हाइपोफोसफैटेसिया क्या है?
हाइपोफोसफैटेसिया बहुत ही दुर्लभ अनुवांशिक विकार है, जिसमें हड्डियों और दांतों का विकास असामान्य तरीके से होता है। यह असामान्यता शरीर में खनिज की कमी से शुरू होती है, क्योंकि हड्डियों और दांतों को खनिज की जरूरत होती है जैसे कैल्शियम और फास्फोरस। इन खनिजों की मदद से आपकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। हड्डियों में खनिज पदार्थ की कमी से वे मुलायम हो जाती है और बहुत जल्दी टूट जाती हैं। खनिज की कमी से दांत भी उम्र से पहले टूटने लगते हैं।
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हाइपोफोसफैटेसिया के लक्षण क्या हैं?
हाइपोफोसफैटेसिया के लक्षण व्यापक रूप से भिन्न होते हैं और जन्म से लेकर वयस्क तक कभी भी दिखाई दे सकते हैं। इस विकार के सबसे गंभीर लक्षण जन्म से पहले और प्रारंभिक अवस्था में देखने को मिलते हैं। हाइपोफोसफैटेसिया हड्डियों को कमजोर व नरम बना देता है, जिसके कारण शरीर के कंकाल में सूखा रोग जैसी कुछ असामान्यताएं आने लग जाती हैं। हाइपोफोसफैटेसिया के रूप जो कि बचपन या वयस्क में दिखाई देते हैं वो प्रारंभिक अवस्था में दिखने वाले लक्षणों के मुकाबले कम होते हैं।
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हाइपोफोसफैटेसिया क्यों होता है?
हाइपोफोसफैटेसिया एक अनुवांशिक स्थिति है जो एएलपीएल (ALPL) जीन में परिवर्तन के कारण होता है। यह जीन शरीर में एंजाइम बनाता है जिसे एल्कलाइन फोस्फाटेस (Alkaline phosphatase) कहते हैं, जिसकी जरूरत दांतों और हड्डी मजबूत करने के लिए पड़ती है। जीन में परिवर्तन के कारण असामान्य तरीके से एन्ज़ाइम बनने लगते हैं, इस तरह शरीर में खनिज मौजूद नहीं रह पाते।
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हाइपोफोसफैटेसिया का इलाज कैसे होता है?
हाइपोफोसफैटेसिया से जुड़े परीक्षण इसके लक्षणों, पहले हुई स्वास्थ्य समस्याओं और कई प्रकार के लैब टेस्ट जैसे एक्स-रे और बायोकेमिकल स्टडी पर निर्भर करते हैं। अगर डॉक्टर हाइपोफोसफैटेसिया से जुड़े लक्षणों को बहुत अच्छे से पहचानते हैं तो वो इसका इलाज भी अच्छे से कर पाएंगे। डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट करेंगे, इससे भी हाइपोफोसफैटेसिया से जुड़े लक्षणों के बारें में पता चल पाएगा। हालांकि, जीन में परिवर्तन से जुड़े टेस्ट पूरी तरह से जांच करने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ऐसे में डॉक्टर आपको दर्द के लिए नॉन-स्टेरॉइडल एंटी इन्फ्लैमटरी ड्रग की दवा देंगे। साथ ही फिजियोथेरेपी, दांतों की जांच आदि से भी हाइपोफोसफैटेसिया का इलाज हो सकता है।
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