मुंह से खून आने लगे, तो यह मसूड़ों में इंफेक्शन का पहला लक्षण होता है. जब मसूड़ों में इंफेक्शन हल्का होता है, तो इसे जिंजिवाइटिस (gingivitis) कहा जाता है. वहीं, जब इस इंफेक्शन के कारण दांतों के आसपास सूजन आ जाती है, तो इसे पीरियोडोंटाइटिस (periodontitis) कहा जाता है. मसूड़ों में संक्रमण होने से डायबिटीज, हार्ट डिजीज, ऑस्टियोपोरोसिस, निमोनिया और कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. इसलिए, बेहतर है कि जल्दी से मसूड़ों में इंफेक्शन का पता चले और इसका इलाज करा लिया जाए. मसूड़ों में इंफेक्शन की दवा के तौर पर डॉक्सीसाइक्लिन, टेट्रासाइक्लिन और मीनोसाइक्लिन मददगार साबित हो सकती हैं.
आज इस लेख में आप मसूड़ों में इंफेक्शन होने की दवा के बारे में जानेंगे -
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मसूड़ों में इंफेक्शन की दवा
मसूड़ों में इंफेक्शन को ठीक करने में दवाइयां सहायक हैं. इन्हें कई बार सर्जरी और अन्य थेरेपी के साथ लेने की सलाह दी जाती है, तो कई बार सिर्फ इन्हें लेने से मसूड़ों में इंफेक्शन ठीक हो जाता है. ये मसूड़ों में इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में सक्षम हैं. साथ ही ये दवाइयां दांत को खराब होने से भी रोकती हैं. मसूड़ों में इंफेक्शन की दवा में डॉक्सीसाइक्लिन व मीनोसाइक्लिन जैसी दवाएं मददगार हो सकती हैं. आइए, अब विस्तार से मसूड़ों में इंफेक्शन की दवाओं के बारे में जानते हैं -
डॉक्सीसाइक्लिन - Doxycycline
डॉक्सीसाइक्लिन ऐसी एंटीबायोटिक है, जो दांतों को खराब होने से रोकने में एंजाइम की सहायता करती है. यह बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकती है, जिससे मसूड़ों में होने वाला इंफेक्शन ठीक होने लगता है. यह जेल फॉर्म में भी आती है और धीरे-धीरे दवा रिलीज होती है. यह पिल फॉर्म में भी उपलब्ध है.
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टेट्रासाइक्लिन - Tetracycline
टेट्रासाइक्लिन बैक्टीरिया को मसूड़ों से आगे विकसित होने से रोकती है. बैक्टीरिया की संख्या कम होने से मुंह में सूजन भी कम हो सकती है. साथ ही दांतों के आसपास से निकलने वाले खून की मात्रा में भी कमी आने लगती है. इसे डेंटिस्ट दांतों को साफ करके मुंह में रख देते हैं.
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मीनोसाइक्लिन - Minocycline
मीनोसाइक्लिन का इस्तेमाल जिंजिवाइटिस और पीरियोडोंटाइटिस डिजीज को ठीक करने के लिए किया जाता है. यह दवा बैक्टीरिया को रोककर मसूड़ों में होने वाले इंफेक्शन को कम करती है.
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क्लोरहेक्सिडिन - Chlorhexidine
क्लोरहेक्सिडिन एक एंटी माइक्रोबियल दवा है, जिसका इस्तेमाल प्लाक और जिंजिवाइटिस को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. यह दवा माउथ रिंस या जेलेटिन भरे हुए चिप फॉर्म में उपलब्ध है. यह अपना असर धीरे-धीरे लगभग 7 दिन में दिखाती है. माउथ रिंस का इस्तेमाल रोजाना करने की सलाह दी जाती है.
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सारांश
मसूड़ों में इंफेक्शन होने की स्थिति में मुंह से खून भी आने लग सकता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और धीरे-धीरे दांतों तक पहुंचकर दांतों को भी खराब कर सकते हैं. मसूड़ों में इंफेक्शन की दवा के तौर पर डॉक्सीसाइक्लिन, क्लोरहेक्सिडिन व टेट्रासाइक्लिन मददगार साबित हुई हैं, लेकिन किसी भी दवा के इस्तेमाल से डेंटिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि एक ही दवा का असर सब पर एक जैसा नहीं होता है.
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अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लें.
मसूड़ों में इंफेक्शन की दवा के डॉक्टर

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