फेल्टी सिंड्रोम क्या है?
रूमेटाइड आर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द और सूजन) से ग्रसित कुछ लोगों में एक दुर्लभ विकार मिलता है, जिसे फेल्टी सिंड्रोम (एफएस) के रूप में जाना जाता है। इसके कारण प्लीहा बढ़ जाता है और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती है। यह स्थिति दर्दनाक हो सकती है और कुछ मामलों में गंभीर संक्रमण भी हो सकता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीजों में 3 फीसदी से कम लोग फेल्टी सिंड्रोम का शिकार होते हैं। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तीन गुना अधिक है। बच्चों में यह बीमारी काफी दुर्लभ है।
फेल्टी सिंड्रोम के लक्षण
फेल्टी सिंड्रोम के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- आंखों में जलन या पानी आना
- थकान
- बुखार
- भूख कम लगना या वजन कम होना
- त्वचा पीली पड़ना
- बार-बार संक्रमण होना या लंबे समय तक संक्रमण रहना
- पैरों में घाव या भूरे धब्बे पड़ना
- आमतौर पर हाथ, पैर या बाहों मेंअकड़न, सूजन या दर्द महसूस होना
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फेल्टी सिंड्रोम के कारण
- इस बीमारी के स्पष्ट कारणों का पता डॉक्टरों को अब तक नहीं चल पाया है। उनका मानना है कि यह दो स्थितियों में हो सकता है पहला - शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं संक्रमण से वैसे नहीं लड़ती जैसे उन्हें लड़ना चाहिए, दूसरा - जब बोन मैरो (हड्डियों के बीचों-बीच मौजूद नरम ऊतक) असामान्य रूप से सफेद रक्त कोशिकाएं बनाने लगती हैं।
- इस बीमारी को लेकर एक और सिद्धांत यह है कि जब प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से सफेद रक्त कोशिकाओं पर हमला करने लगती हैं।
- इसके अलावा डॉक्टरों का मानना है कि फेल्टी सिंड्रोम हमेशा जेनेटिक नहीं होता है, लेकिन कुछ ऐसे जीन हैं, जिनके द्वारा फेल्टी सिंड्रोम होने की संभावना बढ़ जाती है।
फेल्टी सिंड्रोम का इलाज
- रोग के लक्षणों को कम करने वाली दवाइयां:
अक्सर मेथोट्रेक्सेट (रुमेट्रेक्स, ओट्रेक्सप, ट्रेक्साल) की कम खुराक फेल्टी सिंड्रोम को गंभीर होने से बचा सकती है। हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे कि उल्टी आना व मुंह में छाले होना। इसके अलावा दवा से लीवर को तो कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए नियमित परीक्षणों की भी आवश्यकता पड़ेगी।
- घर पर देखभाल:
डॉक्टर लक्षणों की जांच के बाद इस बारे में बता पाएंगें कि आपको कितनी शारीरिक गतिविधि और आराम करने की जरूरत है। हीटिंग पैड से हल्के दर्द को दूर करने में मदद मिल सकती है, इसके अलावा इबुप्रोफेन दर्द और सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।
- सर्जरी:
यदि फेल्टी सिंड्रोम गंभीर रूप ले चुका है और अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हैं, तो डॉक्टर प्लीहा को बाहर निकालने के लिए सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं। यह सर्जरी सफेद और लाल रक्त कोशिकाओं को वापस से सामान्य स्तर पर लाने में मदद करती है और लंबे समय तक संक्रमण के खतरे से बचाती है।