बवासीर या पाइल्स ऐसी बीमारी है, जिसमें मरीजों को बैठने-उठने में भी परेशानी होती है. पाइल्स होने के दौरान मल त्याग करने पर दर्द होने के साथ-साथ खून आता है. दुनिया भर में 60% लोगों को किसी न किसी उम्र में पाइल्स की परेशानी से गुजरना पड़ता है. ऐसे में सावधानी और सही ट्रीटमेंट की मदद से पाइल्स की समस्या को दूर किया जा सकता है.
बवासीर में खून निकलने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है. इसके अलावा, मरीज घर में कुछ उपायों जैसे- सिट्ज बाथ, व्हाइप्स का इस्तेमाल, आइसपैक के जरिए बवासीर में खून आने की परेशानी को काफी हद तक रोक सकते हैं.
आज आप इस लेख में बवासीर में खून रोकने के उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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बवासीर में खून रोकने के उपाय
बवासीर की परेशानी में खून को रोकने के लिए कई तरह के घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है. आइए, विस्तार से जानते हैं इन उपायों के बारे में -
सिट्ज बाथ
बवासीर में खून रोकने के लिए सिट्ज बाथ लिया जा सकता है. यह न सिर्फ खून रोकने में असरदार है, बल्कि इसकी मदद से बवासीर में होने वाली जलन को भी शांत किया जा सकता है. सिट्ज बाथ लेने के लिए सबसे पहले एक छोटा प्लास्टिक टब लें. अगर किसी के पास बाथ टब है, तो यह एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इसके बाद इसमें गर्म पानी डालें और थोड़ासा एप्सम सॉल्ट डालें. मल त्याग के बाद 20 मिनट के लिए इस टब में प्रभावित हिस्से को डालें. एप्सम सॉल्ट मिलाने से दर्द कम होता है. साथ ही इससे बवासीर की अन्य परेशानियों से भी राहत मिल सकती है.
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कोल्ड कंप्रेस
बवासरी में खून को रोकने के लिए कोल्ड कंप्रेस भी एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है. कोल्ड कंप्रेस या आइस पैक बवासीर में होने वाले दर्द, ब्लीडिंग और जलन को रोकने में प्रभावित होता है. इसके लिए एक कॉटन का कपड़ा लें. अब इसमें बर्फ लपेट लें. इसके बाद इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं.
ध्यान रखें कि 10 से 15 मिनट से अधिक समय तक आइस पैक का इस्तेमाल न करें. वहीं, कभी भी बर्फ को सीधे तौर पर प्रभावित हिस्से पर न लगाएं. इससे स्किन को नुकसान पहुंच सकता है.
सॉफ्ट और गीले वाइप्स का इस्तेमाल
मल त्याग के बाद टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से बवासीर में ब्लीडिंग, दर्द और जलन की परेशानी बढ़ सकती है. इस स्थिति में सॉफ्ट और गीले कपड़े से मरीजों को प्रभावित हिस्से को पोंछना चाहिए. इससे जलन और दर्द भी कम होता है.
ऐसी स्थिति में सॉफ्ट वाइप्स का उपयोग किया जा सकता है, खासतौर पर जिनमें बवासीर-रोधी तत्व हों, जैसे विच हेजल या एलोवेरा युक्त. वाइप्स को खरीदते वक्त ध्यान रखें कि इसमें एल्कोहल, परफ्यूम या अन्य कोई हानिकारक तत्वों का मिश्रण न हो. इससे बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं.
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टी ट्री ऑयल का उपयोग
बवासीर में खून को रोकने के लिए टी ट्री ऑयल भी प्रभावी है. यह एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है, जो दर्द, खुजली और बेचैनी को दूर करने में प्रभावी होता है. टी ट्री ऑयल में बैक्टीरिया से लड़ने का गुण होता है, जो चिड़चिड़ी त्वचा में संक्रमण को बढ़ने से रोकने में असरदार हो सकता है.
रिसर्च में पाया गया है कि टी ट्री ऑयल के साथ ह्यालूरोनिक एसिड और मिथाइल-सल्फोनील-मीथेन के संयोजन का इस्तेमाल करने से बवासीर के लक्षणों को सिर्फ 2 सप्ताह में दूर किया जा सकता है. यह प्लेसबो की तुलना में दर्द, रक्तस्राव और सूजन को काफी कम करने में प्रभावी है.
बवासीर में खून को रोकने या फिर अन्य लक्षणों को कम करने के लिए टी ट्री ऑयल के साथ अन्य प्राकृतिक उपचारों जैसे- एलोवेरा और विच हेजल का इस्तेमाल करके इसे प्रभावित हिस्से पर लगाया जा सकता है. इससे काफी राहत मिलेगी.
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सूती व ढीले कपड़े पहनें
टाइट या फिर पॉलिस्टर जैसे कपड़ों को पहनने से बवासीर से प्रभावित क्षेत्र से काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए सूती और लूज कपड़े पहनें. खासतौर से हमेशा सूती अंडरवियर पहनने की कोशिश करें, ताकि घाव फटे या खुले न. टाइट कपड़े पहनने से संक्रमण बढ़ने का जोखिम ज्यादा रहता है. इसके अलावा, कपड़े में हार्ड डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने से बचें.
नारियल तेल का उपयोग करें
बवासीर में खून को रोकने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है. रिसर्च के मुताबिक, नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन को कम करने में प्रभावी है. इसके अलावा, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होता है.
बवासीर के मरीजों को प्रभावित क्षेत्रों पर नियमित रूप से नारियल का तेल लगाना चाहिए. इसके लिए नारियल तेल को हल्का-सा पका लें. अब कॉटन बॉल की मदद से बवासीर से प्रभावित हिस्से पर लगाएं. इसके अलावा, नहाने के पानी में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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बवासीर में खून आने पर क्या न करें?
बवासीर में खून आने पर घरेलू उपायों को अपनाने से काफी राहत का अनुभव हो सकता है. वहीं, बेहतर रिजल्ट पाने के लिए कुछ चीजों जैसे- मल त्यागने में जोर न लगाएं, मसालेदार खाना, पेन किलर्स की दवाएं इत्यादि से परहेज करने की आवश्यकता होती है, ताकि जल्द से जल्द ठीक हुआ जा सके. इसके अलावा, कुछ अन्य उपाय भी हैं-
- शौच करने के बाद गुदा भाग को ज्यादा जोर से न पोंछें
- दर्द से बचने कि लिए शौच त्याग करने को नजरअंदाज न करें.
- शौच करते समय बहुत जोर से दम न लगाएं.
- कब्ज बनाने वाले भोजन का सेवन न करें.
- पेन किलर्स जैसी दवाओं जिनमें कोडीन हो, उसका सेवन न करें.
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सारांश
पाइल्स की समस्या काफी तकलीफदेह होती है. इसमें न सिर्फ दर्द और सूजन होता है, बल्कि काफी ज्यादा ब्लीडिंग होने की भी संभावना रहती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए घर में कुछ घरेलू उपायों जैसे- सिट्ज बाथ, नारियल तेल, एलोवेरा इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे मरीज को काफी राहत मिल सकती है. हालांकि, ध्यान रखें कि बवासीर में खून आने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें, ताकि डॉक्टर आपको सही परामर्श दे सकें.
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