नवजात शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण उनको कई तरह के रोग होने की संभावनाएं काफी अधिक होती है। एेसे में टीकाकरण के माध्यम से शिशुओं को रोगों से सुरक्षित किया जाता है। शिशुओं को अन्य रोगों की तरह ही न्यूमोकोकल रोग होने का खतरा रहता है। न्यूमोकोकल रोग एक तरह का फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया) है, जो स्ट्रेप्टोकोकस निमोने (Streptococcus Pneumoniae) बैक्टीरिया के कारण होता है। स्ट्रेप्टोकोकस निमोने को ही न्यूमोकोकस बैक्टीरिया (Pneumococcus bacteria) भी कहा जाता है और इस बैक्टीरिया के 80 से ज्यादा प्रकार होते हैं। यह रोग बच्चों में होना आम बात है, लेकिन बड़ों में इसके गंभीर लक्षण और मृत्यु होने की संभावनाएं काफी अधिक होती है। इस रोग से बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों का बचाव करन के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन का उपयोग किया जाता है।
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स्ट्रेप्टोकोकस निमोने बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण की गंभीरता और इसकी रोकथाम के लिए ही इस लेख में आपको न्यूमोकोकल टीकाकरण के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इस लेख में आपको न्यूमोकोकल वैक्सीन क्या है, न्यूमोकोकल टीके की खुराक और उम्र, न्यूमोकोकल टीके की कीमत, न्यूमोकोकल वैक्सीन के साइड इफेक्ट और न्यूमोकोकल वैक्सीन किसे नहीं दी जानी चाहिए आदि के बारे में भी बताया गया है।
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- न्यूमोकोकल वैक्सीन क्या है? - Pneumococcal vaccine kya hai
- न्यूमोकोकल टीके की खुराक और उम्र - Pneumococcal tike ki khurak aur umar
- न्यूमोकोकल वैक्सीन के साइड इफेक्ट - Pneumococcal vaccine side effects
- न्यूमोकोकल वैक्सीन किसे नहीं दी जानी चाहिए? - Pneumococcal vaccine kise nahi di jani chahiye
- सारांश
न्यूमोकोकल वैक्सीन क्या है? - Pneumococcal vaccine kya hai
न्यूमोकोकल टीका, न्यूमोकोकल रोग से बचाव के लिए दिया जाता है। यह रोग न्यूमोकोकस बैक्टीरिया से संक्रमित होने के कारण होता है। कई लोगों के शरीर में यह बैक्टीरिया होने के बाद भी वह बीमार नहीं होते हैं, जबकि यही लोग सांस छोड़ते, छींकते और खांसते हुए बैक्टीरिया को द्रव की अतिसूक्ष्म बूंदों के रूप में फैला कर किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकते है। कुछ मामलों में व्यक्ति को न्यूमोकोकल रोग के कारण निम्न तरह के अन्य गंभीर संक्रमण भी हो सकते हैं।
- निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण)
- मेनिनजाइटिस (दिमाग और रीढ़ की हड्डी की परत में सूजन आना)
- खून में संक्रमण (Bacteremia: बैक्टीरीमिया)
निमोनिया होने पर रोगी को बुखार, खांसी और सांस लेने में मुश्किल आदि लक्षण होते हैं, जबकि मेनिनजाइटिस में व्यक्ति को सिरदर्द, बुखार, गर्दन में अकड़न, रोशनी से संवेदनशीलता, भ्रम आदि हो सकता है। मेनिनजाइटिस में बच्चों को भूख कम लगना, और उल्टी होने के लक्षण दिखाई देते हैं। खून के संक्रमण में रोगी को बुखार और ठंड लगती है। इसके अलावा न्यूमोकोकल की वजह से कान में संक्रमण की समस्या भी हो सकती है।
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न्यूमोकोकल वैक्सीन क्यों जरूरी होती है:
न्यूमोकोकल एक संक्रामक रोग है, यह एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैलता है। इसमें फेफड़े, रक्त और मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की परत में गंभीर संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।
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न्यूमोकोकल रोग मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अन्य विशेष चिकित्सकीय स्थिति वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है। न्यूमोकोकल वैक्सीन इस रोग से बचाव का प्रभावी उपाय मानी जाती है।
न्यूमोकोकल वैक्सीन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-
- पीसीवी13 वैक्सीन: यह वैक्सीन शिशु, बुजुर्गों और किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रसित व्यक्ति को दी जाती है। (और पढ़ें - टिटनेस इंजेक्शन क्या है)
- पीपीएसवी 23 वैक्सीन: यह वैक्सीन बच्चों 2 साल या उससे बड़े बच्चों, बुजुर्गों, स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित व्यक्तियों और धूम्रपान करने वाले 19 से 64 साल के लोगों को दी जाती है।
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न्यूमोकोकल टीके की खुराक और उम्र - Pneumococcal tike ki khurak aur umar
यह वैक्सीन दो साल से कम आयु के शिशुओं व 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को दी जाती है। इसके साथ ही कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रसित अन्य बच्चों और वयस्कों को भी न्यूमोकोकल टीका दिया जाता है। नीचे न्यूमोकोकल वैक्सीन की खुराक और उम्र के बारे में विस्तार से बताया गया है।
पीसीवी13 वैक्सीन
- दो साल से कम आयु के शिशु को इसकी चार खुराक दी जाती है। पहली खुराक शिशु को दो माह की आयु में, दूसरी खुराक चार माह में, तीसरी खुराक छह माह में और चौथी खुराक 12 से 15 माह में दी जाती है। (और पढ़ें - नवजात शिशु को खांसी क्यों होती है)
- 65 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को इस वैक्सीन की एक खुराक दी जाती है।
- 2 से 64 साल के बच्चों व वयस्कों को स्वास्थ की विशेष परिस्थितियों में ही वैक्सीन दी जाती है, इनमें स्वास्थ्य की मौजूदा स्थिति के आधार पर दवाई की खुराक अलग-अलग हो सकती है। (और पढ़ें - ग्राइप वाटर के फायदे)
पीपीएसवी23 वैक्सीन
- धूम्रपान करने वाले 19 से 64 साल तक के लोगों को अलग-अलग खुराक में यह वैक्सीन दी जाती है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
- 2 से 64 साल तक के बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों को विशेष प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होने पर वैक्सीन देते हैं। इसके साथ ही कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी इस दवा को मात्र एक खुराक दी जाती है। (और पढ़ें - बच्चे को दूध पिलाने के तरीके)
- 65 या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को वैक्सीन की एक खुराक दी जाती है।
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न्यूमोकोकल वैक्सीन के साइड इफेक्ट - Pneumococcal vaccine side effects
सामान्यतः न्यूमोकोकल वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट बेहद कम होते हैं और यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। इस वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट बेहद कम मामलों में देखने को मिलते हैं। इस वैक्सीन को लगाना सुरक्षित होता है, लेकिन कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं, जिसमें इस वैक्सीन की प्रतिक्रियाएं गंभीर हो सकती हैं।
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न्यूमोकोकल वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को दोनों ही मुख्य वैक्सीन के आधार पर निम्न तरह से बताया गया है:
पीसीवी13 वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट
- इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सूजन और लालिमा होना। (और पढ़ें - टीकाकरण के लाभ)
- वयस्कों को इस वैक्सीन से सिर दर्द की शिकायत हो सकती है।
- बुखार आना, (और पढ़ें - बुखार कम करने के घरेलू उपाय)
- भूख कम लगना,
- चिड़चिड़ापन,
- थकान आना, (और पढ़ें - थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
- ठंड लगना। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी टीका कब लगाएं)
पीपीएसवी23 वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट
- इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सूजन और लालिमा होना
- बुखार आना, (और पढ़ें - नवजात शिशु को कफ को दूर करने के घरेलू नुस्खें)
- मांसपेशियों में दर्द होना।
इन समस्याओं के प्रभाव बेहद हल्के होते हैं, जो दो दिनों में अपने आप सही हो जाते हैं।
इंजेक्शन लेने के बाद होने वाली कुछ सामान्य परेशानियां-
- कुछ लोगों को इंजेक्शन के बाद बेहोशी आने लगती है। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)
- अगर किसी को वैक्सीन लेने के बाद चक्कर आने लगे, देखने में मुश्किल हो या कानों में घंटियों की आवाज सुनाई दे, तो तुंरत डॉक्टर के सलाह लेनी चाहिए।
- कुछ लोगों को इंजेक्शन लगाने के बाद कंधे में दर्द महसूस होता है। ऐसे में व्यक्ति अपने कंधे को हिलाने में मुश्किल होती है।
- बेहद ही कम मामलों में वैक्सीन से व्यक्ति को एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है। वैकसीन लेने के कुछ मिनटों या कुछ घंटों के बाद ऐसा हो सकता है।
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न्यूमोकोकल वैक्सीन किसे नहीं दी जानी चाहिए? - Pneumococcal vaccine kise nahi di jani chahiye
न्यूमोकोकल वैक्सीन को कुछ विशेष परिस्थितियो में लेने की सलाह नहीं दी जाती है। किसी रोग या अन्य स्वास्थ्य स्थिति के चलते कई बार डॉक्टर इस वैक्सीन को शिशु, वयस्कों और बुजुर्गों को देना उचित नहीं मानते है। आगे जानते हैं कि किन लोगों को न्यूमोकोकल वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
- यदि किसी व्यक्ति या शिशु को न्यूमोकोकल वैक्सीन की पिछली खुराक से घातक एलर्जी हुई हो या इंजेक्शन की जगह पर एलर्जी हुई हो, तो ऐसे में वैक्सीन की दोबारा खुराक नहीं लेनी चाहिए। (और पढ़ें - बच्चे को मिट्टी खाने की आदत का इलाज)
- जिन लोगों को न्यूमोकोकल वैक्सीन लेने से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया या हल्की या गंभीर बीमारी हुई हो, तो उनको इस वैक्सीन की दोबारा खुराक लेने से पहले ठीक होने तक का इंतजार करना चाहिए। साथ ही दोबारा खुराक लेते समय यदि आप बीमार हैं तो इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। (और पढ़ें - एमएमआर टीका कब लगाना चाहिए)
- न्यूमोकोकल वैक्सीन में मौजूद तत्व से किसी प्रकार की गंभीर एलर्जी होने वाले लोगों को इस वैक्सीन को नहीं लेना चाहिए। (और पढ़ें - बच्चों की सेहत के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज)
- वैक्सीन लेने से पहले एलर्जी हो तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट कैसे होता है)
- गर्भवती महिला को वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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सारांश
न्यूमोकोकल टीकाकरण बैक्टीरिया Streptococcus pneumoniae से होने वाले संक्रमणों से बचाव के लिए दिया जाता है। यह विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह टीका न्यूमोनिया, मेनिन्जाइटिस और कान के संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। न्यूमोकोकल टीकों के दो मुख्य प्रकार होते हैं—PCV (Pneumococcal Conjugate Vaccine) और PPSV (Pneumococcal Polysaccharide Vaccine), जिन्हें उम्र और जोखिम कारकों के अनुसार लगाया जाता है। हालांकि, हल्का बुखार, सूजन या दर्द जैसे हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन इसके फायदे अधिक होते हैं। यह टीकाकरण संक्रामक बीमारियों को रोकने में प्रभावी और सुरक्षित उपाय है।