नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस - Nephrogenic Diabetes Insipidus in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

October 21, 2020

January 31, 2024

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस
नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस क्या है?

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस (एनडीआई) एक असामान्य गुर्दे की बीमारी है जो कि अनुवांशिक हो सकती है, लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है। 

एनडीआई के नाम में "डायबिटीज" ज़रूर है, लेकिन इसका वास्ता डायबिटीज बीमारी से कोई वास्ता नहीं है, जिसमें शरीर सही तरह से इन्सुलिन बना नहीं पाता है (टाइप 1 डायबिटीज) या ठीक से उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है (टाइप 2 डायबिटीज)। 

एनडीआई में गुर्दे आर्गिनाइन वैसोप्रेसिन (एवीपी) नामक हॉर्मोन का इस्तेमाल करने में असक्षम हो जाते हैं। इससे शरीर में तरल पदार्थों का असंतुलन हो जाता है। हालांकि, नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस से ग्रस्त व्यक्ति को बार-बार पेशाब आती है, जिसके कारण उन्हें ज्यादा प्यास लगती है। ऐसे में यदि वे पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो उनके शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है। एनडीआई में डिहाइड्रेशन के साथ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

(और पढ़ें - डायबिटीज इन्सिपिडस क्या है)

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के लक्षण - Nephrogenic Diabetes Insipidus Symptoms in Hindi

आयु के अनुसार नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इनके बारे में विस्तार से आगे बताया गया है। 

शिशुओं में एनडीआई के निम्न लक्षण हो सकते हैं -

  • बच्चे का डायपर सामान्य से ज्यादा गीला होना
  • उल्टी
  • बेवजह बार-बार बुखार होना
  • कब्ज

छोटे बच्चों में एनडीआई के लक्षण इस प्रकार हैं -

बड़े बच्चों में एनडीआई के लक्षण हैं -

  • ज्यादा पेशाब आना
  • रात में पेशाब आने की वजह से नींद खराब होना
  • भोजन की जगह ज्यादा पानी पीने के कारण शरीर का वजन कम होना
  • विकास धीमा होना

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वयस्कों में निम्न प्रकार के एनडीआई के लक्षण देखे जाते हैं -

  • ज्यादा प्यास लगना
  • अत्यधिक पेशाब आना
  • रात में बार-बार पेशाब आना

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के कारण - Nephrogenic Diabetes Insipidus Causes in Hindi

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस क्यों होता है?

शरीर में तरल पदार्थ के संतुलन को वैसोप्रेसिन या एंटीडायरेक्टिक नामक हार्मोन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। तरल पदार्थ का सेवन कम करने पर एडीएच हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और किडनी कम मात्रा में पेशाब बनाने लगती है। दूसरी ओर, जब तरल पदार्थ का सेवन अधिक होता है, तब एडीएच हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण किडनी अधिक मात्रा में पेशाब बनाने लगती है।

किडनी खून में मौजूद अपशिष्ट और अत्यधिक पानी को फिल्टर करती है, जो बाद में मूत्राशय में पेशाब को होल्ड (संचय या संग्रहित) करती है। जब एडीएच हार्मोन किसी भी कारण से सामान्य रूप से काम नहीं कर पाता है, तो किडनी पेशाब को संग्रहित करने में असक्षम हो जाती है।

इसका मतलब है कि शरीर से अधिक पानी पेशाब के जरिए बाहर निकल जाएगा। फिलहाल ऐसे कई कारक हो सकते हैं, जो शरीर में एडीएच हार्मोन के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं और नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस का कारण बन सकते हैं।

(और पढ़ें - बच्चों में निर्जलीकरण का इलाज)

 
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नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस का इलाज - Nephrogenic Diabetes Insipidus Treatment in Hindi

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस का उपचार कैसे होता है?

एनडीआई के इलाज का लक्ष्य इसके अंतर्निहित कारणों को ठीक करना है, जैसे कि ऐसी दवा का सेवन बंद करना, जिससे एनडीआई ट्रिगर होता है।

इस स्थिति के अन्य उपायों में शामिल हैं -

1. आहार में बदलाव

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण है आहार में बदलाव करना। आमतौर पर डॉक्टर वयस्कों को कम सोडियम और कम प्रोटीन वाले आहार लेने की सलाह देते हैं। आहार में बदलाव करने से बार-बार पेशाब आने की समस्या में कमी आती है।

2. दवाएं

यदि आहार में बदलाव के जरिए बार-बार पेशाब की समस्या दूर नहीं होती है, तो डॉक्टर निम्नलिखित दवा लेने के लिए कह सकते हैं -

  • डेस्मोप्रेसिन
    डेस्मोप्रेसिन एडीएच का एक अप्राकृतिक (सिंथेटिक) रूप है, जिसका उपयोग नॉन-जेनेटिक एनडीआई (जो परिवार में किसी सदस्य से न हुआ हो) के इलाज के लिए किया जा सकता है।
  • एनएसएआईडी
    एनएसएआईडी (NSAIDs) और थायजाइड डायरेटिक्स (thiazide diuretics) एनडीआई के इलाज में मदद कर सकती हैं। हालांकि, दोनों दवाओं को ऑफ-लेबल ड्रग माना जाता है। ऑफ-लेबल ड्रग के उपयोग का मतलब है कि ऐसी दवा, जिसे किसी निश्चित बीमारी या स्थिति के इलाज के लिए बनाया गया है, लेकिन उसे किसी और बीमारी के लिए भी इस्तेमाल किया जाए।

नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) दर्द, बुखार और सूजन को कम करने वाली दवाइयां होती हैं। इनमें सबसे लोकप्रिय एस्पिरिन और आइबुप्रोफेन है।

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के लक्षणों को पहचानने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो एनडीआई खतरनाक साबित हो सकता है।



नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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