एचआईवी एक वायरल संक्रमण है जो ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human immunodeficiency virus) या एचआईवी (HIV) के कारण होता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचता है। एचआईवी/एड्स के कारण किसी व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और ये समस्या समय के साथ बढ़ती जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को इन्फेक्शन और बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
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अगर एचआईवी के लिए कुछ न किया जाए, तो इससे आपको एड्स हो सकता है। एड्स, एचआईवी संक्रमण का आखिरी चरण होता है जिसमें व्यक्ति को कई घातक इन्फेक्शन और कैंसर होने लगते हैं।
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एचआईवी के शुरूआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं जो कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं और इसीलिए अधिकतर लोगों को पता नहीं चल पाता है कि वे एचआईवी से संक्रमित हैं और ये वायरस उनके शरीर में बढ़ता जाता है। आखिरी चरण में इसके कारण व्यक्ति को धुंधला दिखना, सूखी खांसी, वजन कम होना और सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
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ऐसा माना जाता है कि एचआईवी संक्रमण आसानी से फैल जाता है, लेकिन ये सच नहीं है। ये इन्फेक्शन संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे खून, वीर्य, ब्रेस्ट मिल्क या जननांगों के अन्य स्त्राव। इसके फैलने का सबसे आम तरीका है बिना कंडोम सेक्स करना। एचआईवी संक्रमण हाथ मिलाने, गले मिलने, किस करने, सामान शेयर करने या माउथ-टू-माउथ जैसी सामान्य क्रियाओं से नहीं फैलता है।
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एचआईवी संक्रमण का पता लगाने के लिए आपका एचआईवी टेस्ट किया जाता है और चरण के अनुसार आपको उचित उपचार दिया जाता है। हालांकि अभी तक एचआईवी संक्रमण का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ उपचार से वायरस का बढ़ना रोका जा सकता है, ताकि व्यक्ति को एड्स न हो और वह एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके।
इस लेख में एचआईवी/एड्स के कारण क्या होता है और इस स्थिति में क्या करना चाहिए के बारे में बताया गया है।