इंटरस्टीशियल लंग डिजीज क्या है?
इंटरस्टीशियल लंग डिजीज (आईएलडी) में 200 से अधिक अलग-अलग स्थितियां शामिल हैं। इसमें फेफड़ों में मौजूद हवा की थैली के चारों ओर सूजन और स्कार की समस्या होती है। शारीरिक चोट ठीक होने या सर्जरी के बाद जो निशान रह जाता है उसे स्कार कहते हैं।
आईएलडी में ऑक्सीजन रक्तप्रवाह में एल्वियोली (फेफड़ों में मौजूद छोटी वायु थैली) के माध्यम से आगे बढ़ती है। जब स्कार टिश्यू बन जाते हैं, तो इन थैलियों का विस्तार नहीं हो पाता है, जिसके कारण खून में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती है। इस स्थिति में फेफड़ों के अन्य भाग भी प्रभावित हो सकते हैं जैसे वायुमार्ग, फेफड़े की परत और रक्त वाहिकाएं।
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इंटरस्टीशियल लंग डिजीज के संकेत और लक्षण क्या हैं?
जब फेफड़े की बीमारी होती है, तो खून में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। नतीजतन, सांस लेने में दिक्कत होती है, खासकर व्यायाम या सीढ़ियां चढ़ते वक्त ऐसा ज्यादा होता है। धीरे-धीरे स्थिति इतनी खराब होने लगती है कि आराम करते वक्त भी सांस लेने में परेशानी होती है।
आईएलडी के एक अन्य लक्षण में सूखी खांसी आना शामिल है। यह लक्षण अक्सर समय के साथ खराब हो जाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत है तो उसे डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए। वे स्थिति का निदान करेंगे और सूजन व स्कार को प्रबंधित करने के लिए उपचार शुरू कर सकते हैं।
इंटरस्टीशियल लंग डिजीज का कारण क्या है?
इंटरस्टीशियल लंग डिजीज की समस्या तब होती है, जब फेफड़ों में चोट लगने से असामान्य रूप से हीलिंग (रिकवर या ठीक होने की प्रक्रिया) शुरू हो जाती है। आमतौर पर शरीर को किसी तरह की चोट लगने पर पर्याप्त मात्रा में ऊतक बनने लगते हैं, जो हीलिंग प्रक्रिया में मदद करते हैं। लेकिन आईडीएल में, हीलिंग वाली प्रक्रिया में गड़बड़ी आ जाती है और वायु थैली (एल्वियोली) के चारों ओर के ऊतक आसामान्य हो जाते हैं। इस स्थिति में ऑक्सीजन रक्तप्रवाह में सही से आगे नहीं बढ़ पाती है।
इंटरस्टीशियल लंग डिजीज कई अलग-अलग चीजों द्वारा ट्रिगर हो सकती है, जिसमें दवाइयां व कुछ प्रकार के मेडिकल ट्रीटमेंट शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में इसके कारणों की सटीक जानकारी नहीं है।
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इंटरस्टीशियल लंग डिजीज का इलाज कैसे होता है?
आईएलडी का उपचार इसके प्रकार और कारणों पर निर्भर करता है।
- कोर्टिकोस्टेरोइड : आईडीएल के कुछ रूपों में फेफड़ों में सूजन की वजह से चोट और स्कार की समस्या हो सकती है। कोर्टिकोस्टेरोइड के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि धीमी करने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह फेफड़ों और शरीर के बाकी हिस्सों में भी सूजन को कम करने में सहायक है।
- ऑक्सीजन इन्हेल : यदि फेफड़ों के रोग के कारण ऑक्सीजन का स्तर कम हो गया है, तो ऑक्सीजन इन्हेल (जैसे ऑक्सीजन मास्क की मदद से सांस लेना) करने से आपको मदद मिल सकती है। निरंतर रूप से ऑक्सीजन इन्हेल करने से हृदय को ऑक्सीजन की कमी से होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है।
- लंग्स ट्रांसप्लांट : आईडीएल के गंभीर मामलों में लंग्स ट्रांसप्लांट यानी फेफड़े के प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है। इस बीमारी से ग्रसित जिन लोगों ने लंग्स ट्रांसप्लांट कराया है, उनकी जीवन की गुणवत्ता और व्यायाम करने की क्षमता में सुधार हुआ है।