सिरदर्द एक सामान्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति के सिर या गर्दन के क्षेत्र में दर्द होने लगता है। कारण और लक्षणों के आधार पर सिरदर्द को प्राथमिक और माध्यमिक दो प्रकार में बांटा गया है।
प्राथमिक सिरदर्द:
सिर में मौजूद दर्द के प्रति संवेदनशील संरचनाओं, नसों, रक्त वाहिकाओं और सिर व गर्दन की मांसपेशियों में हलचल होने के कारण ये सिरदर्द होता है। शराब, तनाव, सोने की आदतों में बदलाव, नींद न आना, अस्वस्थ खाना, कुछ खाद्य पदार्थ और शरीर की मुद्रा ठीक न होना प्राथमिक सिरदर्द के कुछ कारण हैं। ये सिरदर्द अधिकतर बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है। इसमें माइग्रेन, टेंशन के कारण होने वाला सिरदर्द, सिर की एक ही तरफ होने वाला दर्द और साइनस का सिरदर्द शामिल हैं।
(और पढ़ें - साइनस के घरेलू उपाय)
माध्यमिक सिरदर्द:
किसी अंदरूनी समस्या या बीमारी के कारण दर्द के उत्तेजित होने को माध्यमिक सिरदर्द कहा जाता है। इस प्रकार के सिरदर्द साइनस, कान के इन्फेक्शन, ट्रायजेमिनल न्यूरालजिया और कुछ जानलेवा समस्याओं के कारण होते हैं जिनका आपातकालीन इलाज करना आवश्यक होता है। ये जानलेवा समस्याएं कई प्रकार की हो सकती हैं, जैसे स्ट्रोक, मस्तिष्क धमनीविस्फार, दिमाग के आस-पास ब्लीडिंग, मस्तिष्क में खून का थक्का जमना, दिमाग में खून जमना, मस्तिष्क के इन्फेक्शन (मेनिनजाइटिस और इन्सेफेलाइटिस), ब्रेन ट्यूमर, हाई ब्लड प्रेशर आदि।
सिरदर्द का होम्योपैथिक इलाज दर्द को जल्दी से ठीक करता है और बार-बार सिरदर्द होने की संभावना को कम करके व्यक्ति का लंबे समय के लिए उपचार करता है। होम्योपैथिक उपचार में व्यक्ति की समस्या के लक्षण और उसके जीवन के अलग-अलग पहलू का अवलोकन करके उसके लिए उचित दवा चुनी जाती है। सिरदर्द का इलाज करने के लिए, ग्लोनॉइन (Glonoine), बेलाडोना (Belladonna), जेल्सीमियम (Gelsemium) और स्पिगेलिया (Spigelia) आदि कुछ आम होम्योपैथिक दवाएं हैं। होम्योपैथिक दवाओं की खुराक डॉक्टर हर मामले के आधार पर अलग-अलग देते हैं।
और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाएं)
- होम्योपैथी में सिर दर्द का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me sir dard ka ilaaj kaise hota hai
- सिर दर्द की होम्योपैथिक दवा - Sir dard ki homeopathic dawa
- होम्योपैथी में सिर दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me sir dard ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
- सिर दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Sir dard ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
- सिर दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Sir dard ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में सिर दर्द का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me sir dard ka ilaaj kaise hota hai
जिन लोगों को बार-बार या लंबे समय तक सिरदर्द होता है, उनके लिए बार-बार पेनकिलर दवाएं लेना ज्यादा असरदार नहीं होती, इससे उनकी समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाता। होम्योपैथी में बार-बार होने वाले सिरदर्द का आसान और सुरक्षित इलाज मौजूद है जो ज्यादातर मामलों में असरदार होता है। होम्योपैथिक उपचायर न केवल सिरदर्द को ठीक करता है, बल्कि सिरदर्द करने वाले जोखिम कारक का भी इलाज करता है।
सिरदर्द के ज्यादतर दो ही कारण होते हैं, सिर और गर्दन की रक्त वाहिकाओं में जमाव या सिर व गर्दन की मासंपेशियों पर दबाव बनना। उचित होम्योपैथिक दवा चुनने से पहले कई बातों का ध्यान रखा जाता है, जैसे दर्द की सटीक जगह, दर्द का किसी और क्षेत्र में फैलना, दर्द को कम-ज्यादा करने वाले कारक, दर्द पैदा करने वाले कारक और दर्द का प्रकार आदि।
इसके अलावा, इस बात का ध्यान रखना भी जरुरी है कि व्यक्ति को सिरदर्द के साथ कोई अन्य लक्षण भी अनुभव हो रहे हैं या नहीं जो हो सकता है सिरदर्द से संबंधित न हों (जैसे कमजोरी, ठंड लगना, बेचैनी, उल्टी और धुंधला दिखना)। चुनी गई होम्योपैथिक दवा न केवल सिरदर्द को ठीक करती है, बल्कि इसके कारण का भी इलाज करती है, जैसे कि मांसपेशियों के तनाव को ठीक करना, ब्लड प्रेशर को कम करना (हाई बीपी से संबंधित सिरदर्द के मामलों में), रक्त वाहिकाओं के जमाव को ठीक करना, नींद बढ़ाना और नींद न आने की समस्या या स्ट्रेस से पीड़ित व्यक्ति को आराम पहुंचाना।
बच्चों में सिर दर्द के होम्योपैथिक इलाज के असर का पता लगाने के लिए किए गए अध्ययन से ये बात सामने आई कि इन दवाओं से बार-बार होने वाले सिरदर्द, उसकी अवधि और दर्द की तीव्रता काफी हद तक कम हुई है। इसके कारण बच्चों के स्कूल न जा पाने की समस्या में भी गिरावट आई।
(और पढ़ें - सिरदर्द होने पर क्या करना चाहिए)
सिर दर्द की होम्योपैथिक दवा - Sir dard ki homeopathic dawa
सिरदर्द के लिए उपयोग की जाने वाली आम होम्योपैथिक दवाएं नीचे दी गई हैं। इन दवाओं के साथ उनके लक्षण लिखे गए हैं जिनमें इनका उपयोग किया जाता है:
- आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)
सामान्य नाम: आर्सेनिक ट्राइऑक्सइड (Arsenic trioxide)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- जलन वाला सिरदर्द होना।
- रात के समय और ठंडी हवा में ज्यादा दर्द होना, लेकिन ठंडी सिकाई करने पर बेहतर महसूस होना। (और पढ़ें - सिकाई करने के फायदे)
- आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और रौशनी के प्रति संवेदनशीलता।
- बहुत ज्यादा बेचैनी होना। (और पढ़ें - बेचैनी कैसे दूर करे)
- चिंता रहना, खासकर स्वास्थ संबंधी।
- थोड़ा भी शारीरिक गतिविधि करने पर कमजोरी और थकान होना।
- थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास लगना। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
- ऐकोनाइट (Aconite)
सामान्य नाम: मौंक्सहुड (Monkshood)
लक्षण: सिरदर्द के साथ नीचे दिए गए लक्षण होने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- सिर भारी होने के साथ सिर फटना जो दर्द वाली साइड पर लेटने से बढ़ जाता है।
- असहनीय दर्द होना। (और पढ़ें - सिरदर्द के घरेलू उपाय)
- सिर को हिलाने पर चक्कर आना।
- सूखे, ठंडे या गरम मौसम में जाने पर या इन्फ्लूएंजा के कारण अचानक तेज सिरदर्द होना। (और पढ़ें - इन्फ्लुएंजा वैक्सीन)
- शाम व रात के समय, गरम जगह पर जाने से, संगीत सुनने पर और धूम्रपान के बाद लक्षण बढ़ जाना, लेकिन खुली हवा में बेहतर महसूस होना। (और पढ़ें - धूम्रपान कैसे छोड़ें)
- अत्यधिक चिंता होना, मौत का डर, बेचैनी और दर्द से परेशान होकर इधर-उधर घूमना। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
- बेलाडोना (Belladonna)
सामान्य नाम: डेडली नाइटशेड (Deadly nightshade)
लक्षण: ये दवा नसों और रक्त वाहिकाओं पर काम करती है। नीचे दिए गए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- बहुत तेज फड़कने वाला और जलन वाला सिरदर्द होने के साथ लाली, गर्मी निकलना और आंखों व चेहरे पर फ्लशिंग होना।
- माथे पर और सिर की पिछली तरफ दर्द होना, जो दाहिनी तरफ अधिक महसूस होता है।
- बाल कटवाने के बाद या सर्दी जुकाम, बुखार, हवाई जहाज में यात्रा करने से और साइनस के कारण होने वाला सिरदर्द। (और पढ़ें - साइनस में क्या खाएं)
- हल्का सा छूने से, हिलने-डुलने से, रौशनी या आवाज़ से, लेटने से और दोपहर के समय दर्द का बढ़ जाना। सिर को टाइट बांधने, दबाने या ढकने से दर्द कम होना।
- वर्टिगो के साथ पीछे की तरफ या बाईं तरफ गिर जाना।
- ब्रायोनिया (Bryonia)
सामान्य लक्षण: वाइल्ड हॉप्स (Wild hops)
लक्षण: नीचे दिए गए लक्षण अनुभव करने पर ब्रायोनिया दी जाती है:- सिर में अलग-अलग प्रकार का दर्द होना।
- चेहरे तक फैलने वाला दर्द जो अधिकतर चेहरे की दाईं तरफ होता है।
- त्वचा, होंठ, मुंह और गला अत्यधिक सूखना और बहुत ज्यादा प्यास लगना। (और पढ़ें - गला सूखने का इलाज)
- वर्टिगो, मतली, खड़े होने पर चक्कर आना और उलझन।
- अधिकतर मौसम के ठंडे से गरम होने पर सिरदर्द होना।
- हलकी सी भी गतिविधि करने पर या हिलने-डुलने पर दर्द बढ़ना और आराम करने से, सिर पर दबाव बनाने से और दर्द वाली साइड लेटने से आराम मिलना।
- कैल्केरिया कार्बोनिकम (Calcarea Carbonicum)
सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ़ लाइम (Carbonate of lime)
लक्षण: ये दवा उन लोगों को ज्यादा सूट करती है जिनका रंग गोरा होता है और उन्हें वजन बढ़ने व ज्यादा पसीना आने की प्रवृत्ति होती है, खासकर गर्दन और सिर की पिछली तरफ। ऐसे लोगों को निम्नलिखित लक्षण अनुभव होते हैं:- सिरदर्द के साथ हाथ और पांव का ठंडा होना। (और पढ़ें - हाथ पैर ठंडे होने का कारण)
- सिर में ठंडक महसूस होना, खासकर दाईं तरफ।
- शारीरिक व मानसिक परिश्रम करने पर सिरदर्द होना। (और पढ़ें - सिरदर्द के लिए योग)
- वर्टिगो, खासकर सिर हिलने पर। सूखे मौसम में और दर्द वाली साइड लेटने पर लक्षण बेहतर हो जाना।
- हड्डियों की कमजोरी, कब्ज, अंडा खाने की इच्छा होना और दूध व मीट खाने का मन बिलकुल न करना।
- जेल्सीमियम सेम्परविरेंस (Gelsemium Sempervirens)
सामान्य नाम: येलो जैस्मीन (Yellow jasmine)
लक्षण: ये दवा सिरदर्द के लिए बहुत प्रभावी है। निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने पर ये दवा दी जाती है:- हल्का सा डरने, उत्साहित होने, बुरी खबर सुनने पर या धूम्रपान और धूप से सिरदर्द होना। (और पढ़ें - निकोटीन की लत से छुटकारा कैसे पाएं)
- गर्दन या सिर में दर्द शुरू होकर ऊपर की तरफ बढ़ना और माथे व आंखों में दर्द से फटने जैसा महसूस होना।
- ऐसा महसूस होना जैसे आंखों के ऊपर माथे पर किसी ने पट्टा बांधा हो और आंखें भारी होना।
- माथे से दर्द का कान, नाक और ठुड्डी तक फैलना। (और पढ़ें - कान में दर्द क्यों होता है)
- सिरदर्द होने से पहले कुछ देर के लिए दिखना बंद होना।
- चक्कर आने के साथ डबल डबल दिखना, कम दिखना या दिखना बंद होना। (और पढ़ें - आंख की चोट का इलाज)
- ऊंचे तकिये पर लेटने से दर्द कम होना।
- मांसपेशियों की कमजोरी, थकान और मांसपेशियों का आपस में ताल-मेल न बैठना।
- सुस्ती, चक्कर आना, उनींदापन और उलझन।
- ग्लोनॉइन (Glonoine)
सामान्य लक्षण: निट्रो-ग्लिसरीन (Nitro-glycerine)
लक्षण: सिरदर्द के लिए ग्लोनॉइन एक बहुत ही अच्छी दवा है। इसे निम्नलिखित लक्षणों में उपयोग किया जाता है:- मस्तिष्क में जमाव, स्ट्रोक, मेनिनजाइटिस और न्यूरालजिया होना। (और पढ़ें - स्ट्रोक होने पर क्या करना चाहिए)
- लू लगने पर, धूप में जाने पर, गैस की गर्मी से या गैस की लाइट से सिरदर्द होना।
- ऐसा महसूस होना जैसे दिमाग, खोपड़ी से बाहर आने वाला है। हर गतिविधि और हिलने-डुलने से तेज सिरदर्द होना और दर्द का चेहरे तक फैलना।
- सिर को तकिये पर न रख पाना।
- सिरदर्द के साथ मासिक धर्म कम होना, रजोनिवृत्ति या ज्यादा पीरियड्स होने के बाद। (और पढ़ें - पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण)
- सिरदर्द के साथ दिल से संबंधित समस्याएं होना।
- नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum)
सामान्य नाम: कॉमन साल्ट (Common salt)
लक्षण: ये एक असरदार दवा है जो भावुक और अधिक सोचने लोगों के लिए है जिन्हें निम्नलिखित लक्षण अनुभव होते हैं:- तैलीय त्वचा, एनीमिया, वजन कम होना और आसानी से जुखाम हो जाना। (और पढ़ें - तैलीय त्वचा की देखभाल)
- आसानी से रोने लगना।
- आंख पर जोर पड़ने के कारण या धूप में जाने से सिरदर्द के साथ दिखना भी बंद होना, ये समस्या सूरज निकलने से सूरज डूबने तक रहती है।
- स्कूल जाने वाली लड़कियों को सिरदर्द होना, खासकर सिर की दाईं तरफ। इसके साथ ऐसा महसूस होना जैसे कोई सिर में हथोड़ा मार रहा है। सिरदर्द के साथ मतली और उल्टी भी होना। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
- मासिक धर्म के पहले, दौरान या बाद में बुखार के साथ सिरदर्द होना। (और पढ़ें - अनियमित मासिक धर्म के कारण)
- पसीना आने से सिरदर्द कम हो जाना।
- नक्स वोमिका (Nux Vomica)
सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison nut)
लक्षण: पतले, चिड़चिड़े, गुस्से वाले, बेचैन और बवासीर व पेट की समस्याओं से पीड़ित रहने वाले लोगों के लिए ये एक असरदार दवा है। इसे निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने पर दिया जाता है:- सिर की पिछली तरफ और आंखों के ऊपर दर्द के साथ चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करें)
- सिर की ऊपरी तरफ दर्द होना, जैसे किसी ने सिर में कील ठोकी हो।
- सिरदर्द और अन्य समस्याएं जो ज्यादातर अत्यधिक चाय व कॉफी पीने, शराब, तंबाकू, तीखा खाना खाने, ज्यादा परिश्रम करने, ड्रग्स लेने और धूप के कारण होती हैं। (और पढ़ें - नशे की लत का इलाज)
- सोने, आराम करने और सिर पर दबाव बनाने से दर्द ठीक होना।
- सांगुनेरिया कैनाडेंसिस (Sanguinaria Canadensis)
सामान्य नाम: ब्लडरूट (Bloodroot)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने पर ये दवा बहुत असरदार तरीके से काम करती है:- हर सात दिन में सिरदर्द होना। (और पढ़ें - सिरदर्द के लिए एक्यूप्रेशर)
- रजोनिवृत्ति के समय सिरदर्द। (और पढ़ें - समय से पहले रजोनिवृत्ति रोकने के उपाय)
- सिर की पिछली तरफ सिरदर्द शुरू होकर ऊपर की तरफ फैलना और सीधी आंख की ऊपरी तरफ जाकर रुक जाना।
- सुबह से शुरू होकर रात तक सिरदर्द रहना। (और पढ़ें - सिर दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)
- ऐसा महसूस होना जैसे आंखें बाहर निकलने वाली हैं।
- आराम करने से, शांत अंधेरी जगह में रहने से और सोने से दर्द ठीक होना।
- नसों का दर्द जो घुटनों के बल झुकने से और सिर को जमीन पर दबाने से बेहतर हो जाता है। (और पढ़ें - नसों में दर्द के घरेलू नुस्खे)
- स्पिगेलिया (Spigelia)
सामान्य नाम: पिंकरूट (Pinkroot)
लक्षण: इस दवा का आंखों, दिल, तंत्रिका तंत्र और चेहरे की संवेदना के लिए जिम्मेदार नस पर असरदार प्रभाव होता है। इस दवा को निम्नलिखित लक्षण में उपयोग किया जाता है:- बहुत तेज सिरदर्द होना जो सिर की पिछली तरफ से शुरू होकर सिर की ऊपरी तरफ, आंख और माथे की दाईं तरफ तक जाता है। ये दर्द गाल और दांत तक भी फैल सकता है। (और पढ़ें - दांत दर्द हो तो क्या करना चाहिए)
- आंखों की पुतली में तीव्र दर्द होना जो सिर तक फैलता है।
- सुबह के समय तेज दर्द होना जो दोपहर तक हल्का हो जाता है और शाम में ठीक होता है।
- ठंड और बारिश के मौसम में दर्द होना जो छूने, हिलने-डुलने और आवाज से बढ़ जाता है। ये दर्द ऊंचा तकिया लेकर दाहिनी तरफ लेटने से ठीक होता है।
- आंत और मल में कीड़े होना। (और पढ़ें - पेट में कीड़े हो जाए तो क्या करना चाहिए)
होम्योपैथी में सिर दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me sir dard ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
होम्योपैथिक दवाओं के साथ आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको निम्नलिखित खान-पान और जीवनशैली के बदलाव करने चाहिए:
क्या करें:
- ऐसी कोई भी चीज खाएं या पिएं नहीं जिनसे दवा के कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है, जैसे मसालेदार खाना या कच्चा प्याज आदि। (और पढ़ें - हरे प्याज के फायदे)
- तेज गंध वाली वस्तुओं से दूर रहें, जैसे परफ्यूम।
- होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम मात्रा में दिया जाता है, इसीलिए इन्हें सुरक्षित रखने और इनके कार्य को नुकसान न पहुंचाने का पूरा प्रयास करें।
- अपने रोजमर्रा के रूटीन में शारीरिक गतिविधियां शामिल करें, जैसे सैर करना या दौड़ना आदि। हर प्रकार के मौसम में ताजी हवा में जाकर थोड़ी एक्सरसाइज अवश्य करें। (और पढ़ें - सुबह की सैर करने के फायदे)
- मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए रोजाना थोड़ा शारीरिक परिश्रम करें। कुछ एक्सरसाइज से आपको दिमाग शांत रखने में मदद मिल सकती है। (और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने के उपाय)
- स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
क्या न करें:
- रोजाना के नियम में मौजूद किसी भी ऐसी चीज या खान-पान से दूर रहें जो दवा के कार्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। जैसे:
- तेज गंध वाले खाद्य या पेय पदार्थ, जैसे कॉफी, हर्बल चाय, शराब और फ्लेवर वाली चॉकलेट।
- औषधीय गुण वाले टूथपेस्ट और माउथवाश।
- परफ्यूम के पैकेट।
- तेज गंध वाले फूल। (और पढ़ें - गेंदे के फूल के फायदे)
- तेज मसालों वाला खाना या सॉस।
- आइसक्रीम जैसे ठंडे व जमे हुए खाद्य पदार्थ।
- सूप या खाने में कच्ची सब्जियां या जड़ी बूटी।
- अजवाइन, अजमोद, बासी चीज और मीट। (और पढ़ें - चिकन खाने के नुकसान)
- सुस्ती और आलस वाली जीनवशैली न अपनाएं। दोपहर के समय ज्यादा देर तक सोने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसीलिए ऐसा न करें। (और पढ़ें - दिन मेँ सोना अच्छा है या नहीं)
- स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए मानसिक तनाव से दूर रहना बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए ऐसी चीजें करें, जिनसे आपको आराम मिलता है, जैसे मेडिटेशन, किताबें पढ़ना आदि।
(और पढ़ें - संतुलित आहार के फायदे)
सिर दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Sir dard ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ज्यादा घोलकर बनाया जाता है और ये काफी प्रभावशाली भी होती हैं, इसीलिए इन्हें लेना सुरक्षित होता है। हालांकि, होम्योपैथिक दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों और बिमारी होने की प्रवृत्ति व सम्भावना को ध्यान में रखते हुए आपको उचित दवा देते हैं जिन्हें आपको बताई गई खुराक में नियमित तौर पर लेना चाहिए।
(और पढ़ें - सिर दर्द में क्या खाएं)
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सिर दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Sir dard ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
सिरदर्द हल्का या तेज दोनों हो सकता है, इसीलिए इससे हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। बार-बार होने वाले सिरदर्द में सामान्य उपचार करने से इसका स्थायी रूप से इलाज नहीं हो पाता है और व्यक्ति को बार-बार ये समस्या होती रहती है। होम्योपैथी बहुत ही सुरक्षित उपचार है जिसका कोई दुष्प्रभाव अभी तक सामने नहीं आया है। रोगी के लक्षणों और चिकत्सा इतिहास को अच्छे से जानने के बाद डॉक्टर उन्हें उचित दवा देते हैं। अगर होम्योपैथिक दवाओं को डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार नियमित तौर पर लिया जाए, तो इससे दर्द में तो आराम मिलता ही है, साथ ही बार-बार सिरदर्द होने की समस्या से भी आराम मिलेगा।
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संदर्भ
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