लीवर सिरोसिस एक तरह की क्रोनिक बीमारी है। यह लंबे समय तक लीवर के खराब होने से होती है। यह लगातार बढ़ते जाने वाला एक तरह का रोग है, जिसमें स्वस्थ लीवर टीशू नष्ट हो जाते हैं और उनकी जगह नष्ट हुए टीशू ले लेते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि लीवर अच्छे से काम करना बंद कर देता है। इस तरह से इस बीमारी में लीवर ठीक से काम नहीं कर पाता है।
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आज इस लेख में आप जानेंगे कि लिवर सिरोसिस का घरेलू इलाज किस प्रकार किया जा सकता है -
(और पढ़ें - लीवर के खराब होने का इलाज)
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लिवर सिरोसिस के लिए घरेलू नुस्खे
- लीवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है आंवला - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai amla
- लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है नींबू - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai lemon
- लिवर सिरोसिस से बचने का उपाय है ग्रीन टी - Liver cirrhosis se bachne ka gharelu upay hai green tea
- लिवर सिरोसिस से बचने का उपाय है पपीता - Liver cirrhosis se bachne ka gharelu upay hai papaya
- लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है सेब - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai apple
- लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाती हैं हरी-ताजी सब्जियां - Liver cirrhosis se chutkara dilati hai hari tajio sabjiya
- सारांश
लिवर सिरोसिस के लिए घरेलू नुस्खे
अगर किसी व्यक्ति को लिवर सिरोसिस की समस्या है, तो उसे निम्न प्रकार के घरेलू उपायों से फायदा हो सकता है -
लीवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है आंवला - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai amla
भारत में पाया जाने वाला आंवला ट्रॉपिक और सबट्रॉपिक क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पौष्टिकता से भरपूर फल होता है। पेट की चर्बी कम करने के मामले में आंवला असरकारक होता है। फैटी लिवर के मामले में आंवले का सेवन करना न सिर्फ फायदेमंद है, बल्कि यह आसान भी है।
आवश्यक सामग्री:
- 3-4 आंवले
- एक गिलास पानी
इस्तेमाल करने का तरीका:
- एक गिलास पानी लें।
- उसे गर्म करें।
- उसमें एक चम्मच आंवले का पाउडर मिलाएं।
- इसका घोल बना लें।
- अब इस घोल को दिन में दो बार पियें।
इसके अलावा आप प्रतिदिन 3 या 4 आंवले का सेवन भी कर सकते हैं। यहां तक कि अगर आप केवल आंवला न खा सकें तो खाना पकाते समय भी आंवले का सेवन कर सकते हैं।
कैसे काम करता है:
आंवले में विटमिन सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। यह एसिडिक होता है। इसके कारण कई तरह की दवाओं को तैयार करने में काम आता है। यह लीवर सिरोसिस में भी काम आता है।
(और पढ़ें - आंवले के जूस के फायदे)
लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है नींबू - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai lemon
हमारी रसोईं में पड़ा हुआ नींबू केवल शरबत बनाने जैसे कुछ विशेष कामों के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता है, यह कई अन्य कामों में भी इस्तेमाल होता है। फैटी लीवर, मोटापा घटाने, पेट की चर्बी कम करने और वजन घटाने जैसे कई कामों में नींबू किसी औषधि से कम काम नहीं करता है।
(और पढ़ें - पेट की चर्बी कम करने के योगासन)
फैटी लीवर डिजीज को दूर करने के लिए नींबू का इस तरह से इस्तेमाल करें:
आवश्यक सामग्री:
- एक गिलास पानी
- एक नींबू
इस्तेमाल करने का तरीका:
- नींबू को अच्छे से धो लें।
- उसे चाकू से काट लें।
- अब इस नींबू को पानी में निचोड़कर घोल बना लें।
- इस घोल को दिनभर में 2 से 3 बार इस्तेमाल करें।
- इस तरह से यह प्रक्रिया कई हफ्तों तक करें।
- इसका सेवन विशेष रूप से सुबह के समय जरूर करें।
इसके अलावा अगर आप चाहें तो:
- पानी के किसी जार में 2-3 नींबू डालकर ढक दें।
- कुछ घंटों तक पड़ा रहने दें।
- अब पीने के लिए इसी पानी का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
नींबू में विटमिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह एक तरह का ऑक्साइड होता है, जो ग्लुटेथायोन, जैसे एन्जाइम्स तैयार करने का काम करता है। यूं तो ग्लुटेथायोन कई काम करते है लेकिन इसका एक महत्वपूर्ण काम हमारे शरीर में टॉक्सिन को न्यूट्रलाइज करने का होता है। इस तरह से हम कह सकते हैं कि नींबू हमारे लीवर में डिटॉक्सीफिकेशन के काम में आता है।
(और पढ़ें - विटामिन सी की कमी के लक्षण)
लिवर सिरोसिस से बचने का उपाय है ग्रीन टी - Liver cirrhosis se bachne ka gharelu upay hai green tea
हममें से ज्यादातर लोग कभी न कभी ग्रीन टी को इस्तेमाल कर ही लेते हैं। ग्रीन टी के कई गुण हैं। यह लीवर सिरोसिस में भी कारगर होता है। इसको निम्नलिखित तरह से इस्तेमाल करते हैं।
आवश्यक सामग्री:
- ग्रीन टी
- एक गिलास पानी
इस्तेमाल करने का तरीका:
- एक गिलास पानी में एक चम्मच ग्रीन टी घोल लें।
- हर रोज 3 से 4 कप ठंडी या गर्म ग्रीन टी का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
ग्रीन टी में फ्लैवोनॉयड की काफी मात्रा पाई जाती है। फ्लैवोनॉयड एक तरह का एंटीऑक्साइड होता है। फैटी लीवर के लिए इसका भी इस्तेमाल किया जाता है। ग्रीन टी शरीर में जमी चर्बी को कम करने का काम करती है। ग्रीन टी शरीर में लीवर के फंक्शन को भी ठीक करती है। नियमित ग्रीन टी का इस्तेमाल करने से शरीर का वजन और चर्बी, दोनों ही कम होते हैं।
लिवर सिरोसिस से बचने का उपाय है पपीता - Liver cirrhosis se bachne ka gharelu upay hai papaya
आयुर्वेद की मानें तो पपीता और उसके बीज, दोनों लीवर सिरोसिस के इलाज में औषधि का काम करते हैं। पपीता पोषक तत्वों का भंडार होता है।
आवश्यक सामग्री:
- पपीते के कुछ बीज
- थोड़ा सा पानी
इस्तेमाल करने का तरीका:
- इसके लिए पपीते के सूखे हुए 5-6 बीज को पीस लें।
- इसके बाद पपीते के बीज के पीसे हुए पाउडर को एक चम्मच नींबू के ताजे जूस में मिला लें।
- अब दिन में दो बार इसका सेवन करें।
- इसके बाद थोड़ा सा पका हुआ पपीता खाएं।
- अगर शहद उपलब्ध हो तो उसे भी मिला लें।
- खाने में कच्चे पपीते के सूप और सलाद का सेवन करें।
- ऐसा एक महीने तक करें।
कैसे काम करता है:
पपीते में विटामिन ए, सी और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें विटामिन बी (पैंटोथेनिक एसिड, फोलेट, निकोटीन एसिड) और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। फैटी लीवर की बीमारियों के लिए पपीते के बीज का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
(और पढ़ें - विटामिन ई के फायदे)
लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाता है सेब - Liver cirrhosis se chutkara pane ka tarika hai apple
फैटी लीवर के लिए सेब का सिरका रामबाण माना जाता है।
आवश्यक सामग्री:
इस्तेमाल करने का तरीका:
- इसके लिए एक छोटा चमच्च अनफिल्टर्ड सेब का सिरका लें।
- इसे एक ग्लास गर्म पानी में मिला लें।
- अब इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद मिला लें।
- इस घोल को प्रतिदिन खाने से पहले दिनभर में दो बार सेवन करें।
कैसे काम करता है:
सेब का सिरका एसिडिक होता है। यह न सिर्फ लीवर के आसपास इकट्ठा हुई चर्बी को खत्म करता है, बल्कि वजन को घटाने और लिवर सिरोसिस में भी मदद करता है। लिवर सिरोसिस के मामलों में यह दवा का काम करता है।
सावधानी:
इस घोल का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि सेब का सिरका एसिडिक होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले इसे अच्छी तरह से डाइलूट यानी घोल बनाकर पतला कर लें, ताकि किसी तरह के खतरे की संभावना से बचा जा सके।
इसके इस्तेमाल करने की एक विधि यह है कि शुरूआत में घोल बनाने के लिए एक चम्मच सिरका ही लें। इसके बाद अगर आपको इसके इस्तेमाल से कोई समस्या नहीं हो रही है तो धीरे-धीरे मात्रा बढ़ा दें यानी कुछ दिनों बाद 2 चम्मच सिरके का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। ध्यान रहे कि बहुत ज्यादा मात्रा में सिरके का सेवन नुकसान कर सकता है इसलिए इसका सेवन हिसाब से ही करें।
(और पढ़ें - सेब का जूस बनाने की विधि)
लिवर सिरोसिस से छुटकारा दिलाती हैं हरी-ताजी सब्जियां - Liver cirrhosis se chutkara dilati hai hari tajio sabjiya
हरी सब्जियों और ताजे फलों का सेवन लीवर, आंत, हार्ट समेत पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए खाने-पीने में हरी सब्जियों और फलों व उनके जूस का सेवन करें।
आवश्यक सामग्री:
इस्तेमाल करने का तरीका:
- इन फलों और सब्जियों को अच्छे से धो लें।
- सब्जियों का इस्तेमाल सब्जी बनाकर खाने में कर सकते हैं।
- फलों का इस्तेमाल धोकर खाने में कर सकते हैं।
- इसके अलावा पपीता, गाजर, सेब का इस्तेमाल सलाद बनाकर खाने में भी कर सकते हैं।
कैसे काम करता है:
विभिन्न तरह की सब्जियों समेत पपीता और सेब लीवर संबंधी बीमारियों के लिए रामबाण होते हैं। इनके इस्तेमाल से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और पेट साफ रहने के कारण पेट संबंधी बीमारियों के कम से कम होने की संभावना होती है। लीवर सिरोसिस में इन फलों और सब्जियों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है।
(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने के फायदे)