बहुत से लोगों में भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) होती है या यूं कहे कि कुछ लोगों की समय के साथ याददाश्त कमजोर हो जाती है। जिससे उन्हें रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी (अल्जाइमर) लोगों को अपनी गिरफ्त में लेती है, इसलिए इस बीमारी के ज्यादातर मरीज बुजुर्गों होते हैं। इसके बावजूद एक अच्छी डाइट यानी संतुलित आहार के जरिए अल्जाइमर के खतरे को थोड़ा कम किया जा सकता है। वैसे भूलने की बीमारी के लिए कोई खास डाइट तो नहीं है और ना ही एक बेहतर इलाज, मगर संतुलित आहार के साथ मिलने वाले पोषक तत्व आपको इस बीमारी से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं।
याददाश्त को बढ़ाने के लिए आज से ही लेना शुरू सबसे कम दाम पर आयुर्वेदिक ब्राह्मी टेबलेट।
- याददाश्त बढ़ाने के लिए क्या करें?
- क्या कहती है रिसर्च?
- क्या है डॉक्टर की राय?
- आदतों में लाएं बदलाव
- डाइट से कम होगा अल्जाइमर का रिस्क
- सारांश
याददाश्त बढ़ाने के लिए क्या करें?
किसी को भूलने की बीमारी (कमजोर याददाश्त या अल्जाइमर) हो या ना हो, मगर हेल्दी डाइट लेना हर किसी के लिए जरूरी है। एक संतुलित आहार आपकी याददाश्त बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। इसलिए निम्न बातों का ध्यान रखें-
- दिन में तीन साबुत अनाज जरूर खाएं
- सप्ताह में 6 बार हरी सब्जियां (सलाद) जरूर खाएं
- दिन में कम से कम एक बार सब्जी जरूर खाएं
- सप्ताह में कम से कम दो बार बेरी (जामुन) खाएं
- सप्ताह में चार बार से ज्यादा रेड मीट न खाएं
- सप्ताह में एक बार मछली का मीट खाएं
- सप्ताह में कम से कम दो बार अंडे खाएं
- सप्ताह में तीन बार से ज्यादा दाल या राजमा लें
- सप्ताह में 5 बार से ज्यादा मेवे (नट्स) जरूर खाएं
- फास्ट फूड सप्ताह में एक बार से ज्यादा ना खाएं
- खाना ऑलिव ऑयल (जैतून के तेल) में पकाएं
- दिन में एक चम्मच (टेबल स्पून) से कम बटर या मक्खन ना लें
- कम से कम चीज़ का सेवन करें
- सप्ताह में पांच बार से ज्यादा मीठा न खाएं
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क्या कहती है रिसर्च?
जरनल न्यूरोलॉजी में साल 2009 में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक शरीर का ज्यादा वजन आपके बॉडी के जोड़, हृदय और बाकी अंगों के लिए नुकसानदायक होता है। साथ ही बीच के वर्षों में वजन ज्यादा होने पर डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है। दूसरी ओर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग की एक रिसर्च के अनुसार, मोटापे से भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हेल्दी डाइट लेकर वजन को नियंत्रित कर याददाश्त को दुरुस्त रखा जा सकता है।
क्या है डॉक्टर की राय?
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज जफर का कहना है कि याददाश्त कमजोर होने का एक प्रमुख कारण बढ़ती उम्र हो सकती है। हालांकि, इसके अलावा कोई हेड और ब्रेन इंजरी (सिर की चोट) भी इसकी एक वजह बन सकती है। साथ ही अन्य कई बीमारियां जैसे डायबिटीज और हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) से ग्रस्त होने के कारण भी मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज के लिए लें शुगर टेबलेट और हाई बीपी के आयुर्वेदिक इलाज के लिए लें बीपी टेबलेट और वो भी सबसे कम कीमत पर।
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डाइट से कम होगा अल्जाइमर का रिस्क
द बीएमजे जरनल में प्रकाशित मेडेलियन रेनडोमिजेशन (एमआर) की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर डाइट से भूलने की बीमारी खत्म होने का कोई सबूत नहीं मिला है। संतुलित आहार से इसके रिस्क को थोड़ा कम किया जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) को लेकर कई देशों की इकोलॉजिकल स्टडी ऑफ नेशनल डाइट्री सप्लाई एंड परिवेलेनस ने कई अध्ययन किए हैं। जिसकी पहली रिसर्च में ये पता चला कि साबुत अनाज और मछली के सेवन से अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) का रिस्क फैक्टर थोड़ा कम हुआ है। वहीं दूसरे शोध में जापान के लोगों में वेस्टर्न डाइट (पश्चिमी आहार) से भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) का जोखिम बढ़ा है।
सारांश
वैसे, किसी भी अध्ययन से पता नहीं चला है कि एक विशिष्ट आहार से भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) या अन्य मानसिक कमजोरी को कैसे खत्म किया जा सकता है। फिर भी एक स्वस्थ भोजन योजना (हेल्दी फूड डाइट) मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान कर सकती है। क्योंकि, संतुलित आहार आपको शारीरिक रूप से मजूबत (स्ट्रॉन्ग) बनाती है, तो मानसिक रूप से भी चुस्त रखती है। इतना ही नहीं अच्छी डाइट के जरिए आप डेल रूटीन (रोजमर्रा) में एक्टिव (सक्रिय) रहते हैं और अन्य कई बीमारियों से भी बचाव होता है।
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