एड़ी में दर्द को आयुर्वेद में पार्ष्णिशूल कहा जाता है। ये एक आम समस्या है जिसमें एड़ी की हड्डी में तेज दर्द उठता है। कुछ गंभीर मामलों में एड़ी के दर्द की वजह से खड़े होने या चलने में दिक्कत आती है। एड़ी में दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे कि एड़ी पर अत्यधिक दबाव पड़ने, गलत फुटवियर पहनने और ऊबड़-खाबड़ जमीन पर नंगे पैर चलने से। हालांकि, इसका संबंध ऊंची एड़ी के जूतों और प्लान्टर फेशिया (plantar fascia: ऊतक की एक सपाट पट्टी जो एड़ी की हड्डी को पैर के अंगूठे से जोड़ती है) से भी इसका संबंध होता है।
पार्ष्णिशूल के इलाज की आयुवेर्दिक प्रक्रियाओं में अभ्यंग (तेल मालिश), स्वेदन (पसीना निकालने की विधि), विरेचन (दस्त की विधि), बस्ती (एनिमा), रक्तमोक्षण (खून निकालने की विधि), लेप (प्रभावित हिस्से पर लेप लगाने की विधि) और अग्नि कर्म (धातु से प्रभावित हिस्से को जलाना) शामिल हैं। एड़ी के दर्द के इलाज के लिए कुछ जड़ी बूटियों और औषधियों जैसे कि चित्रक, रसना, अरंडी, योगराज गुग्गुल एवं दशमूलारिष्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
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