तक व्यक्ति पूरी तरह से ठीक न हो जाए, तब तक उसे अकेला न छोड़ें।
- अगर आपको लगता है कि आप बेहोश होने वाले हैं और आपके आस-पास कोई नहीं है, तो तुरंत मदद के लिए किसी को बुला लें या एम्बुलेंस को फोन कर दें और अपने घर का दरवाजा खोल दें ताकि अगर आप बेहोश हो जाएं तो आप तक मदद आसानी से पहुंच सके।
किसी के बेहोश होने पर क्या नहीं करना चाहिए - Kisi ke behosh hone par kya na kare
अगर आपके आस-पास कोई बेहोश हो गया है, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -
- बेहोश व्यक्ति को खाने या पीने के लिए कुछ न दें।
- व्यक्ति को बिठाने का प्रयास न करें।
- बेहोश व्यक्ति को अकेला न छोड़ें।
- उसके मुंह पर चांटे न मारें।
- बेहोश व्यक्ति के सिर के नीचे तकिया न रखें।
- उसके चेहरे पर पानी न डालें।
बेहोश व्यक्ति को डॉक्टर के पास कब ले जाना चाहिए - Behosh vyakti ko doctor ke pas kab le jaye
बेहोश होना अपने आप में एक आपातकालीन स्थिति है, जिसके लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए, लेकिन निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर के पास जाने में देरी बिलकुल न करें -
- अगर बेहोश व्यक्ति कुछ मिनटों में होश में नहीं आता।
- अगर बेहोश होते समय व्यक्ति को सिर की चोट लगी है।
- अगर व्यक्ति के होंठ या नाखून नीले पड़ गए हैं। (और पढ़ें - नील क्यों पड़ते हैं)
- अगर बेहोश व्यक्ति को कहीं भी चोट लगी है और खून निकल रहा है।
- अगर व्यक्ति एक महीने में एक बार से अधिक बेहोश होता है।
- अगर व्यक्ति की दिल की धड़कन धीमी या अनियमित है।
- अगर व्यक्ति को शुगर है। (और पढ़ें - शुगर में परहेज)
- अगर महिला गर्भावस्था में है।
- अगर व्यक्ति को छाती में दर्द हो रहा है। (और पढ़ें - छाती में दर्द के घरेलू उपाय)
- अगर व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं।
- अगर व्यक्ति को छाती में दबाव या कोई समस्या महसूस हो रही है। (और पढ़ें - सीने में जलन के कारण)
- अगर व्यक्ति की सांस फूल रही है। (और पढ़ें - सांस फूलने के उपाय)
- अगर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। (और पढ़ें - सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करें)
- अगर व्यक्ति ने मल या मूत्र पर अपना नियंत्रण खो दिया है। (और पढ़ें - पेशाब न रोक पाने के कारण)
- अगर व्यक्ति बोल नहीं पा रहा है या अपने हाथ-पैर नहीं हिला पा रहा है। (और पढ़ें - पैरालिसिस के लक्षण)
- अगर व्यक्ति उलझन में है या उसे धुंधला दिख रहा है। (और पढ़ें - धुंधला दिखने के कारण)
- अगर व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष से अधिक है।
- अगर व्यक्ति को देखने में कोई समस्या हो रही है। (और पढ़ें - भेंगेपन के लक्षण)
- अगर व्यक्ति दिल की बीमारी या कोई अन्य गंभीर समस्या है। (और पढ़ें - दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें)
नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।