हर्पीस दो प्रकार के होते हैं पहला एचएसवी-1, इसमें व्यक्ति का मुंह संक्रमण से प्रभावित होता है और इसे कोल्ड सोर्स के नाम से भी जाना जाता है, इसके अलावा दूसरा एचएसवी-2 ज्यादा गंभीर होता है, क्योंकि यह व्यक्ति के जननांग और गुदा क्षेत्र की त्वचा को प्रभावित करता है। हर्पीस में खुजली वाले दर्दनाक फफोले या घाव होते हैं, यदि वे मुंह पर विकसित हुए हैं, तो उन्हें घरेलू उपायों से कुछ हद तक कम या ठीक किया जा सकता है। अगर आपको हर्पीस जननांग या गूदा क्षेत्र पर है, तो बिना किसी घरेलू उपाय को आजमाए सीधे किसी डॉक्टर से सलाह लें।

  1. हर्पीस ठीक करने के लिए गर्म सिकाई के फायदे - Garam sikai dilati hai herpes se aaram
  2. हर्पीस ठीक करने के लिए ठंडी सिकाई के फायदे - Thandi sikai deti hai herpes ke lakshano se rahat
  3. हर्पीस ठीक करने के लिए बेकिंग सोडा के फायदे - Baking soda hai herpes ka gharelu upchar
  4. हर्पीस ठीक करने के लिए कॉर्नस्टार्च के फायदे - Cornstarch paste dilata hai herpes se chuthkara
  5. हर्पीस ठीक करने के लिए लहसुन के फायदे - Lahsun se karen herpes ka gharelu ilaj
  6. हर्पीस ठीक करने के लिए सेब का सिरका के फायदे - Seb ka sirka dilata hai herpes se chuthkara
  7. हर्पीस ठीक करने के लिए टी बैग के फायदे - Tea bag hai herpes ka gharelu upchar
  8. हर्पीस ठीक करने के लिए एलोवेरा के फायदे - Herpes ka ayurvedic ilaj hai aloevera
  9. सारांश

त्वचा पर फोड़ा या घाव बनते ही गर्म सिकाई की सलाह दी जाती है। गर्म सिकाई त्वचा को मुलायम बनाती है और दर्द से आराम पहुंचाने में मदद करती है। हर्पीस के शुरुआती लक्षणों को गर्म सिकाई आसानी से खत्म कर देती है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 गर्म तवा
  • 1 कपड़ा 

इस्तेमाल का तरीका 

  • तवे को अच्छे से गर्म कर लें 
  • अब तवे पर कपड़ा रखें और हल्का दबाव बनाएं, जब तक कपड़ा गर्म न हो जाए
  • अब गर्म कपड़े की मदद से अपने प्रभावित हिस्से की सिकाई करें
  • इस प्रक्रिया को 20 मिनट तक दोहराएं

कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

सूजन को कम करने के लिए आप ठंडी सिकाई का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह उपाय केवल कुछ समय के लिए ही आराम पहुंचाएगा, लेकिन आपको दर्द से राहत मिलेगी क्योंकि बर्फ हर्पीस द्वारा हो रही जलन, सूजन और खुजली को कम कर देती है। 

आवश्यक सामग्री

  • 1 छोटा बर्फ का टुकड़ा
  • 1 नैपकिन या कपड़ा

इस्तेमाल का तरीका

  • बर्फ को नैपकिन या पतले कपड़े में लपेट लें
  • अब इसे मुंह के उस हिस्से पर लगाएं जहां पर सूजन हो
  • बर्फ को कभी-भी अपनी त्वचा पर सीधे न लगाएं, यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है

कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को दिन में तीन से चार बार दोहराएं।

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बेकिंग सोडा घावों को सुखाने और खुजली से आराम दिलाने में मदद करेगा। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो जलन, सूजन और दर्द को कम करते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच बेकिंग सोडा
  • थोड़ी सी रुई

इस्तेमाल का तरीका

  • रुई को हल्का गीला कर लें
  • अब इसे बेकिंग सोडा में डीप करें
  • इसके बाद रुई को अपने प्रभावित घाव पर थोड़ी देर के लिए लगाकर छोड़ दें

कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को दिन में 1 या 2 बार अपनाएं जब तक दर्द खत्म न हो जाए।

कॉर्नस्टार्च पेस्ट भी अपने एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से घावों को सुखाने और खुजली को कम करने में मदद करता है। 

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच कॉर्नस्टार्च
  • थोड़ी सी रुई

इस्तेमाल का तरीका

  • सबसे पहले रुई को हल्का गीला कर लें
  • अब इसे कॉर्नस्टार्च में डीप करें और फिर रुई को अपने प्रभावित घाव पर थोड़ी देर के लिए लगाए रखें
  • रुई को लगभग 10 से 15 मिनट तक लगाकर रखें, जब तक दर्द कम नहीं हो जाता।

कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को भी दिन में 1 या 2 बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

एक पुराने शोध के अनुसार लहसुन में एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो हर्पीस का कारण बनने वाले वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं। 

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच लहसुन पेस्ट (लहसुन की 2-3 कलियां)
  • 1 चम्मच ऑलिव ऑयल

इस्तेमाल का तरीका

  • लहुसन को अच्छे से पीस लें
  • अब इसमें ऑलिव ऑयल मिलाएं और उसे अच्छे से मिक्स होने दें 
  • तैयार हुए पेस्ट को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं और कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें 

कब इस्तेमाल करें
इस प्रक्रिया को दिन में 3 बार तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

सेब का सिरका अपने एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-वायरल गुणों के लिए जाना जाता है। 

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच सेब का सिरका
  • डेढ़-दो चम्मच गर्म पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • सेब के सिरके को गर्म पानी के साथ अच्छे से मिला लें
  • अब इसे अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं
  • इस मिश्रण को कम से कम 5 मिनट के लिए लगा रहने दें और उसके बाद पानी से धो लें

कब इस्तेमाल करें
सेब का सिरका एसिडिक होता है, इसलिए इसे दिन में 2 बार से ज्यादा इस्तेमाल न करें।

टी बैग जेनिटल सोर (जननांगों का हर्पीस) के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है, लेकिन यह गुण सिर्फ ब्लैक टी में ही पाए जाते हैं। ब्लैक टी में टैनिक एसिड मौजूद होते हैं, जिनमें एंटी-वायरल गुण भी होते हैं, जो दर्द से आराम दिलाते हैं। 

आवश्यक सामग्री

  • 1 टी बैग
  • 1 कप पानी  

इस्तेमाल का तरीका 

  • एक कप पानी में एक टी बैग को भिगो लें 
  • 2 से 3 मिनट बाद इसे बाहर निकाल लें 
  • अब भीगे हुए टी-बैग को जलन वाले हिस्से पर लगा कर कुछ देर के लिए रखा रहने दें
  • दर्द कम होने पर टी बैग हटा लें 

कब इस्तेमाल करें
इस प्रक्रिया को दिन में 2 बार इस्तेमाल करें जब तक हर्पीस से पूरी तरह छुटकारा न मिल जाए।

एलोवेरा को इसके औषधीय गुणों के कारण सदियों से इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें हर्पीस का इलाज भी शामिल है। 1999 में किए गए एक शोध में एलोवेरा से बनी एक क्रीम जेनिटल हर्पीस को रोकने में बेहद कारगर साबित हुई थी, इस शोध में यह प्रभाव 70% लोगों में सफल हुआ। एलोवेरा के ठंडक प्रदान करने वाले गुण हर्पीस के लक्षणों को तेजी से कम करते हैं।  

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच एलोवेरा जेल/ एलोवेरा क्रीम

इस्तेमाल का तरीका

  • एलोवेरा जेल को घाव पर सीधा भी लगाया जा सकता है
  • इसके अलावा आप चाहें तो एलोवेरा क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
  • एलोवेरा जेल के लिए एलोवेरा पौधे की एक टहनी लें
  • अब इस टहनी को दो टुकड़ो में काट लें 
  • इसके अंदर आपको एलोवेरा जेल मिलेगा
  • अब इसे अपनी उंगली की मदद से अपने प्रभावित हिस्से पर लगा लें

कब इस्तेमाल करें
एलोवेरा जेल का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता, तो इसे जितनी बार इस्तेमाल करना चाहें, कर सकते हैं। या फिर जब तक हर्पीस से छुटकारा न मिल जाए।

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हर्पीस के लक्षणों को कम करने और ठीक करने में कुछ घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं। नारियल तेल और एलोवेरा जेल में एंटीवायरल और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो प्रभावित त्वचा पर लगाने से राहत देते हैं। लहसुन का सेवन या इसका पेस्ट लगाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। एपल साइडर विनेगर को पानी में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाना भी फायदेमंद होता है। तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें, क्योंकि तनाव हर्पीस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और विटामिन सी युक्त आहार जैसे संतरा, नींबू और अमरूद को अपने भोजन में शामिल करें। हालांकि, गंभीर या बार-बार होने वाले संक्रमण के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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