1. गहरी सांस लें : डर या घबराहट के कारण तेज-तेज सांस लेना (हाइपरवेंटिलेशन) पैनिक अटैक का एक लक्षण है जिसकी वजह से डर की भावना बढ़ने लगती है। ऐसे में गहरी सांस लेने से पैनिक अटैक के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। गहरी सांस लेने पर फोकस करें और मुंह से ज्यादा हवा शरीर के अंदर लें और महसूस करें कि यह हवा आपकी छाती और पेट में भर रही है और फिर उसे बाहर छोड़ें। 1-2-3-4 काउंट करते हुए सांस अंदर लें,1 सेकंड के लिए सांस को होल्ड करके रखें और फिर 1-2-3-4 काउंट करते हुए सांस को बाहर छोड़ें।
2. ऐसा सोचें कि यह समय भी गुजर जाएगा : पैनिक अटैक के दौरान आपको कितना ही डर क्यों न लग रहा हो, मन में नकारात्मक बातें आ रही हों लेकिन आपको सिर्फ ये याद रखना है कि ये भी एक फीलिंग है जो आपको कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाएगी और यह समय भी गुजर जाएगा। इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि घबराहट, चिंता या डर की यह भावना केवल थोड़े समय के लिए है जो तुरंत खत्म हो जाएगी। शुरू होने के 10 मिनट के अंदर पैनिक अटैक के लक्षण बहुत ज्यादा होते हैं और उसके बाद अटैक के लक्षण धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
3. अपनी आंखें बंद कर लें : कई बार पैनिक अटैक किसी ऐसे ट्रिगर की वजह से होता है जिसे आपने अपनी आँखों से देखा हो और उसे देख कर आपको कुछ याद आया हो , या किसी चीज को देख कर आप डर गए हों । ऐसे में अगर आप किसी ऐसे वातावरण में हैं जहां पर आपके पैनिक अटैक को बढ़ाने वाली बहुत सारी चीजें और दृश्य मौजूद हैं तो इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है। ऐसे में पैनिक अटैक के दौरान अपनी आंखें बंद कर लेनी चाहिए और अपनी साँसों पर फोकस करना चाहिए ।
4. सतर्क और जागरुक रहने की प्रैक्टिस करें : माइंडफुलनेस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति आसपास मौजूद चीजों या मौजूदा समय को लेकर सतर्क और जागरुक महसूस करता है। जब भी पैनिक अटैक आता है तो चीजें हकीकत या वास्तविकता से अलग भ्रम लगने लगती हैं , ऐसे में माइंडफुलनेस का अभ्यास करने से आपको पैनिक अटैक का सामना करने में मदद मिलेगी कि जो कुछ आप देख या सोच रहे हैं वो भ्रम नहीं है बल्कि सच्चाई है। उन शारीरिक संवेदनाओं पर ध्यान केंद्रित करें जिन्हे आप पहले से जानते हैं , जैसे अपने पैरों को जमीन पर रगड़ना या अपने हाथों से अपने कपड़े पकड़ना या कुछ अच्छा सोचना जो आपके साथ हुआ हो , अपने परिवार के विषय में सोचना। ये अनुभव आपको वास्तविकता में रखेंगी और आपको ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करेंगी।
5. किसी वस्तु पर फोकस करें : जब पैनिक अटैक आता है तो अपने सामने रखी किसी एक वस्तु पर अपना पूरा ध्यान फोकस करें और उस चीज से जुड़ी सभी चीजों को नोट करने लगें, बहुत से लोगों को इस टेक्नीक से भी मदद मिलती है। उदाहरण के लिए- अगर आपकी आंखों के सामने घड़ी है तो उसके पैटर्न को, रंग को, शेप और साइज को डिस्क्राइब करें। अपनी पूरी एनर्जी इस एक वस्तु पर टिका दें और आप देखेंगे कि ऐसा करने से आपके पैनिक अटैक के लक्षण कम होने लगे हैं ।
6. मसल्स को रिलैक्स करने की टेक्नीक अपनाएं : डीप ब्रीदिंग यानी गहरी सांस लेने की टेक्नीक की ही तरह मांसपेशियों को रिलैक्स करने की टेक्नीक होती हैं जो पैनिक अटैक को रोकने में मदद करती हैं। पूरी मेहनत के साथ जहां तक संभव हो एक समय में अपनी मांसपेशियों और बॉडी को पूरी तरह रिलैक्स करें और इसकी शुरुआत आप हाथों की उंगलियों से कर सकते हैं और फिर शरीर में ऊपर की तरफ बढ़ें। जब आप पहले से इसका अभ्यास करेंगे, तो मांसपेशियों को रिलैक्स करने की टेक्नीक आपको समझ में भी आएगी और ज्यादा फायदेमंद भी होगी।
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7. हल्की एक्सरसाइज करें : एंडोर्फिन हार्मोन खून को सही तरीके से पंप करने में मदद करता है और जब शरीर में एंडोर्फिन ज्यादा हो तो मूड में भी सुधार होता है। पेनिक अटैक के वक्त आप तनाव में होते हैं, ऐसे में हल्की एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन जेनरैट होता है जैसे - वॉक करना या फिर स्विमिंग करना।
8. लैवेंडर का इस्तेमाल करें : लैवेंडर को आराम देने , मानसिक शांति देने और तनाव से राहत देने के लिए जाना जाता है। यह आपके शरीर को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है। यदि आपको बार-बार पैनिक अटैक आते हों तो आपको लैवेंडर ऑयल को हमेशा अपने साथ रखें और जब भी आप को ऐसा लगे कि आप को पैनिक अटैक आने जैसा महसूस हो रहा है उस वक्त लैवेंडर ऑइल को आप अपने फोरआर्म्स यानी हाथ से कोहनी तक के हिस्से में लगाकर उसे सूंघें । आप चाहें तो पैनिक अटैक के दौरान लैवेंडर या कैमोमाइल चाय भी पी सकते हैं। ये दोनों ही आपको काफी रीलैक्स फ़ील करवाएंगे ।