कभी-कभी उल्टी होना एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन अगर बार-बार उल्टी हो, तो यह एक गंभीर परिस्थिति हो सकती है. बार-बार उल्टी होने की परेशानी को साइकिल वोमिटिंग सिंड्रोम यानी चक्रीय उल्टी सिंड्रोम कहा जाता है. यह ऐसी स्थिति है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति को गंभीर मतली, थकावट और बार-बार उल्टी के अटैक आते हैं. चक्रीय उल्टी सिंड्रोम का अटैक कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक चल सकता है.
इस स्थिति से ग्रसित व्यक्ति को गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है. यह किसी भी उम्र के पुरुष और महिला को प्रभावित कर सकता है. बार-बार उल्टी के कारण स्वायत्त तंत्रिका तंत्र में परिवर्तन या असंतुलन, रीढ़ की हड्डी या तंत्रिका तंत्र की समस्याएं इत्यादि हो सकती है. वहीं, इलाज की बात कि जाए, तो डॉक्टर कारणों के आधार पर इसका इलाज करते हैं.
आज इस लेख में बार-बार उल्टी होने के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -
(और पढ़ें - उल्टी की होम्योपैथिक दवा)
- बार-बार उल्टी होने के लक्षण
- बार-बार उल्टी होने के कारण
- बार-बार उल्टी होने का इलाज
- बार-बार उल्टी होने से कैसे करें बचाव
- सारांश
बार-बार उल्टी होने के लक्षण
बार-बार उल्टी या चक्रीय उल्टी सिंड्रोम के लक्षण अक्सर सुबह के समय दिखते हैं. इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति को बार-बार उल्टी के साथ-साथ पेट दर्द, दस्त व चक्कर आना इत्यादि परेशानी हो सकती है. आइए, जानते हैं बार-बार उल्टी होने के लक्षणों के बारे में -
- गंभीर रूप से उल्टी होना (एक ही समय में तीन या उससे अधिक बार उल्टी होना).
- भूख की कमी.
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता.
- पेट में दर्द.
- त्वचा पर पीलापन आना.
- काफी ज्यादा थकान महसूस होना.
- गंभीर रूप से सिरदर्द होना.
- किसी से बात करने का मन न होना.
- बार-बार थूकने की इच्छा होना.
- अत्यधिक प्यास.
- निम्न-श्रेणी का बुखार (101 डिग्री फारेनहाइट तक).
- दस्त होना.
- चक्कर आना
- हेविंग या गैगिंग इत्यादि.
सामान्य लक्षणों के साथ-साथ कुछ गंभीर लक्षण जैसे- ड्राई स्किन व मुंह सूखना जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. इसके अलावा, कुछ अन्य गंभीर लक्षण हैं, जैसे-
- कम पेशाब आना.
- स्किन काफी ज्यादा ड्राई होना.
- धंसी हुई आंखें या गाल.
- रोते समय आंसू न निकलना.
- थकावट और उदासीनता महसूस होना.
(और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
बार-बार उल्टी होने के कारण
बार-बार उल्टी होने के सटीक कारणों का पता लगाना मुश्किल है. हालांकि, कुछ संभावित कारणों जैसे-हार्मोन में परिवर्तन, तंत्रिका तंत्र की समस्याएं इत्यादि कारणों से यह समस्या ट्रिगर हो सकती है. इसके अलावा, कुछ अन्य कारण हैं, जिससे बार-बार उल्टी की परेशानी ट्रिगर होती है. आइए, जानते हैं इस बारे में-
- सर्दी, एलर्जी या साइनस की समस्या.
- खासकर बच्चों में भावनात्मक तनाव या उत्तेजना.
- वयस्कों में चिंता या पैनिक अटैक.
- कुछ हानिकारक खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों के सेवन से जैसे - शराब, कैफीन, चॉकलेट या पनीर.
- अधिक मात्रा में भोजन कर लेना.
- सोने से ठीक पहले खाना या खाली पेट सोना.
- गर्म मौसम.
- शारीरिक में थकावट.
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करना.
- पीरियड्स होना.
- मोशन सिकनेस इत्यादि.
अगर मरीज बार-बार उल्टी होने के कारणों यानी ट्रिगर की पहचान कर लेता है, तो इससे इलाज करने में काफी आसानी हो सकती है.
(और पढ़ें - खून की उल्टी)
बार-बार उल्टी होने का इलाज
बार-बार उल्टी की समस्या का इलाज कारणों और लक्षणों पर निर्भर करता है. इसके लिए डॉक्टर निम्न तरीके से मरीज का इलाज कर सकते हैं. जैसे-
- कुछ दवाएं लेने की सलाह.
- ट्रिगर करने वाले स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज.
- ट्रिगर करने वाली चीजों से दूर रहने की सलाह.
- भरपूर नींद लेना और आराम करना.
इसके साथ-साथ डॉक्टर मरीज का इलाज निम्न चरणों में करते हैं, जैसे-
प्रोड्रोम चरण
इस चरण की शुरुआत में डॉक्टर कुछ दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं, जिससे उल्टी को रोकने में मदद मिलती है. ये दवाएं कुछ इस प्रकार हैं-
- मतली के लिए ऑनडेंसट्रॉन या प्रोमेथाजिन
- माइग्रेन के लिए सुमाट्रिप्टन
- दर्द को दूर करने के लिए इबुप्रोफेन
डॉक्टर पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कम करने के लिए भी दवा दे सकते हैं, जैसे -
- फैमोटिडाइन
- रैनिटिडिन
- ओमेप्राजोल
- एसोमप्राजोल
(और पढ़ें - गर्भावस्था में उल्टी आना)
उल्टी का चरण
बार-बार उल्टी होने पर मरीज को बिस्तर पर रहने की सलाह दी जाती है. साथ ही मरीज का कमरा शांत रहना चाहिए. अगर मरीज को मतली और उल्टी गंभीर रूप से हो रही है, तो वह डिहाइड्रेशन से ग्रसित हो सकता है. इस स्थिति में मरीज को अस्पताल जाना पड़ सकता है. बच्चों और वयस्कों की इस स्थिति में डॉक्टर निम्न तरीके से इलाज कर सकते हैं-
- पेट में एसिड की मात्रा कम करने के लिए कुछ दवाएं लेने की सलाह.
- अधिक से अधिक आराम करने की सलाह.
- निर्जलीकरण होने पर तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करना.
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने की सलाह.
(और पढ़ें - शिशु को उल्टी होने पर उपाय)
रिकवरी चरण
मरीज की रिकवरी के दौरान डॉक्टर तरल पदार्थों का सेवन करने की सिफारिश करता है. इस दौरान डॉक्टर मरीज को अधिक पानी पीने के साथ-साथ ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स लेने की भी सलाह दे सकता है. इसके अलावा, कुछ अन्य तरल पदार्थ लेने की सलाह दे सकता है. जैसे-
- कैफीन मुक्त शीतल पेय पदार्थ पिएं.
- फलों से तैयार जूस का सेवन करें.
- स्पोर्ट्स ड्रिंक का सेवन करें.
अगर मरीज को भूख नहीं लग रही है, तो इस स्थिति में तरल पदार्थ लेना चाहिए. साथ ही धीरे-धीरे तरल पदार्थों के साथ कुछ ठोस खाद्य पदार्थों को भी शामिल करना चाहिए, ताकि शरीर में पोषण की कमी न हो. वहीं, डॉक्टर द्वारा लिखित दवाई का सेवन किया जा सके.
(और पढ़ें - मोशन सिकनेस की होम्योपैथिक दवा)
बार-बार उल्टी होने से कैसे करें बचाव
चक्रीय उल्टी सिंड्रोम या बार-बार उल्टी की परेशानी से बचने के लिए व्यक्ति को उन चीजों से दूर करना चाहिए, जिससे परेशानी ट्रिगर होती है. इसके लिए मरीज को निम्न उपाय फॉलो करने की आवश्यकता होती है, जैसे-
- पर्याप्त मात्रा में नींद और आराम करें.
- संक्रमण और एलर्जी का इलाज कराएं.
- तनाव से दूर रहने की कोशिश करें.
- ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें.
(और पढ़ें - फूड पाइजनिंग)
सारांश
बार-बार उल्टी की परेशानी अज्ञात कारणों से हो सकती है. इस तरह की स्थिति से बचने के लिए हमेशा ट्रिगर करने वाली चीजों से दूर रहें. अगर मरीज को उल्टी के साथ-साथ डिहाइड्रेशन, पेट में दर्द, ड्राई स्किन, मुंह सूखना जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है, ताकि गंभीर परिस्थिति से बचा जा सके. साथ ही इस स्थिति में शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें, ताकि गंभीर लक्षणों से बचा जा सके.
जानिए बार-बार उल्टी होने के कारण , लक्षण और उपचार के डॉक्टर

Dr. Bhushan Borde
सामान्य चिकित्सा
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Gurmeet Singh
सामान्य चिकित्सा
2 वर्षों का अनुभव

Dr. Suhas Chauhan
सामान्य चिकित्सा
11 वर्षों का अनुभव
