माइग्रेन सिर के एक या दोनों तरफ दर्द का कारण बनता है. माइग्रेन में दर्द ज्यादातर आंख के पीछे महसूस होता है. माइग्रेन का दर्द 4 घंटे से लेकर 72 घंटे तक रह सकता है. मतली, उल्टी और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता माइग्रेन के आम लक्षण माने जाते हैं. माइग्रेन आम सिरदर्द से अलग होता है. माइग्रेन के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिसमें तनाव प्रमुख रूप से शामिल है. तनाव माइग्रेन का मुख्य कारण हो सकता है. इसके साथ ही तनाव माइग्रेन को ट्रिगर भी कर सकता है.
आज इस लेख में आप तनाव और माइग्रेन के बीच के संबंध को विस्तार से जानेंगे -
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- क्या तनाव के कारण माइग्रेन हो सकता है ?
- तनाव और माइग्रेन के लक्षण
- क्या तनाव से माइग्रेन के लक्षण बढ़ सकते हैं?
- तनाव कम करने के उपाय
- सारांश
क्या तनाव के कारण माइग्रेन हो सकता है ?
शोधकर्ताओं को माइग्रेन के सटीक कारणों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन तनाव के चलते यह समस्या जरूर हो सकती है. कई अध्ययनों में तनाव और माइग्रेन के बीच संबंध माना गया है.
एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बचपन से किसी तनाव का सामना कर रहे हैं, उनमें किशोरावस्था में माइग्रेन होने की आशंका अधिक होती है. बचपन में हुई कुछ दर्दनाक घटनाएं, वयस्कों में माइग्रेन के लक्षण पैदा कर सकते हैं. इसलिए, कहा जा सकता है कि तनाव के कारण माइग्रेन का दर्द उठ सकता है. यहां तक कि तनाव की वजह से माइग्रेन की अवधि भी अधिक हो सकती है.
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तनाव और माइग्रेन के लक्षण
तनाव और माइग्रेन के लक्षण एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं. अगर तनाव की वजह से माइग्रेन होता है, तो इस स्थिति में आप माइग्रेन से पहले तनाव के लक्षणों को महसूस कर सकते हैं. तनाव के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं -
- मांसपेशियों में तनाव
- चिड़चिड़ापन
- थकान
- छाती में दर्द
- तीव्र हृदय गति
- उदासी और अवसाद
- सेक्स ड्राइव में कमी
- कम भूख लगना
- मूड में बदलाव
- गर्दन में अकड़न
- कब्ज
- बार-बार जम्हाई लेना
ये सभी तनाव के लक्षण हो सकते हैं. अगर किसी को भी लंबे समय से ये लक्षण परेशान कर रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए, क्योंकि जैसे-जैसे तनाव बढ़ता जाएगा, माइग्रेन होने की आशंका उतनी बढ़ती जाएगी और सिर के एक हिस्से में तेज दर्द महसूस हो सकता है.
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क्या तनाव से माइग्रेन के लक्षण बढ़ सकते हैं?
जिन लोगों को पहले से ही माइग्रेन है, उनके तनाव में आने से माइग्रेन के लक्षण बढ़ सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को एक्यूट यानी गंभीर तनाव है, तो उसमें माइग्रेन की अवधि बढ़ सकती है. इसलिए, अगर कोई पहले से माइग्रेन का शिकार है, तो उसे तनाव से पूरी तरह बचकर रहना चाहिए.
तनाव में रहने से एपिसोडिक माइग्रेन क्रोनिक हो सकता है. इसके लक्षण प्रति माह 15 दिन से अधिक समय तक रह सकते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन से पीड़ित लगभग 4 प्रतिशत लोगों में हर वर्ष क्रोनिक माइग्रेन का शिकार होते हैं.
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तनाव कम करने के उपाय
तनाव में रहने पर माइग्रेन का तेज दर्द परेशान कर सकता है, लेकिन तनाव को कम करके माइग्रेन से बचा जा सकता है. तनाव कम करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं -
- अपने परिवार और दोस्तों के साथ अधिक समय बिताएं.
- वे काम करें, जिससे आपको खुशी मिलती है. जिस काम को करने से आपको दिक्कत आती है, उससे बचें.
- नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है.
- तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज करना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है.
- रिलैक्सेशन थेरेपी भी तनाव को कम कर सकती है. इस थेरेपी को लेने से तनाव और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है.
- बायोफीडबैक ऐसी थेरेपी है, जो तनाव और माइग्रेन दोनों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है.
- टॉक थेरेपी कई प्रकार के तनाव के लिए प्रभावी उपचार है. इसमें मनोचिकित्सक बातचीत करके रोगी के तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं.
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सारांश
तनाव और माइग्रेन के संबंध के बारे में सटीक पता लगाने के लिए अधिक शोध की जरूरत है. कई रिसर्च साबित भी कर चुके हैं कि तनाव की वजह से माइग्रेन हो सकता है. साथ ही तनाव कुछ लोगों में माइग्रेन के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है. इसलिए, अगर किसी में तनाव का कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. अन्यथा माइग्रेन का दर्द बार-बार परेशान कर सकता है.
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क्या तनाव के कारण माइग्रेन हो सकता है? के डॉक्टर

Dr. Bhushan Borde
सामान्य चिकित्सा
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Gurmeet Singh
सामान्य चिकित्सा
2 वर्षों का अनुभव

Dr. Suhas Chauhan
सामान्य चिकित्सा
11 वर्षों का अनुभव
