पैनिक अटैक एक ऐसी भावना जिसमें किसी खतरे या कारण के बिना ही व्यक्ति को अचानक बहुत तेज डर लगने लगता है, घबराहट या बहुत अधिक चिंता महसूस होने लगती है। इस दौरान व्यक्ति को एक तीव्र अनुभव होता है जिसके शारीरिक होने के साथ ही कई भावनात्मक लक्षण भी होते हैं। पैनिक अटैक के लक्षणों में शामिल है :

भावनात्मक लक्षणों में शामिल हैं :

  • डर लगना या ऐंग्जाइटी महसूस होना
  • बार-बार चिंता महसूस होना
  • सब कुछ खत्म होने वाला है , ऐसा फील करना
  • हकीकत से अलगाव महसूस होना या सब कुछ भ्रम लगना 

पैनिक अटैक के दौरान कई लोगों को ऐसा भी महसूस होता है मानो उन्हें स्ट्रोक या हार्ट अटैक आ रहा हो। पैनिक अटैक डरावना होता है और कहीं भी और किसी भी वक्त हो सकता है। पैनिक अटैक एक सामान्य समस्या है । दुनियाभर के करीब 13 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पैनिक अटैक का अनुभव जरूर होता है।

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किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक कब आएगा इसका अनुमान लगाना तो संभव नहीं है लेकिन जब भी पैनिक अटैक आए तो फर्स्ट एड के तौर पर क्या करना है इसका एक अगर प्लान तैयार हो तो पैनिक अटैक की स्थिति को मैनेज करना आसान हो जाता है और जिस व्यक्ति को पैनिक अटैक आता है वह व्यक्ति भी ऐसा महसूस करता है कि चीजें उसके कंट्रोल में हैं। इस आर्टिकल में हम आपको उन तरीकों और टिप्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप पैनिक अटैक को रोक सकते हैं। साथ ही अगर किसी और व्यक्ति को पैनिक अटैक आ रहा हो तो आप उसकी भी मदद कर सकते हैं। 

  1. पैनिक अटैक में क्या होता है? - Panic Attack me kya hota hai?
  2. पैनिक अटैक होने पर क्या करें? - Panic Attack hone par kya kare?
  3. अगर किसी को पैनिक अटैक आए तो उसकी मदद कैसे करें? - Panic Attack kisi aur ko aaye to uski help kaise kare?
  4. सारांश
पैनिक अटैक आने पर क्या करें? के डॉक्टर

जिन लोगों को पैनिक डिसऑर्डर की समस्या नहीं है उन्हें भी कई बार पैनिक अटैक आता है। हर 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कभी न कभी पैनिक अटैक जरूर होता है। कुछ लोगों में पैनिक अटैक की हिस्ट्री होती है और उन्हें पता होता है कि वह कौन सी चीज है जिसकी वजह से उनमें यह समस्या ट्रिगर होती है, तो वहीं दूसरों में बिना किसी स्पष्ट कारण या स्थिति के भी पैनिक अटैक हो सकता है। इससे पहले की आप पैनिक अटैक आने पर खुद की या किसी और व्यक्ति की मदद करें आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर पैनिक अटैक में होता क्या है। पैनिक अटैक में बॉडी में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं :

  • दिल की धड़कनों का बेहद तेज हो जाना, धकधकी महसूस होना, ऐसा फील होना कि दिल ने धड़कना बंद कर दिया है या फिर धड़कनें रुक रुक कर आ रहीं हैं
  • सांस लेने में कठिनाई महसूस होना या दम घुटने जैसा फील होना
  • शरीर का कांपना और हाथ और पैर की उंगलियों में झुनझुनी या सुन्नता महसूस होना
  • सिर घूमना, चक्कर आना और बीमार महसूस करना
  • बहुत ज्यादा पसीना आना
  • बार-बार टॉइलेट जाने की जरूरत महसूस होना
  • मन में ऐसा ख्याल आना मानो आपकी मृत्यु होने वाली है
  • आप अपने मन पर कंट्रोल खो रहे हैं या पागल हो रहे हैं ऐसा फील करना
  • गुस्सा आना या आक्रामकता फील होना

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पैनिक अटैक होने पर सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है उसे अस्थमा नहीं समझना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा अटैक आता है तो उन्हें तुरंत अपनी दवा की जरूरत होती है जबकी पैनिक अटैक बहुत कम समय के लिए होता है और व्यक्ति कुछ समय में उससे पूरी तरह से रिकवर हो जाता है। अस्थमा अटैक के दौरान, व्यक्ति में घरघराहट जैसी आवाज होती है, सांस लेने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है , जबकि अगर किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक आता है तो उस व्यक्ति ज्यादा मात्रा में सांस अंदर लेते और छोड़ते हुए देखा जा सकता है।

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1. गहरी सांस लें : डर या घबराहट के कारण तेज-तेज सांस लेना (हाइपरवेंटिलेशन) पैनिक अटैक का एक लक्षण है जिसकी वजह से डर की भावना बढ़ने लगती है। ऐसे में गहरी सांस लेने से पैनिक अटैक के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। गहरी सांस लेने पर फोकस करें और मुंह से ज्यादा हवा शरीर के अंदर लें और महसूस करें कि यह हवा आपकी छाती और पेट में भर रही है और फिर उसे बाहर छोड़ें। 1-2-3-4 काउंट करते हुए सांस अंदर लें,1 सेकंड के लिए सांस को होल्ड करके रखें और फिर 1-2-3-4 काउंट करते हुए सांस को बाहर छोड़ें।

2. ऐसा सोचें कि यह समय भी गुजर जाएगा : पैनिक अटैक के दौरान आपको कितना ही डर क्यों न लग रहा हो, मन में नकारात्मक बातें आ रही हों लेकिन आपको सिर्फ ये याद रखना है कि ये भी एक फीलिंग है जो आपको कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाएगी और यह समय भी गुजर जाएगा। इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि घबराहट, चिंता या डर की यह भावना केवल थोड़े समय के लिए है जो तुरंत खत्म हो जाएगी। शुरू होने के 10 मिनट के अंदर पैनिक अटैक के लक्षण बहुत ज्यादा होते हैं और उसके बाद अटैक के लक्षण धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।

3. अपनी आंखें बंद कर लें : कई बार पैनिक अटैक किसी ऐसे ट्रिगर की वजह से होता है जिसे आपने अपनी आँखों से देखा हो और उसे देख कर आपको कुछ याद आया हो , या किसी चीज को देख कर आप डर गए हों । ऐसे में अगर आप किसी ऐसे वातावरण में हैं जहां पर आपके पैनिक अटैक को बढ़ाने वाली बहुत सारी चीजें और दृश्य मौजूद हैं तो इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है। ऐसे में पैनिक अटैक के दौरान अपनी आंखें बंद कर लेनी चाहिए और अपनी साँसों पर फोकस करना चाहिए ।

4. सतर्क और जागरुक रहने की प्रैक्टिस करें : माइंडफुलनेस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति आसपास मौजूद चीजों या मौजूदा समय को लेकर सतर्क और जागरुक महसूस करता है। जब भी पैनिक अटैक आता है तो चीजें हकीकत या वास्तविकता से अलग भ्रम लगने लगती हैं , ऐसे में माइंडफुलनेस का अभ्यास करने से आपको पैनिक अटैक का सामना करने में मदद मिलेगी कि जो कुछ आप देख या सोच रहे हैं वो भ्रम नहीं है बल्कि सच्चाई है। उन शारीरिक संवेदनाओं पर ध्यान केंद्रित करें जिन्हे आप पहले से जानते हैं , जैसे अपने पैरों को जमीन पर रगड़ना या अपने हाथों से अपने कपड़े पकड़ना या कुछ अच्छा सोचना जो आपके साथ हुआ हो , अपने परिवार के विषय में सोचना। ये अनुभव आपको वास्तविकता में रखेंगी और आपको ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करेंगी।

5. किसी वस्तु पर फोकस करें : जब पैनिक अटैक आता है तो अपने सामने रखी किसी एक वस्तु पर अपना पूरा ध्यान फोकस करें और उस चीज से जुड़ी सभी चीजों को नोट करने लगें,  बहुत से लोगों को इस टेक्नीक से भी मदद मिलती है। उदाहरण के लिए- अगर आपकी आंखों के सामने घड़ी है तो उसके पैटर्न को, रंग को, शेप और साइज को डिस्क्राइब करें। अपनी पूरी एनर्जी इस एक वस्तु पर टिका दें और आप देखेंगे कि ऐसा करने से आपके पैनिक अटैक के लक्षण कम होने लगे हैं ।

6. मसल्स को रिलैक्स करने की टेक्नीक अपनाएं : डीप ब्रीदिंग यानी गहरी सांस लेने की टेक्नीक की ही तरह मांसपेशियों को रिलैक्स करने की टेक्नीक होती हैं जो पैनिक अटैक को रोकने में मदद करती हैं। पूरी मेहनत के साथ जहां तक संभव हो एक समय में अपनी मांसपेशियों और बॉडी को पूरी तरह रिलैक्स करें और इसकी शुरुआत आप हाथों की उंगलियों से कर सकते हैं और फिर शरीर में ऊपर की तरफ बढ़ें। जब आप पहले से इसका अभ्यास करेंगे, तो मांसपेशियों को रिलैक्स करने की टेक्नीक आपको समझ में भी आएगी और ज्यादा फायदेमंद भी होगी।

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7. हल्की एक्सरसाइज करें : एंडोर्फिन हार्मोन खून को सही तरीके से पंप करने में मदद करता है और जब शरीर में एंडोर्फिन ज्यादा हो तो मूड में भी सुधार होता है। पेनिक अटैक के वक्त आप तनाव में होते हैं, ऐसे में हल्की एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन जेनरैट होता है जैसे - वॉक करना या फिर स्विमिंग करना। 

8. लैवेंडर का इस्तेमाल करें : लैवेंडर को आराम देने  , मानसिक शांति देने और तनाव से राहत देने के लिए जाना जाता है। यह आपके शरीर को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है। यदि आपको बार-बार पैनिक अटैक आते हों तो आपको लैवेंडर ऑयल को हमेशा अपने साथ रखें और जब भी आप को ऐसा लगे कि आप को पैनिक अटैक आने जैसा महसूस हो रहा है उस वक्त लैवेंडर ऑइल को आप अपने फोरआर्म्स यानी हाथ से कोहनी तक के हिस्से में लगाकर उसे सूंघें । आप चाहें तो पैनिक अटैक के दौरान लैवेंडर या कैमोमाइल चाय भी पी सकते हैं। ये दोनों ही आपको काफी रीलैक्स फ़ील करवाएंगे ।

  • जिस व्यक्ति को पैनिक अटैक आया है हो सकता है वह यह समझा न पाए कि उसे यह अटैक क्यों आया, किस वजह से आया इसलिए उसे कारण बताने के लिए फोर्स न करें। इसकी जगह पीड़ित व्यक्ति को आश्वासन दें, उसकी हिम्मत बांधें कि सबकुछ ठीक हो जाएगा।
  • पीड़ित व्यक्ति से पॉजिटिव बातें करें, उन्हें समझाएं कि कुछ ही देर में सब ठीक हो जाएगा।
  • अगर कोई चीज उनकी परेशानी या ट्रिगर का कारण है तो उसे वहां से हटा दें या फिर उस व्यक्ति को किसी दूसरी जगह पर ले जाएं।
  • पीड़ित व्यक्ति से कहें कि वह आराम से धीरे-धीरे अपनी नाक या मुंह से सांस लें और अपनी ब्रीदिंग पर फोकस करें।
  • पानी की छोटी-छोटी घूंट भी व्यक्ति को शांत करने और तसल्ली देने में मदद कर सकती है।
  • पीड़ित व्यक्ति को किसी शांत जगह पर ले जाएं। आरामदायक जगह पर बैठना भी असरदार हो सकता है क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें अपनी श्वसन प्रक्रिया पर फोकस करने में मदद मिल सकती है।
  • व्यक्ति को बार-बार याद दिलाएं कि पैनिक अटैक हमेशा के लिए रहने वाला नहीं है, यह तुरंत खत्म हो जाएगा।
  • अपने व्यवहार को पॉजिटिव रखें और किसी भी तरह की नकारात्मक बात न करें।
  • जहां तक संभव हो उस व्यक्ति से दोस्ताना तरीके से और लाइट मूड की बातें करें ताकि उनका माइंड समस्या से भटक जाए और वे सुरक्षित महसूस करें।
  • अगर पैनिक अटैक के लक्षण गंभीर होने लगें या बिगड़ने लगें तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
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पैनिक अटैक आने पर सबसे पहले घबराने की बजाय गहरी सांस लें और 4-4-4 मेथड अपनाएं—4 सेकंड तक सांस लें, 4 सेकंड रोकें और 4 सेकंड में छोड़ें। 5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग टेक्निक से खुद को वर्तमान में लाएं—अपने आसपास की 5 चीजें देखें, 4 चीजें छूएं, 3 आवाजें सुनें, 2 चीजों को सूंघें और 1 चीज़ का स्वाद लें। ठंडा पानी पीकर या चेहरा धोकर खुद को शांत करें। हल्की सैर करें या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें। याद रखें, यह अटैक कुछ समय के लिए होता है और कुछ ही देर में चला जाता है, इसलिए खुद को संभालें और संयम बनाए रखें।

Dr. Sahil Nahanale

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