तंत्रिका तंत्र खासतौर पर तंत्रिका तंतुओं के क्षतिग्रस्त होने या ठीक तरह से कार्य न कर पाने के कारण नसों में दर्द (न्यूरोपैथिक पेन) हो सकता है। ये दर्द मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या परिधीय तंत्रिकाओं से उत्पन्न हो सकता है। ये दर्द अचानक से उठ सकता है और नसों में चुभने जैसा दर्द हो सकता है या सुन्नपन या झुनझुनाहट महसूस हो सकती है या ठंड में जाने या किसी बाहरी दबाव के कारण नसों में दर्द हो सकता है। आमतौर पर नसों में दर्द का संबंध नींद आने में दिक्कत और भावनात्मक समस्याओं से होता है।
नसों में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार में इस स्थिति को पैदा करने वाले अंतर्निहित कारण का इलाज कर व्यक्ति को दर्द से राहत दिलाई जाती है। न्यूरोपैथिक पेन का इलाज प्रमुख तौर पर निदान परिवार्जन (रोग के कारण को दूर करना), स्नेहन (तेल लगाने की विधि), स्वेदन (पसीना लाने की विधि), विरेचन (दस्त की विधि), बस्ती (एनिमा), नास्य (नाक से औषधि डालने की विधि) और रक्तमोक्षण (दूषित खून निकालने की विधि) से किया जाता है। नसों में दर्द के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ जड़ी बूटियों और औषधियों में भूमिआमलकी, हरिद्रा (हल्दी), बला (खिरैटी), वसंतकुसुमाकर, शिरःशूलादि वज्र रस और महावात विध्वंसन रस का नाम शामिल है।