अंडाशय में सिस्ट का अर्थ हॉर्मोन असंतुलन के कारण अंडाशय (ओवरी) में तरल पदार्थ से भरी गांठें बन जाना है। ओवरी में अंडे एक थैलीनुमा आकृति में बनते हैं, जिन्हें फॉलिकल्स (Follicles) कहा जाता है। अंडे निकल जाने के बाद खाली फॉलिकल्स में तरल पदार्थ इकठ्ठा होना गांठ बनने की वजह होता है। ये समस्या महिलाओं में ज्यादातर तब होती है, जब वे बच्चे पैदा करने की उम्र में होती हैं। अनियमित मासिक धर्म, मासिक धर्म न होना, मतली, उल्टी, पीरियड्स में बहुत ज्यादा दर्द होना, सेक्स के दौरान दर्द, मुंहासे, बाल झड़ना, मोटापा, चेहरे पर ज्यादा बाल आना और प्रजनन क्षमता में कमी होना आदि ओवरी में सिस्ट होने के कुछ लक्षण हैं।
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आमतौर पर, पेडू का अल्ट्रासाउंड करने से इस समस्या का पता चल जाता है। कुछ होम्योपैथिक दवाओं से ओवरियन सिस्ट को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है और इनसे मुंहासे व प्रजनन क्षमता में कमी जैसी जटिलताओं से भी बचा जा सकता है। फॉलिक्यूलाईनम (Folliculinum), ओवेरिनम (Ovarinum) और कैल्केरिया कार्ब (Calcarea carb) आदि कुछ मुख्य दवाएं हैं। इन दवाओं से उन किशोरावस्था वाली लड़कियों का इलाज भी किया जा सकता है, जिन्हें पीसीओएस के लक्षण नहीं हैं।
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