सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि मसूड़ों में दर्द और दांत में दर्द दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं। इसमें काफी तेज दर्द होता है, जिसमें लोग असहज हो जाते हैं और खानपान के अलावा दिनचर्या के सामान्य काम काज करने में भी दिक्कत आती है।

यह बहुत जोर से ब्रश करने, कैंकर सोर बनने या डेन्चर (नकली दांत), रिटेनर या ब्रेसिज पहनने से भी हो सकता है।

  • कैंकर सोर (नासूर जो छोटा, कम गहरा व खुला घाव होता है)
  • डेन्चर (नकली दांत)
  • रिटेनर (डिवाइस जो दांतों को होल्ड करती है यानी उन्हें सही पोजिशन में रहने में मदद करती है)
  • ब्रेसिज (डिवाइस जो दांतों की अलाइंमेंट को सही करती है)

महिलाओं में हार्मोन में बदलाव, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के कारण भी मसूड़ों में दर्द हो सकता है। इसके अलावा पीरियड के दौरान भी यह समस्या ट्रिगर हो सकती है।

कुछ मामलों में, मसूड़ों का दर्द थ्रश, मसूड़े की सूजन या पीरियडोंटाइटिस जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

मसूड़ों के दर्द के घरेलू उपचार मौजूद हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किन स्थितियों में मसूड़ों के दर्द के लिए घरेलू नुस्खा कारगर है और किन स्थितियों में डाॅक्टर से परामर्श करना उचित होता है।

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  1. मसूड़ों के दर्द में असरदार है नमक पानी का कुल्ला - Salt Water gargle for gum pain in Hindi
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  3. मसूड़ों में दर्द दूर करने का तरीका है सिकाई - Cold compress for gum pain in Hindi
  4. मसूड़ों के दर्द का देसी उपाय है टी बैग - Tea bags help with gum pain in Hindi
  5. मसूड़ों में दर्द दूर करने का घरेलू नुस्खा है डेंटल स्प्रे - Dental spray helps gum pain in Hindi
  6. मसूड़ों का दर्द दूर करने के लिए लें ओटीसी दवाएं - Otc meds for gum pain in Hindi
  7. मसूड़ों में दर्द से बचने का तरीका है एलोवेरा जेल - Aloe vera gel for gum pain in Hindi
  8. मसूड़ों में दर्द का घरेलू उपाय है टर्मरिक हनी जेल - Turmeric Gel for gum pain in Hindi
  9. मसूड़ों के दर्द में लगाएं लेमनग्रास ऑयल - Lemongrass Oil for gum pain in Hindi
  10. मसूड़ों के दर्द को कम करता है नारियल तेल - Coconut oil help gum pain in Hindi
  11. मसूड़ों में दर्द होने पर चबाएं लहसुन - Garlic reduce gum pain in Hindi
  12. मसूड़ों के दर्द के लिए घरेलू उपाय से संबंधित टिप्स - Tips related to home remedies for gum pain in Hindi
मसूड़ों के दर्द का घरेलू उपाय के डॉक्टर

स्टोव पर एक कप पानी गर्म करें, ध्यान रहे बहुत तेज नहीं उबालें, सिर्फ हल्का गर्म करें। फिर उसे गिलास में पलट लें। अब उसमें एक चम्मच नमक डालें और उसे अच्छी तरह से मिलाएं।

इस मिश्रण को मुंह में अंदर घुमाएं और फिर इसे सिंक में थूक दें (निगले नहीं)।

नमक मुंह में ऐसे बैक्टीरिया के विकास को रोकने और उन्हें कम करने में मदद करेगा, जो सूजन का कारण हो सकते हैं।

दिन में कम से कम दो बार इस मिश्रण से कुल्ला करें।

(और पढ़ें -  सूजन का आयुर्वेदिक इलाज)

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कुछ जड़ी बूटियां और मसाले भी मसूड़ों में सूजन व दर्द के घरेलू उपचार के रूप में कार्य कर सकते हैं।

लौंग पाउडर और स्पिलैंथेस दोनों एनाल्जेसिक (दर्द से राहत देने वाली) जड़ी बूटी हैं। इन्हें लंबे समय से मुंह में दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। कोई एंटी-इंफ्लेमेटरी पाउडर जैसे हल्दी भी इस मामले में मददगार साबित हो सकती है।

इस उपचार का उपयोग करने के लिए, जड़ी-बूटी के पाउडर को थोड़े गर्म पानी में तब तक मिलाएं जब तक कि वह पेस्ट न बन जाए।

अब इसे सीधे मसूड़ों पर लगाएं और फिर पानी से अपना मुंह धो लें। जितनी बार जरूरत हो उतनी बार इस पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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गर्म या ठंडी सिकाई करने से मसूड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है।

गर्म सिकाई के लिए :
जितना सहन कर पाएं उतने तापमान में पानी गर्म करें। उसमें साफ कपड़ा भिगोएं और निचोड़ कर प्रभावित हिस्से के आसपास सावधानी से लगाएं और हटाएं।

ठंडी सिकाई के लिए :
एक साफ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा लपेटें और इसे प्रभावित हिस्से के आसपास सावधानी से लगाएं व हटाएं।

(और पढ़ें - बर्फ की सिकाई के फायदे)

फ्रेश टी बैग लें और इसे उबलते पानी में पांच मिनट तक डुबोए रखें जैसा कि आप चाय बनाने के लिए करते हैं। इसके बाद जब टी बैग ठंडा हो जाए, तो इसे कम से कम पांच मिनट के लिए प्रभावित हिस्से पर लगाएं।

इसके लिए आप ब्लैक टी, ग्रीन टी या हिबिस्कस टी का चुनाव कर सकते हैं या आप ऐसे किसी चाय को ले सकते हैं जिसमें सूजन को कम करने वाले गुण जैसे अदरक और कैमोमाइल मौजूद होता है। 

यह एंटी-इंफ्लेमेटरी जड़ी-बूटियां स्थिति को शांत कर सकती हैं, जबकि टैनिन ऐसी चीजों को अवशोषित कर सकता है जो मसूड़ों में समस्या का कारण है।

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इस उपचार के लिए स्प्रे वाली साफ बोतल लें, जिसमें कोई भी पदार्थ पहले से न हो।

इस बोतल में पानी भरें और आवश्यक तेलों (पौधों से निकाले गए यौगिक) की पांच बूंदें इसमें मिलाएं। मसूड़ों पर लगाने से पहले इसे हिलाएं और सावधानी से स्प्रे करें।

कभी भी ऐसे एसेंशियल ऑयल को त्वचा पर न लगने दें, जो घुलनशील नहीं है। इसके अलावा, ध्यान रहे कि गलती से भी यह तेल निगल न जाएं। स्प्रे इस्तेमाल करने के बाद पानी से कुल्ला कर लें।

एसेंशियल ऑयल के उदाहरण में पेपरमिंट, अजवाइन और लौंग जैसे तेल शामिल हैं, जिनमें प्राकृतिक रूप से दर्द और सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं।

(और पढ़ें - लौंग के तेल के फायदे)

ओटीसी यानी ओवर द काउंटर दवाइयां, जिन्हें किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीदने के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती है।

साधारण पेन किलर और एनएसएआईडी जैसे एस्पिरिन, एसिटामिनोफेन और आइबुप्रोफेन इस स्थिति में आपकी मदद कर सकते हैं।

यदि देसी नुस्खे काम नहीं कर रहे हैं तो आप ओटीसी दवाइयां ले सकते हैं।

एलोवेरा जेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, यही वजह है कि मसूड़ों में सूजन हो या दर्द यह इलाज के रूप में अच्छा असर करता है। इसके अलावा यदि इसे माउथ फ्लास या टाॅपिकली इस्तेमाल किया जाए तो यह मसूड़ों की बीमारी से जुड़े अन्य लक्षणों को कम करने में बहुत मदद करता है। बता दें, दांतों के बीच मसूड़ों में से प्लाॅक्स या टार्टर हटाने के लिए माउथ फ्लास का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि टाॅपिकली यानी किसी क्रीम की तरह इस्तेमाल करना होता है।

इस उपाय का इस्तेमाल करने के लिए एक कटोरी में चाय वाले चम्मच से 2 से 3 चम्मच एलोवेरा जेल डालें और इसमें इतने ही मात्रा में पानी मिला लें। प्रभावित हिस्से पर जेल लगाएं और करीब 10 मिनट तक ऐसा रहने दें और फिर पानी से कुल्ला कर लें। दर्द को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को रोजाना दो बार दोहराएं।

(और पढ़ें - दांत मजबूत करने के उपाय)

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इस प्राकृतिक जड़ी बूटी में काफी असरदार एंटी-इंफलेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जो प्लााक और मसूड़े की सूजन को रोकने में असरदार हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय घटक होता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है। यह मसूड़ों से ब्लीडिंग और लालिमा को ठीक करने में मदद करता है। जबकि शहद प्लाक बनने से जुड़े मौखिक बैक्टीरिया से निपटने में मदद करता है।

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इस उपाय का इस्तेमाल करने के लिए हल्दी पाउडर में शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे मसूड़ों पर लगाएं, अब इसे 15 मिनट तक रहने दें। इसके बाद मुंह में पानी भरकर चारों ओर अच्छे से घुमाएं व इसे थूक दें। यदि आप तेज परिणाम चाहते हैं तो रोजाना दो बार इस प्रक्रिया को करें।

लेमनग्रास तेल में ऐसे गुण होते हैं जो दांतों में कैविटी से होने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी के खतरे को भी कम करता है। यह मसूड़ों की बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के प्रभावों को रोकने के साथ-साथ प्लाॅक बनने से भी रोकता है। यह दांतों को स्वस्थ और मसूड़ों को मजबूत करता है।

इस उपाय का इस्तेमाल करने के लिए एक कप पानी में लेमनग्रास तेल की 2-3 बूंदें लें और अच्छी तरह से मिलाएं। इस घोल को 50 सेकंड तक मुंह के अंदर घुमाएं और फिर थूक दें। बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को दिन में 2-3 बार दोहराएं।

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नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण हैं। नारियल के तेल के नियमित उपयोग से प्लाक बनने और मसूड़े की सूजन से जुड़े लक्षणों में सुधार होता है।

इस उपाय का उपयोग करने के लिए लगभग 2 चम्मच नारियल के तेल को मुंह में भरें और लगभग 20 मिनट के लिए तेल को मुंह के अंदर चारों ओर अच्छी तरह से घुमाएं और फिर थूक दें। अब अपने मुंह को पानी से अच्छी तरह से कुल्ला करें और दांतों को ब्रश कर लें।

लहसुन एक सुपरफूड है, जिसमें कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। आमतौर पर, लहसुन का इस्तेमाल सर्दी और फ्लू के इलाज के लिए किया जाता है। लहसुन में एलिसिन होता है, जिसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं और यह दांत व मसूड़ों के दर्द के इलाज में काफी प्रभावी है। यह प्लाक का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को मारता है और दर्द निवारक के रूप में भी काम करता है।

उपयोग के लिए एक लहसुन की एक कली को कुचलें और पेस्ट बनाएं फिर इसे कुछ समय के लिए अपने दांत या मसूड़े पर लगाएं। आप मसूड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए लहसुन की ताजी कली को चबा सकते हैं।

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हालांकि, यदि मसूड़ों में हल्के से मध्यम तक दर्द है तो ज्यादातर मामलों में यह चिंता का कारण नहीं होता है। ऐसी स्थिति को आसानी से घर पर ठीक व नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए सिकाई या ओटीसी दवाइयां ली जा सकती हैं।

हालांकि, यदि मसूड़ों में दर्द गंभीर है या लंबे समय से बना है या साथ में किसी अन्य तरह के लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो ऐसे में दांत के डाॅक्टर के पास जाने की जरूरत है।

बता दें, मसूड़ों से जुड़े कई रोग और संक्रमण हैं, जिनकी वजह से मसूड़ों में दर्द हो सकता है। यदि घरेलू उपचार से राहत नहीं मिलती है तो ऐसे में तुरंत मेडिकल उपचार की तलाश करें।

Dr. Rajat Bhende

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ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Rukman Jindal

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