पेट के अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर के नाम से भी जाना जाता है। ये पेट की लाइनिंग में ज़ख्म हो जाने की वजह से होता है। ये आंत के ऊपरी हिस्से में भी हो सकता है। 

पेट में अल्सर तब होता है जब पेट की लाइनिंग या आंत का ऊपरी हिस्सा पेट के एसिड के हानिकारक प्रभाव की वजह से खराब होने लगता है। ये कई कारकों की वजह से होता है जैसे बैक्टीरियम हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (bacterium Helicobacter pylori) से इन्फेक्शन हो जाना, सूजनरोधी नोन-स्टेरॉइड दवाई का ज़्यादा इस्तेमाल करना, शराब की लत या ज़्यादा पीना, रेडिएशन थेरेपी, जलन और शारीरिक चोट आदि। पेट के अल्सर का सबसे आम लक्षण है छाती और बेली बटन के आसपास जलन या दर्द महसूस होना। ये दर्द कुछ मिनट या काफी घंटे तक हो सकता है। ये स्थिति अल्सर की गंभीरता पर निर्भर करती है। अन्य लक्षण जैसे भूख न लगना, पेट फूलना, सीने में जलन, बदहजमी, डकार, मतली, उल्टी और वज़न कम होना।

किसी भी उम्र के व्यक्ति को पेट का अल्सर हो सकता है और ये समस्या पुरुषों की तुलना में महिलायें बहुत जल्दी जल्दी होती है। इस परेशानी का इलाज जल्द से जल्द किया जाना चाहिए वर्ण अल्सर और भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।

लेकिन अच्छी बात ये है कि अल्सर की समस्या के लिए कई प्राकृतिक उपाय भी है जिनका इस्तेमाल आप घर बैठे बैठे कर सकते हैं। घरेलू उपाय एसिड के खिलाफ पेट की लाइनिंग को सुरक्षित और मजबूत बनाती हैं। घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पहले आप अपने डॉक्टर से इसके उपयोग के बारे में बात कर लें।

तो आइये आपको बताते हैं पेट के अल्सर के कुछ घरेलू उपाय –

  1. पेट के अल्सर के लिए पत्ता गोभी के फायदे - Pet me ulcer ka upay hai cabbage in Hindi
  2. पेट के अल्सर के लिए केले के फायदे - Pet ke ulcer se chutkara pane ka upay hai bananas in Hindi
  3. पेट के अल्सर के लिए लाल मिर्च के फायदे - Pet ke ulcer ko dur karne ka tarika hai lal mirch in Hindi
  4. पेट में अल्सर के लिए नारियल के फायदे - Pet me ulcer ko thik karne ka tarika hai coconut in Hindi
  5. पेट में अल्सर के लिए मुलेठी के फायदे - Pet me ulcer ka gharelu nuskha hai licorice in Hindi
  6. पेट के अल्सर के लिए मेथी के फायदे - Pet ke ulcer ka gharelu upay hai fenugreek in Hindi
  7. पेट के अल्सर के लिए शहद के फायदे - Pet ke ulcer se bachne ka upay hai honey in Hindi
  8. पेट के अल्सर के लिए लहसुन के फायदे - Gastric ulcer ka desi upay hai lehsun in Hindi
  9. पेप्टिक अल्सर के लिए स्लिपरी एल्म के फायदे - Peptic ulcer ko dur karne ka upay hai dlippery elm helps in Hindi
  10. पेप्टिक अल्सर के लिए बेल के फायदे - Peptic ulcer ka gharelu nuskha hai bel in Hindi
  11. सारांश

पत्ता गोभी पेट के अल्सर के लिए एक बेहतरीन उपाय है। लैक्टिक एसिड होने की वजह से पत्ता गोभी एमिनो एसिड का उत्पादन करता है जो पेट की लाइनिंग में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करता है। इससे पेट की लाइनिंग मजबूत होती हैं और अल्सर का इलाज होता है।

इसके साथ ही विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत है जो कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही पत्ता गोभी के साथ गाजर को मिलाने से भी आपको फायदा पहुंचेगा क्योंकि ताज़ा गाजर के जूस में एंटी पेप्टिक अलसर फैक्टर होता है (विटामिन U)।

पत्ता गोभी का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले आधा पत्ता गोभी और दो गाजर के छोटे छोटे टुकड़े कर लें।
  2. अब इन्हे मिक्सर में मिक्स करने के लिए डालने दें।
  3. अब इसमें से निकलने वाले जूस को आधा कप खाना खाने से पहले और सोने से पहले पियें।
  4. इस प्रक्रिया को कुछ हफ्ते तक रोज़ाना दोहराएं। कोशिश करें कि हमेशा आपका जूस ताज़ा हो।

(और पढ़ें - पत्ता गोभी के फायदे

Digestive Tablets
₹314  ₹349  9% छूट
खरीदें

पेट में अल्सर के इलाज के लिए छिला और बिना छिला केला दोनों ही बेहद प्रभावी हैं। केले में कई तरह के एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड होते हैं जो अल्सर को बढ़ने से रोकते हैं। केला गैस्ट्रिक जूस की एसिडिटी को साफ़ करके सिस्टम की सुरक्षा करता है। ये पेट की लाइनिंग की सूजन को दूर करता है और उसे मजबूत रखता है।

केले का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. अल्सर का इलाज करने के लिए, पूरे दिन में तीन छिले हुए केले खाएं। अगर आपको केले खाना पसंद नहीं है तो आप केले से बना मिल्क शेक पी सकते हैं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा सबसे पहले दो या तीन केले को छील लें और उन्हें फिर पतले पतले टुकड़ों पर काट लें।
  2. अब उन टुकड़ों को सूरज के सामने तब तक रखें जब तक वो सूख न जाए। अब सूखे केले के टुकड़ों को मिक्सर में मिक्स कर लें और उनका पाउडर तैयार कर लें।
  3. अब इस पाउडर के दो चम्मच और एक चम्मच शहद को एक साथ मिलाकर खा जाएँ।
  4. इस मिश्रण को एक हफ्ते तक पूरे दिन में तीन बार ज़रूर लें।

(और पढ़ें - केले के फायदे

लाल मिर्च पेट की अल्सर का इलाज करने के लिए बहुत ही प्रभावी उपाय है। एक पब्लिश्ड लेख के अनुसार लाल मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन पेट के एसिड के स्राव को कम करता है, अल्काली के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और म्यूकस के स्राव और गैस्ट्रिक म्यूकोसल रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करता है। इस प्रकार से अल्सर का इलाज होता है और उसे रोका भी जाता है।

लाल मिर्च का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. सबसे पहले एक या आठ चम्मच लाल मिर्च को एक ग्लास गर्म पानी में मिला दें।
  2. अब इसे पूरे दिन में दो बार दो या तीन दिन तक पियें।
  3. फिर धीरे धीरे लाल मैच की मात्रा को आगे के हफ्ते तक पूरे दिन में एक चौथाई लें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा लाल मिर्च के कैप्सूल्स को आप हेल्थ स्टोर से ले सकते हैं। पूरे दिन में तीन कैप्सूल्स खाना खाने के बाद एक हफ्ते के लिए लें।
  2. इसके अलावा आप एक चुटकी लाल मिर्च को सूप, मीट और अन्य डिश में डाल सकते हैं।  

(और पढ़ें - लाल मिर्च के फायदे

नारियल पेट के अल्सर के लिए बेहद फायदेमंद होता है क्यंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये अल्सर के कारण होने वाले बैक्टीरिया को मारता है। इसके अलावा नारियल दूध और नारियल पानी में एंटी अल्सर गुण होते हैं।

नारियल का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

  1. सबसे पहले नारियल के दूध या कोमल नारियल के पानी के रोज़ाना कुछ कप ज़रूर पियें।
  2. इसके साथ ही कोमल नारियल के डंठल को भी खाने की कोशिश करें।
  3. इस इलाज को एक हफ्ते तक ज़रूर आजमाएं जिससे आपको एक अच्छा परिणाम मिल सके।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा एक चम्मच नारियल तेल को सुबह और रात एक हफ्ते के लिए दोनों समय लें।
  2. नारियल का तेल फैटी एसिड से समृद्ध होता है तो ये आसानी से पच जाता है।

कई रिसर्च बताती हैं कि मुलेठी बेहद ही प्रभावी तरीके से इलाज करती है और पेट के अल्सर को रोकती है। ये पेट और आंत को सुरक्षित म्यूकस का उत्पादन करने में मदद करती है। जिससे पेट की लाइनिंग के सब तरफ से परत बनना शुरू हो जाती है। ये अल्सर के दर्द में आराम दिलाती है और इलाज भी बहुत तेज़ी से करती है।

मुलेठी का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. सबसे पहले एक या आधा चम्मच मुलेठी की जड़ के पाउडर को एक कप पानी में मिला दें।
  2. फिर इसे ढक दें और रातभर के लिए इसे ऐसे ही रहने दें।
  3. अगली सुबह पके, टूटे हुए सफ़ेद चावल को (ये ऐसे चावल होते हैं जो पीसाई के समय टूट जाते हैं) इस मिश्रण में मिलाकर खा जाएँ।
  4. इस प्रक्रिया को हफ्ते में एक बार रोज़ाना ज़रूर दोहराएं। 

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा मुलेठी की चाय को पूरे दिन में दो या तीन बार एक हफ्ते के लिए ज़रूर आजमाएं।

तीसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप दो या तीन मुलेठी की टेबलेट को पूरे दिन में तीन बार हफ्ते भर के लिए चबाकर निगल लें।
  2. आप 380 मिलीग्राम टेबलेट को हेल्थ फ़ूड स्टोर से खरीद सकते हैं।

(और पढ़ें - मुलेठी के फायदे

Probiotics Capsules
₹489  ₹770  36% छूट
खरीदें

मेथी में इलाज करने के गुण और स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ मौजूद होते हैं। आप इसका इस्तेमाल अल्सर का इलाज करने के लिए कर सकते हैं। ये मुकिलाजिनस (mucilaginous) कंपाउंड से समृद्ध होता है, मेथी  पेट की लाइनिंग के आसपास परत बनाकर इसे सुरक्षित रखता है।

मेथी का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. सबसे पहले एक चम्मच मेथी के बीज को एक कप पानी में मिला दें ,
  2. अब इस मिश्रण में थोड़ा शहद मिलाकर पी जाएँ।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा एक चम्मच मेथी के बीज के पाउडर को दूध में डालकर पी जाएँ।

तीसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप एक कप मेथी की पत्तियों को सबसे पहले उबाल लें।
  2. उबालने के बाद इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और पूरे दिन में दो बार इसे खाने की कोशिश करें।
  3. इन तीनों में कोई भी उपाय को पूरे दिन में दो बार हफ्तेभर के लिए ज़रूर आजमाएं।

(और पढ़ें - मेथी के फायदे

शहद में इलाज करने के गुण शामिल होते हैं जो पेट के अल्सर का इलाज करने में मदद करते हैं। शहद में मौजूद ग्लूकोस ऑक्सिडेस एन्ज़ाइम हाइड्रोजेन पेरोक्साइड का उत्पादन करता है। जिससे हानिकारक बैक्टीरिया मरने लगते हैं जिनके कारण अल्सर होता है। इसके साथ ही ये पेट की लाइनिंग की सूजन और दर्द को दूर करता हैं।

शहद का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. दो चम्मच शहद को रोज़ाना सुबह खाली पेट ज़रूर लें।
  2. इससे पेट की गैस दूर करने में मदद मिलेगी, पेट की लाइनिंग मजबूत होंगी और ऐसे पेट के अल्सर का इलाज होगा। (और पढ़ें - पेट की गैस के लक्षण)

(और पढ़ें - शहद के फायदे

लहसुन पेट के अल्सर का इलाज करने में मदद करता है। एक रिसर्च के अनुसार इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरियम के स्तर को सही रखते हैं।

लहसुन का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. दो ये तीन लहसुन की फांकों को क्रश कर लें और अब इसे एक ग्लास पानी में डालकर दिन में पी लें।
  2. इस प्रक्रिया को रोज़ाना करें जिससे पेट की सूजन कम हो और पेट के अल्सर से राहत मिले।

(और पढ़ें - लहसुन के फायदे और नुकसान

स्लिपरी एल्म पेट के अल्सर के लिए एक बेहतरीन उपाय है। अलिपिरी एल्म के अंदर की छाल में म्यूसिलेज (mucilage) होता है जो दर्द और सूजन से राहत दिलाता है। इसके साथ ही म्यूसिलेज आंत में अधिक वसा को हटाने में मदद करता है।

स्लिपरी एल्म का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. सबसे पहले स्लिपरी एल्म के अंदर की छल को लें और फिर इसे एक पाउडर में तैयार कर लें।
  2. फिर इस पाउडर के एक चम्मच को एक कप गर्म पानी में मिला दें।
  3. इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद एक हफ्ते के लिए पूरे दिन में तीन बार ज़रूर पियें।  

वुड एप्पल की पत्तियों को बेल भी कहा जाता है। ये पेट के अल्सर के इलाज के लिए बेहद उपयोगी है। पत्तियों में मौजूद टैनिन्स अधिक एसिड के स्राव की वजह से पेट को पहुंचने वाले नुकसान को रोकते हैं और पेट को सुरक्षित रखते हैं। बेल के फल के जूस में म्यूसिलेज गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को दूर करते हैं।

बेल का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. बेल की पत्तियों को ताम्बे के बर्तन में डाल दें और फिर उसमे एक कप पानी मिलाकर रातभर के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें।
  2. सुबह को मिश्रण को छान लें और खाली पेट इस मिश्रण को पी लें।
  3. कुछ हफ्ते के लिए इस उपाय को रोज़ाना करें।

हल्के से मध्यम पेट के अल्सर के लिए ये उपाय एक हफ्ते के अंदर ही आपको अच्छा परिणाम दिखाना शुरू कर देंगे। हालाँकि अगर आपको पेट के अल्सर की समस्या ज़्यादा है तो फिर आप अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।  

पेट का अल्सर, जिसे पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है, पेट या छोटी आंत के अंदरूनी परत में घाव या छाला होता है। यह तब होता है जब पेट की अम्लीय सामग्री इन परतों को नुकसान पहुंचाती है। अल्सर का मुख्य कारण बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) होता है, लेकिन दर्द निवारक दवाओं (जैसे NSAIDs) का अधिक सेवन भी इसका कारण बन सकता है। अल्सर के लक्षणों में पेट में जलन या दर्द, मतली, उल्टी, और भूख में कमी शामिल हो सकते हैं। इसका इलाज एंटीबायोटिक्स, एसिड घटाने वाली दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से किया जाता है। यदि सही समय पर इलाज न हो, तो यह गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है।

ऐप पर पढ़ें