एक महिला के टेस्टोस्टेरोन का स्तर जीवन भर, मासिक धर्म चक्र और दिन के अलग-अलग समय पर कम ज्यादा होता रहता है। कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर नई रक्त कोशिकाओं के उत्पादन, सेक्स ड्राइव और अन्य हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। बहुत से लोग टेस्टोस्टेरोन को पुरुष सेक्स हार्मोन के रूप में सोचते हैं, लेकिन हर किसी को चाहें वो पुरुष हो या महिला , इसकी एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। जबकि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक टेस्टोस्टेरोन होता है, लेकिन महिला अधिवृक्क ग्रंथियां और अंडाशय भी इस हार्मोन की थोड़ी मात्रा का उत्पादन करते हैं। महिलाओं में अगर टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाए तो यौन इच्छा और मूड के साथ-साथ शरीर की दूसरी प्रक्रियाएँ भी प्रभावित होती हैं। अगर महिलाओं के शरीर में बहुत अधिक या बहुत कम टेस्टोस्टेरोन हो जाए तो ये महिला की सभी प्रक्रियाओं में असंतुलन पैदा कर देता है। आज इस लेख में हम इसी बारे में बात करेंगे -
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