बवासीर और कब्ज जैसी परेशानी होने पर मल त्याग के समय काफी दर्द होता है. आमतौर पर इस समस्या के बारे में बोलने में मरीज को हिचकिचाहट महसूस होती है. इसलिए, कई लोग मल त्याग में दर्द होने का इलाज नहीं करवाते हैं, जो आगे गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है. ऐसे में मल त्यागने में दर्द होने पर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, कुछ घरेलू उपाय की मदद से भी इस परेशानी को दूर किया जा सकता है.
आज इस लेख में हम मल त्याग में दर्द के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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मल त्याग में दर्द के घरेलू उपाय
मल त्याग में दर्द होने पर एलोवेरा, पानी, फाइबर युक्त आहार का सेवन करें. इससे काफी लाभ मिल सकता है. आइए, विस्तार से जानते हैं मल त्याग में दर्द के घरेलू उपायों के बारे में -
अधिक पानी पिएं
मल त्याग में दर्द होने पर अधिक से अधिक पानी का सेवन करें. कब्ज व बवासीर की वजह से मल त्यागने में दर्द हो सकता है. इस तरह की समस्या को दूर करने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है. कब्ज की परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति को कार्बोनेटेड पानी पीने से राहत मिल सकती है. यह उन्हें हाइड्रेट रख सकता है.
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि स्पार्कलिंग पानी, नल के पानी की तुलना में कब्ज से राहत दिलाने में अधिक प्रभावी होता है. इसमें अपच और पेट से जुड़ी परेशानी से राहत मिल सकती है, जो मल त्याग में होने वाले दर्द से भी आराम दिला सकता है. बस ध्यान रखें कि कार्बोनेटेड पेय जैसे शर्करा युक्त सोडा ड्रिंक्स का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए. यह आपकी परेशानी को और अधिक बढ़ा सकता है.
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फाइबर का सेवन
मल त्यागने में दर्द होने पर फाइबर युक्त आहार का सेवन करें. दरअसल, फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से मल त्यागने में होने वाली परेशानी को दूर किया जा सकता है. इससे मल आसानी से निकल जाता है. साथ ही इस तरह का आहार पाचन तंत्र को मजबूत कर सकता है. मल त्यागने (कब्ज या बवासीर) में दर्द होने पर अपने आहार में ओट्स, साबुत अनाज, फाइबर युक्त फल, सब्जियां, ब्राउन राइस और बींस जैसी चीजों को शामिल करें. इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है.
नियमित रूप से करें एक्सरसाइज
मल त्याग में दर्द होने की परेशानी से राहत पाने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से कब्ज के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है. कई अध्ययनों में देखा गया है कि गतिहीन जीवन शैली कब्ज के जोखिम को बढ़ा सकती है.
अगर IBS से प्रभावित रोगी नियमित रूप से हल्का व्यायाम करते हैं, तो पाचन संबंधी लक्षणों और जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि इस दौरान हैवी एक्सरसाइज करने से बचें.
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कॉफी का सेवन
कुछ अध्ययनों में देखा गया है कि कॉफी का सेवन करने से मल त्यागने की इच्छा बढ़ सकती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि कॉफी पाचन तंत्र में मांसपेशियों को उत्तेजित करता है. अध्ययन में यह भी देखा गया है कि कैफीन युक्त कॉफी उसी तरह आंत को उत्तेजित कर सकता है, जिस तरह भोजन आंत को उत्तेजित करता है. यह प्रभाव पीने के पानी की तुलना में 60% अधिक और डिकैफिनेटेड कॉफी पीने से 23% अधिक मजबूत हो सकता है.
बता दें कि कॉफी में थोड़ी मात्रा में घुलनशील फाइबर भी हो सकते हैं, जो आंत के बैक्टीरिया के संतुलन में सुधार करके कब्ज को रोकने में मदद कर सकते हैं. ऐसे में मल त्याग में दर्द होने पर कॉफी का सेवन करना लाभकारी हो सकता है. बस ध्यान रखें कि कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें.
सेना के पत्ते
सेना के पत्ते आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी हैं, जो कब्ज के इलाज में प्रभावी हो सकते हैं. इनका इस्तेमाल मौखिक और मलाशय पर लगाकर भी किया जा सकता है. इससे मल त्यागने में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है.
सेना में ग्लाइकोसाइड नामक यौगिक होता है, जो आंत में नसों को उत्तेजित करता है और मल त्याग को तेज करने में मददगार हो सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि सेना के पत्तों का इस्तेमाल कुछ समय के लिए सुरक्षित हो सकता है, लेकिन अधिक समय तक इसका इस्तेमाल करने से बचें. अगर आपको लंबे समय तक सेना के पत्ते इस्तेमाल से सकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ
प्रोबायोटिक्स पुरानी से पुरानी कब्ज की परेशानी को दूर करने में प्रभावी हो सकता है. प्रोबायोटिक्स स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं, जो स्वाभाविक रूप से आंत के लिए फायदेमंद हैं. इनमें बिफिदोबैक्टीरियम और लैक्टोबैसिलस शामिल होता हैं. इसलिए, मल त्याग में दर्द होने पर प्रोबायोटिक्स खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लाभ हो सकता है.
इसके अलावा प्रोबायोटिक कब्ज व बवासीर की समस्या को दूर करने में भी असरदार साबित हो सकता है. प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों में दही, छाछ व ग्रीन ऑलिव जैसी चीजें शामिल हैं.
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विच हेजल
मल त्याग में दर्द होने पर विच हेजल को आप सीधे बाहरी तौर पर लगा सकते हैं. यह दर्द से राहत दिलाने में प्रभावी हो सकता है. प्राकृतिक विच हेजल एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एस्ट्रिंजेंट से भरपूर होता है, जो बवासीर और कब्ज के लक्षणों को कम करने में प्रभावी है. मल त्यागने में दर्द होने पर शुद्ध विच हेजल की थोड़ी मात्रा को कॉटन बॉल पर लेकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं. इससे दर्द और अन्य लक्षणों को छुटकारा मिल सकता है.
एलोवेरा
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जो मलद्वार के घावों को भरने में मददगार हो सकता है. एलोवेरा के इस्तेमाल से जलन, खुजली और सूजन को कम किया जा सकता है. इसे मरीज सीधे गुदा पर लगा सकते है. बेहतर रिजल्ट पाने के लिए एलोवेरा जेल को रेफ्रिजरेटर में ठंडा करके प्रभावित हिस्से पर लगाएं. ध्यान रखें कि एलोवेरा की शुद्धता पर जरूर ध्यान दें, ताकि मलद्वार में किसी तरह की परेशानी न हो.
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आइस पैक
मल त्याग में दर्द होने पर प्रभावित हिस्से पर आइस पैक लगाएं. इससे दर्द, जलन और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है. ध्यान रखें कि बर्फ को सीधे प्रभावित क्षेत्र पर न रखें, क्योंकि इससे ऊतक को क्षति हो सकती है. इसलिए, बर्फ को तौलिये में लपेटकर या फिर आइस पैक का इस्तेमाल करें. प्रभावित हिस्से पर करीब 15 मिनट तक आइस पैक लगाएं. इससे काफी आराम मिलेगा.
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सारांश
मल त्याग में दर्द की परेशानी होने पर दवा के साथ-साथ घरेलू उपायों से भी आराम पाया जा सकता है. इसके लिए आप आइस पैक, एलोवेरा व विज हेजल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. बस ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है, तो डॉक्टर से उचित सलाह लें, ताकि किसी भी परेशानी को गंभीर होने से रोका जा सके.
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