आधुनिक लाइफस्टाइल के चलते शुगर होना आम बात हो गई है. अगर शुगर जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो इस स्थिति को हाइपरग्लेसेमिया या फिर हाई ब्लड ग्लूकोज के नाम से जाना जाता है. ऐसी स्थिति में शरीर में अधिक शुगर को कम करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं होता. हाइपरग्लेसेमिया आमतौर पर अधिक कार्बोहाइड्रेट के सेवन, फीजिकल एक्टिविटी की कमी, अधिक स्ट्रेस व स्टेरॉयड जैसी नॉन-डायबिटीज दवाओं के सेवन से हो सकता है. हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति में पहुंचने पर पानी पीने या थोड़ी देर पैदल चलने से कुछ आराम मिल सकता है. अगर इसके बाद भी स्थिति ने सुधरे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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आज इस लेख में आप जानेंगे कि शुगर के अधिक होने पर उसे कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए -
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शुगर को तुरंत नियंत्रित करने के तरीके
शुगर अधिक बढ़ने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में समय पर शुगर को कंट्रोल करना जरूरी है. इसके लिए तुरंत पानी पिएं या खुद को हाइड्रेट रखें. डॉक्टर की सलाह पर इंसुलिन या दवाएं लें. आइए, तुरंत शुगर कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं -
इंसुलिन लें
हाइपरग्लेसेमिया यानी हाई ब्लड शुगर की समस्या उस समय होती है, जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा या तो कम होती है या शरीर सही तरह से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता. ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करके तेजी से इफेक्ट करने वाले इंसुलिन के बारे में जान सकते हैं.
इतना ही नहीं, इंसुलिन लेने के 15 से 20 मिनट के बाद शुगर लेवल जरूर चेक करें, ताकि पता चल सके कि इंसुलिन लेने के बाद ब्लड शुगर लेवल कम हो रहा है या नहीं. हाइपरग्लेसेमिया में डायबिटीज केटोएसिडोसिस जैसी अवस्था आने या डिहाइड्रेशन होने पर इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन (Intramuscular injection) को सबसे प्रभावी माना जाता है.
वहीं, इनहेलेबल इंसुलिन (Inhalable insulin) रैपिड एक्टिंग इंसुलिन का एक पाउडर फॉर्म है, जिसे इन्हेलर की मदद से सीधे लंग्स में पहुंचाया जा सकता है. हालांकि, शोधों के मुताबिक ये इंजेक्टबल इंसुलिन से बेहतर नहीं है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल कम करने में कारगर है.
साथ ही ये इंजेक्टेबल इंसुलिन से महंगा भी है. अस्थमा के मरीजों, एक्टिव लंग कैंसर और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मरीजों के लिए ये अच्छा विकल्प नहीं है.
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व्यायाम
एक्सरसाइज हाई ब्लड शुगर को तेजी से कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है. एक्सरसाइज के 24 घंटे या उसके बाद तक ये इफेक्टिव रहता है. दरअसल, एक्सरसाइज करने से शरीर को एनर्जी के लिए ग्लूकोज की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सेल्स ग्लूकोज को मसल्स तक डिलीवर करते हैं और ब्लड शुगर लेवल गिर जाता है.
इस अवस्था में मरीज को ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिससे हार्ट तेजी से पंप हो. इसमें तेजी से वॉक करना, साइकिल चलाना या स्विमिंग करना शामिल है. इस दौरान ये भी ध्यान रखें कि यदि मरीज का ब्लड शुगर लेवल 240 mg/dL से अधिक है, तो उसे यूरिन टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.
अगर यूरिन में कीटोन पाए जाते हैं, तो एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. इस अवस्था में ब्लड शुगर लेवल और बढ़ सकता है. वहीं, एक्सरसाइज का आपके ब्लड शुगर लेवल पर कितना असर हो रहा है, ये जानने के लिए मरीज एक्सरसाइज से पहले और बाद में नियमित रूप से ब्लड शुगर टेस्ट कर सकता है.
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पानी पिएं
पानी का सेवन शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि ये शरीर से ग्लूकोज बाहर निकालने का काम करता है. ऐसे में आपको हाइड्रेट रहना जरूरी है. हाइपरग्लेसेमिया या हाई ब्लड शुगर लेवल होने पर अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए.
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दवाई लें
हाई ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं लेने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे -
- सिम्लिन (प्रामलिंटाइड इंजेक्शन) - ये ब्लड शुगर को बढ़ाने वाले डाइजेस्टिव हार्मोन के लेवल को कम करने का काम करता है.
- प्रीकोज (एकार्बोज) व अल्फा-ग्लूकोसिडेस इनहिबिटर - ये दवा स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थों व शुगर को तोड़ने में शरीर की मदद कर ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है.
- मेटफार्मिन (बिगुआनाइड) - ये दवा लिवर द्वारा बनाए जाने वाले और बड़ी आंत द्वारा अवशोषित होने वाले शुगर की मात्रा को कम करती है. इससे शरीर की इंसुलिन के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ती है.
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डॉक्टर से कब संपर्क करें?
मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dL या इससे अधिक हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. साथ ही निम्न प्रकार के लक्षण नजर आने पर भी तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए -
- कन्फ्यूजन होना
- अधिक प्यास लगना
- शुगर लेवल बढ़ना
- बार-बार यूरिन आना
- यूरिन में कीटोन का होना
- पेट दर्द होना
- मतली या उल्टी होना
- सांस लेने में कठिनाई होना
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सारांश
हाई ब्लड शुगर लेवल यानी हाइपरग्लेसेमिया का समय पर इलाज न करने पर नर्व्स, टिश्यू और ऑर्गन डैमेज के साथ-साथ अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसे में हाई ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कंट्रोल करना जरूरी है. इसके लिए तुरंत एक्सरसाइज करके, इंसुलिन लेकर या फिर खुद को हाइड्रेट रखकर शुगर को तुरंत कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं, हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण बार-बार दिखने या 300 mg/dL व उससे अधिक शुगर लेवल होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.
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हाइपरग्लेसेमिया को कैसे तुरंत कंट्रोल करें? के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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Dr. Sunil Kumar Mishra
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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