थायराइड हमारे कंठ में मौजूद तितली के आकार का ग्लैंड है जो ऐडम्स ऐपल (टेंटुआ) के ठीक नीचे स्थित होता है। थायरायड ग्लैंड 2 तरह के हार्मोन का उत्पादन करता है- टी3 (थायरॉक्सिन) और टी4 (ट्रियोडोथाइरोनिन) जिसे थायरायड-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) मेनटेन करता है। थायरायड हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, क्योंकि थायरायड हार्मोन हमारे शरीरे के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है- शरीर में गर्मी पैदा करने से लेकर मेटाबॉलिज्म के सुचारू कामकाज तक।
शरीर में थायराइड की गड़बड़ी 2 वजहों से हो सकती है- हाइपोथायरायडिज्म (शरीर में थायरायड की कमी) और हाइपरथायरायडिज्म (शरीर में थायराइड की अधिकता)। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होने पर शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है जो मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, जिससे वजन बढ़ता है और ठंड के प्रति असहनशीलता महसूस होने लगती है। हाइपरथायरायडिज्म में शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन होने लगता है जो मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करता है जिससे वजन तेजी से कम होने लगता है और गर्मी के प्रति असहशीलता महसूस होने लगती है।
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थायरायड की गड़बड़ी की समस्या तब भी हो सकती है जब शरीर का इम्यून सिस्टम थायरायड ग्लैंड पर हमला करने लगता है जिससे हाशिमोतो थायरायडिटिस या ग्रेव्स डिजीज की बीमारी हो सकती है। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। दुनिया की हर 10 में से 1 महिला को हाइपोथायरायडिज्म होता है। यह बीमारी हो तो दवाइयों के अलावा डाइट या आहार को मैनेज करना भी जरूरी होता है। इस आर्टिकल में हम आपको खाने पीने की उन दोनों तरह की चीजों के बारे में बता रहे हैं जिसे हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित व्यक्ति को खाना चाहिए और नहीं खाना चाहिए।