पेनिस या लिंग का दर्द लिंग में किसी तरह की परेशानी या तकलीफ को दर्शाता है। पेशाब करते समय, स्खलन के दौरान या सेक्स करते समय यह समस्या हो सकती है। यदि यह समस्या 4 घंटे से अधिक समय तक रहती है तो इसे गंभीर माना जाता है और इलाज करना जरूरी होता है। लिंग में दर्द निम्नलिखित कई स्थितियों के कारण हो सकता है:
- बैलेंटिस: जिन पुरुषों के लिंग का खतना नहीं होता है उनमें बैलेंटिस (लिंग में सूजन) एक सामान्य समस्या है। इस स्थिति में लिंग का आगे का भाग संक्रमित हो जाता है।
- प्रियपिज्म: प्रियपिज्म की समस्या में पुरुष का लिंग बिना सेक्सुअल सेंसेशन के ही लंबे समय तक तनाव में बना रहता है। यह समस्या निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:
- लिंग में तनाव लाने के लिए अवैध ड्रग्स या गोलियां लेना
- रीढ़ की हड्डी में चोट लगना
- यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)
- जेनाइटल हर्पीज (जननांग दाद)
- प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन)
- यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय)
- लिंग का कैंसर
- सिकल सेल रोग (और पढ़ें - सिकल सेल एनीमिया का इलाज)
- लिंग में फ्रैक्चर
- मूत्राशय में पथरी (और पढ़ें - पथरी का उपचार)
- एक्सीडेंट हो जाना
पुरुष के जननांगों से संबंधित विभिन्न स्थितियों को ठीक करने के लिए कई तरह की होम्योपैथिक दवाएं उपयोगी पाई गई है। थूजा ऑसिडेंटलिस, पेट्रोलियम और हिपर सल्फर जैसी दवाएं लिंग के संक्रमण, विशेष रूप से दाद के उपचार में प्रभावी हैं, जबकि अर्जेन्टम नाइट्रिकम नाम की दवा यूरेथ्राइटिस के उपचार में प्रभावी है।
(और पढ़ें - लिंग के रोगों का इलाज)
- होम्योपैथी में लिंग में दर्द का इलाज कैसे होता है? - Homeopathy me Penis Pain ka upchar kaise hota hai?
- लिंग में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Penis Pain ki homeopathic medicine
- होम्योपैथी में लिंग में दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me Penis Pain ke liye khan pan aur jeevan shaili ke badlav
- लिंग में दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Penis Pain ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
- लिंग में दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Penis Pain ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में लिंग में दर्द का इलाज कैसे होता है? - Homeopathy me Penis Pain ka upchar kaise hota hai?
किसी व्यक्ति के लिए जननांग रोग से पीड़ित होना बहुत ही चिंताजनक स्थिति हो सकती है। ज्यादातर लोग ऐसे मामलों में काफी शर्मिंदा महसूस करते हैं और इन समस्याओं के बारे में डॉक्टर से परामर्श करने आगे नहीं आते हैं। हालांकि, परामर्श लेना बहुत आवश्यक है क्योंकि कोई टेस्ट करने या किसी यूरोलॉजिस्ट के पास रेफर करने के लिए डॉक्टर द्वारा रोगी की सावधानीपूर्वक जांच करना जरूरी है।
ऐसे समय में होम्योपैथिक उपचार से आपको मदद मिल सकती है। यदि बहुत आवश्यक न हो तो कोई भी व्यक्ति किसी लैब टेस्ट के बिना ही होम्योपैथिक डॉक्टर को अपनी स्थिति के बारे में स्पष्ट रूप से बता सकता है। होम्योपैथी से ज्यादातर मामलों में किसी भी तरह की सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं इसका भी पता लगा लिया जाता है, जो कि ज्यादातर लोगों के लिए एक राहत की बात है। योग्य डॉक्टर ध्यान से आपकी स्थिति का आकलन करते हैं और फिर उचित दवा देते हैं। जब यह दवा सही खुराक में ली जाती है, तो ये रोग के लक्षणों को दबाने के बजाय रोगी के पूरे स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करती है।
इसके अलावा, होम्योपैथिक दवाओं को अत्यधिक पतली खुराक में उपयोग किया जाता है जो बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर की प्राकृतिक उपचार व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त होती है। नतीजतन, इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। ऐसे मामलों में जहां पारंपरिक उपचार और एलोपैथिक दवाओं से सही इलाज नहीं मिल पाता है, उन मामलों में एक अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इलाज किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, जल्दी ठीक होने के लिए भी एलोपैथिक दवाओं के साथ इन दवाओं को लिया जा सकता है।
कई केस स्टडीज लिंग दर्द की ऐसी समस्याओं में होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावशीलता को बयान करती हैं, जिनमें इनके बिना ऑपरेशन करने की आवश्यकता पड़ती। बैलेंटिस के ऐसे ही एक मामले में, होम्योपैथिक दवाओं जैसे कि आर्सेनिक एल्बम, रस टाक्सिकोडेन्ड्रन, सिनाबेरिस और अन्य दवाओं को बहुत फायदेमंद पाया गया और ऑपरेशन करवाने से बचने में मदद मिली।
एक केस स्टडी में, होम्योपैथिक दवाओं को प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट की सूजन) के कारण होने वाले लिंग दर्द से राहत देने में लाभकारी पाया गया था। होम्योपैथिक दवाओं से एलोपैथिक दवाओं के किसी भी सामान्य साइड इफेक्ट्स की तरह कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ। उदाहरण के लिए, अल्फा ब्लॉकर्स जैसी एलोपैथिक दवाओं के उपयोग से बीपी कम होना, चक्कर आना, सिरदर्द और बेहोशी हो सकती है। इसके अलावा, प्रोस्टेट की सूजन और मूत्र प्रणाली के पूरे कामकाज में भी सुधार देखा गया था।
(और पढ़ें - बेहोश होने पर प्राथमिक उपचार)
लिंग में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Penis Pain ki homeopathic medicine
लिंग में दर्द के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं निम्नलिखित हैं:
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एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica)
सामान्य नाम: हनी बी (Honey Bee)
लक्षण: एपिस मेलिफिका से निम्नलिखित लक्षणों में राहत मिलती है:- लिंग में चुभने वाला दर्द
- लिंग के आगे वाले भाग पर सूजन
- लिंग में लालिमा
- पेशाब करते समय दर्द
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ऐग्नस कैस्टस (Agnus Castus)
सामान्य नाम: चेस्ट ट्री (Chaste tree)
लक्षण: यह दवा ज्यादातर लंबे और दर्दनाक इरेक्शन से पीड़ित रोगियों के लिए निर्धारित है। इस दवा द्वारा निम्नलिखित कुछ अन्य लक्षणों को कम किया जा सकता है:- लिंग में लंबे समय तक दर्द होना
- लिंग से पीले रंग का स्राव निकलना
- दर्द के साथ ही लिंग का अनियमित स्खलन या बिलकुल स्खलन न होना (और पढ़ें - स्खलन में देरी का इलाज)
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अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum)
सामान्य नाम: नाइट्रेट ऑफ सिल्वर (Nitrate of silver)
लक्षण: इस दवा को आमतौर पर बैलेंटिस यानि लिंग के आगे के भाग पर सूजन के मामलों में दिया जाता हैI इस दवा से निम्नलिखित लक्षणों में भी लाभ मिलता है:- लिंग में तनाव या इरेक्शन के दौरान दर्द
- नपुंसकता
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना
- पेशाब में खून आना
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अर्निका मोंटाना (Arnica Montana)
सामान्य नाम: लेपर्ड्स बेन (Leopard’s bane)
लक्षण: यह दवा आम तौर पर उन रोगियों को दी जाती है जो गिरने या दुर्घटनाओं के कारण लिंग में दर्द और सूजन का अनुभव करते हैं। निम्नलिखित कुछ अन्य लक्षणों में भी यह दवा दी जाती है:- गिरने या दुर्घटना से झटका लगने के कारण लिंग में सूजन होना
- पेशाब करते समय दर्द होना (और पढ़ें - पेशाब में दर्द के घरेलू उपाय)
- लिंग पर हल्का सा दबाव पड़ने पर भी दर्द होना
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एलियम सैटाइवम (Allium Sativum)
सामान्य नाम: लहसुन (Garlic)
लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों के लिए उपयोग की जाती है:- जननांगों में संक्रमण
- हिलने डुलने या छूने से लिंग का दर्द बढ़ जाना
- पेशाब करते समय दर्द या पेशाब करने में असमर्थता
जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, उन्हें यह उपाय नहीं करने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या करें)
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बोरेक्स वेनेटा (Borax Veneta)
सामान्य नाम: बोरेक्स (Borax)
लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों के लिए उपयोग होती है:- पेशाब करते समय दर्द होना (और पढ़ें - पेशाब में दर्द का होम्योपैथिक इलाज)
- पेशाब से तीखी गंध आना
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कैन्थरिस वेसिकेटोरिया (Cantharis Vesicatoria)
सामान्य नाम: कैन्थरिस (Cantharis)
लक्षण: कैन्थरिस यूरिन और प्रजनन से संबंधित अंगों की समस्याओं के लिए एक सामान्य होम्योपैथिक दवा है। निम्नलिखित लक्षणों में यह दवा दी जाती है:- लिंग में इरेक्शन या तनाव के समय दर्द
- प्रियपिज्म
- पेशाब में खून आना
- बार बार पेशाब करने की इच्छा होना
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कैलेडियम सेगुइनम (Caladium Seguinum)
सामान्य नाम: अमेरिकन एरम (American arum)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा से लाभ होता है:- बैलेंटिस
- लिंग के आगे के भाग पर सूजन और दर्द
- बिना किसी भी यौन इच्छा के लिंग में दर्दनाक इरेक्शन या तनाव
- लिंग के आगे के भाग वाली त्वचा में काटने जैसा दर्द और पीड़ा
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क्रोटन टिगलियम (Croton Tiglium)
सामान्य नाम: क्रोटन ऑयल सीड (Croton oil seed)
लक्षण: क्रोटन टिग्लियम पुरुषों और महिलाओं दोनों में जननांग दाद के मामलों में एक शक्तिशाली और पसंदीदा दवा है। यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है:- लिंग में पीन चुभने जैसा दर्द महसूस होना
- लिंग पर चकत्ते होना
- लिंग में तेज दर्द
- लिंग पर पपड़ी बन जाना
- अल्सर बन जाना
- लिंग के मुंह के चारों ओर खुजली और घाव होना (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
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हिपर सल्फर (Hepar sulphur)
सामान्य नाम: हैनिमैन्स कैल्शियम सल्फाइड (Hahnemann’s calcium sulphide)
लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों के लिए निर्धारित है। :- हर्पीस (और पढ़ें - हर्पीस का होम्योपैथिक इलाज)
- बार-बार रक्तस्राव
- पेशाब करते समय दर्द
- बाहरी अल्सर बनना
- पेशाब रोकने में परेशानी
- जननांगों की त्वचा पर चकत्ते होना
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नाइट्रिकम एसिडम (Nitricum Acidum)
सामान्य नाम: नाइट्रिक एसिड (Nitric acid)
लक्षण: यह दवा उस बिंदु को प्रभावित करती है, जहां त्वचा और श्लेष्म झिल्ली मिलते हैं। लिंग में दर्द के अलावा, यह दवा निम्नलिखित लक्षणों का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती है:- जननांगों में जलन महसूस होना
- पेशाब करते समय दर्द होना
- पेशाब में खून या एल्ब्यूमिन आना (और पढ़ें - एल्बुमिन टेस्ट कैसे होता है)
- लिंग पर अल्सर बन जाना
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मर्क्यूरियस सोलुबिलिस (Mercurius solubilis)
सामान्य नाम: क्विकसिल्वर (Quicksilver)
लक्षण: क्विकसिल्वर एक बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावी दवा है, जो अगर किसी अच्छे होम्योपैथी डॉक्टर द्वारा उचित खुराक में न ली जाए तो खतरनाक हो सकती है। यह दवा निम्नलिखित लक्षणों से राहत के लिए दी जाती है:- मूत्रमार्ग से हरे रंग का स्राव
- पुरुष जननांगों की त्वचा पर खुजली और चकत्ते (और पढ़ें - खुजली का आयुर्वेदिक इलाज)
- बार बार पेशाब करने का मन करना
- स्खलन के साथ खून आना
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पेट्रोलियम (Petroleum)
सामान्य नाम: क्रूड रॉक ऑयल (Crude rock oil)
लक्षण: पेट्रोलियम पुरुषों में जननांग दाद के उपचार की एक उत्कृष्ट दवा है। यह दवा निम्नलिखित लक्षणों में भी दी जाती है:- जननांगों पर चकत्ते
- जननांगों में सूजन
- मूत्रमार्ग में खुजली
- पेट में तेज दर्द (और पढ़ें - पेट में दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
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थूजा ऑक्सीडेंटलिस (Thuja Occidentalis)
सामान्य नाम: आर्बर विटै (Arbor Vitae)
लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों में इलाज के लिए दी जाती है- लिंग में दर्दनाक सूजन
- पेशाब में सफेद पदार्थ निकलना (और पढ़ें - पेशाब का रंग सफेद होने का कारण)
- बैलेंटिस
- बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
- लिंग और मूत्राशय के आस-पास दर्द तथा जलन महसूस करना
होम्योपैथी में लिंग में दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me Penis Pain ke liye khan pan aur jeevan shaili ke badlav
हमारा स्वास्थ्य काफी हद तक हमारी जीवन शैली, आहार और दिनचर्या की पसंद को बताता है। एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन शैली को बनाए रखने में असफल होना कई बीमारियों को पैदा करता है। होम्योपैथिक उपचार में किसी हस्तक्षेप को रोकने के लिए, अक्सर रोगी के भोजन और जीवन शैली में कई सारे बदलावों की आवश्यकता होती है। नीचे आहार और जीवन शैली संबंधी कुछ ऐसे ही बदलावों के बारे में बताया गया है, जो लिंग दर्द के होम्योपैथिक उपचार के प्रभाव को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
क्या करें:
- स्वस्थ पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और साफ कपड़े पहने।
- अपने वातावरण को जितना हो सके उतना सूखा रखें। इससे न केवल संक्रमण जल्दी ठीक होगा, बल्कि यह संक्रमण दोबारा नहीं होगा।
क्या न करें:
- उपचार के दौरान शराब और तंबाकू के सेवन से बचे। (और पढ़ें - तंबाकू छोड़ने के आसान उपाय)
- स्ट्रांग पेय पदार्थ से भी परहेज करें, क्योंकि वे होम्योपैथिक दवाओं की कार्यप्रणाली के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं। (और पढ़ें - कोल्ड ड्रिंक के नुकसान)
- खट्टे और मसालेदार भोजन जैसे मिर्च और अचार नहीं खाने चाहिए। (और पढ़ें - मसालेदार खाना खाने से होने वाले दर्द के का उपचार)
- मोटे या ऊनी कपड़े नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि उनसे दानों में जलन और सूजन या संक्रमण हो सकता है।
लिंग में दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Penis Pain ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम खुराक में दिया जाता है। ये दवाएँ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को रोगों से लड़ने के लिए उत्तेजित करती हैं और इसलिए दुष्प्रभावों से भी मुक्त होती हैं। हालांकि, अगर दवा सही खुराक में नहीं ली जाती है तो कुछ बुरे प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि किसी प्रतिष्ठित डॉक्टर से सही परामर्श के बाद ही दवाएँ लें।
(और पढ़ें - प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने के लिए क्या खाएं)
लिंग में दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Penis Pain ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
पेनिस में दर्द बैलेंटिस,प्रियपिज्म और लिंग में फ्रैक्चर आदि कारणों से हो सकता है। पारंपरिक चिकित्सा में अक्सर इनमें से अधिकांश स्थितियों के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी जाती है, जो शरीर के लिए ठीक नहीं है और ठीक होने में काफी लंबे समय की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन बहुत महँगा भी होता है।
दूसरी ओर, लिंग दर्द के होम्योपैथिक उपचार में बिना ऑपरेशन के इलाज किया जाता है, जिसका उद्देश्य जड़ से बीमारी का इलाज करना है। होम्योपैथिक उपचार में दवाएँ रोगी की पूरी शारीरिक स्थिति और चिकित्सा स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। इन दवाओं से यह आश्वासन भी मिलता हैं कि उपचार सुरक्षित है और इससे दुष्प्रभाव नहीं होता है। होम्योपैथिक दवाओं की यह विशेषता इन्हें लिंग दर्द के जटिल मामलों, जिनमें तत्काल सर्जरी या ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है, के लिए प्राथमिक उपचार का एक अच्छा विकल्प बनाती है।
(और पढ़ें - गुप्त रोगों का इलाज)
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संदर्भ
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