खुजली होने पर त्वचा पर असहज सा महसूस होने लगता है। खुजली पूरे शरीर या किसी विशेष हिस्से पर हो सकती है। रूखी और एजिंग (बढ़ती उम्र) वाली त्वचा पर सबसे ज्यादा खुजली की समस्या देखी जाती है।
त्वचा से संबंधित समस्याओं जैसे कि एक्जिमा, पॉइज़न आइवी (त्वचा में जलन), चकत्ते, सोरायसिस और त्वचा की सतह पर होने वाले संक्रमण जैसे कि इम्पेटिगो (बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाला रोग) और फोलिक्युलाईटिस (बालों की रोम में सूजन) के कारण भी खुजली हो सकती है। कीड़े के डंक और काटने, पित्ती एवं एलर्जी की वजह से भी त्वचा पर खुजली हो सकती है।
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आयुर्वेद में सोरायसिस और एक्जिमा जैसे त्वचा संबंधित रोगों के कारण हुई खुजली या कंडु को कम करने के लिए पंचकर्म थेरेपी में से विरेचन (दस्त), वमन (उल्टी) और रक्तमोक्षण (खून निकालने की विधि) का उल्लेख किया गया है। सोरायसिस के कारण हुई खुजली से राहत पाने के लिए जड़ी बूटियों में निम्बा (नीम), हरिद्रा (हल्दी) और खदिरा के साथ मिश्रण जैसे कि आरोग्यवर्धिनी वटी एवं मंजिष्ठादि क्वाथ की सलाह दी जाती है।
आसानी से पचने वाला भोजन, जौ और कड़वी पत्तेदार सब्जियां, नियमित व्यायाम, खट्टी और नमकीन चीजों एवं पर्याप्त धूप लेने से खुजली कम हो सकती है और जिस बीमारी या समस्या के कारण खुजली हो रही है उसे भी नियंत्रित किया जा सकता है।