पिछले कुछ वक्त से चीन में एक तरह के निमोनिया ने स्वास्थ्य अधिकारियों की नींद उड़ाई हुई है। चीन के वुहान में इस निमोनिया के अब तक 41 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है। दुनियाभर की सरकारें और संयुक्त राष्ट्र भी किसी महामारी को लेकर पूरी तरह से सचेत हैं। इस बीच इसी वायरस के एक पीड़ित की पहचान थाइलैंड में हुई है।
निमोनिया वायरस के इस अटैक को लेकर दुनियाभर में चिंता इसलिए भी है क्योंकि करीब दो दशक पहले ऐसे ही एक वायरस की वजह से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। दरअसल चीन में फैले सडन एक्यूट रैस्पिरेटरी सिंड्रोम यानि सार्स (SARS) ने 2002-03 में लोगों की जिंदगी में भयंकर तबाही मचाई थी। उस वर्ष इस वायरस ने चीन में 349 और हॉन्ग कॉन्ग में 299 लोगों की जान ली थी। उस वक्त भारत में इस तरह के तीन केस देखे गए थे।
जब भी इस तरह का कोई संक्रमण फैलता है तो पूरे विश्व में हाई अलर्ट जारी कर दिया जाता है। आस-पड़ोस के देशों को इस संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह की जरूरी जानकारियां दी जाती हैं। इबोला, जीका और निपाह वायरस जैसी ही स्थिति विश्व में दोबारा पनप सकती है। ऐसे में कहीं भारत भी इसकी चपेट में न आ जाए।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार ये वायरस चीन की वुहान सिटी से आया है। वुहान में निमोनिया के लिए जिम्मेदार ताजा वायरस 'कोरोनावायरस' है, जो सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सार्स जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस वायरस से निपटने के लिए जल्द ही एक इमरजेंसी मीटिंग की जाएगी। वहीं दूसरी ओर बैंकॉक के हेल्थ मिनीस्टर अनुतिन चर्नविराकुल के अनुसार, चीन से थाईलैंड आई 61 वर्षीय महिला में ये वायरस पाया गया है। फिलहाल इंसानों से इंसानों में इसके फैलने की कोई खबर नहीं आई है।
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हॉन्ग कॉन्ग के हेल्थ डिपार्टमेंट ने वायरस के जेनेटिक सिक्वेंस को ऑनलाइन छाप दिया है। ये वायरस 80 प्रतिशत हुबहू चमगादड़ों में पाए जाने वाले सार्स वायरस की तरह दिखता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को दूसरे देशों में फैलने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। सभी मुख्य हवाई अड्डों पर वुहान से आने वाले हर यात्री का चेकअप किया जा रहा है। पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने बताया कि जब वो महिला वुहान से थाईलैंड पहुंची तो एयरपोर्ट पर जांच के दौरान उसे बुखार था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस बीमारी के लक्षण
- लोगों को निमोनिया का बुखार महसूस होगा।
- मरीज को सांस में तकलीफ महसूस होगी।
- इसके अलावा छाती के रेडियोग्राफ के जरिए दोनों फेफड़ों के घावों का पता लगाया जा सकता है।
- वायरस के संपर्क में आने के बाद मरीजों को बुखार, खांसी, चक्कर आना और सर्दी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
वुहान की अथॉरिटी ने बताया कि उन्होंने सार्स, मिडल ईस्ट रैस्पिरेटरी सिंड्रोम और बर्ड फ्लू फैलाने वाले हर संभव कारण को हटा दिया है।
कैसे फैलता है
इस वायरस को जानवर फैलाते हैं। इस बार ये वायरस वुहान की सीफूड मार्केट में सबसे पहले फैला था। मार्केट को संक्रमण मुक्त करने के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा जिन लोगों के पास पक्षी, खरगोश, सांप आदि कोई भी पालतू था उन्होंने सबको बेच दिया है, ताकि जानवरों द्वारा फैलने वाली इस बीमारी से बचा जा सके। संक्रमित जानवरों के संपर्क में रहे 163 लोगों को मेडिकल निगरानी में रखा गया है।
चाइनीज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड हुई शू-चौंग का कहना है कि इस वायरस के इंसान से इंसान में फैलने के लिए बस निर्भर ये करता है कि ये वायरस कितना खतरनाक है। उन्होंने इसके इंसान से इंसान में फैलने की बात को पूरी तरह से नकारा नहीं है।
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भारत में घातक हो सकता है यह वायरस
myUpchar.com से जुड़ी डॉ. फातिमा से बातचीत के दौरान इस बीमारी के बारे में कुछ खास जानकारी पता चली।
- भारत की अधिकतर आबादी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। ये डायबिटीज, तपेदिक, अस्थमा, छोटे बच्चे, नवजात शिशु और गर्भवती महिलाएं हैं।
- जब भी इस तरह की कोई बीमारी फैलती है तो इन लोगों के संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
- ऐसे में अगर ये संक्रमण किसी भी तरह से भारत में पहुंचता है, तो इस आबादी में एक महामारी की तरह फैलेगा।
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भारतीय कैसे रहें तैयार -
- हाई प्रोटीन डाइट लें।
- ऐसे में टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है जो आपकी रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है।
- इस वायरस से संक्रमित किसी देश में न जाएं।
- भारत के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर हर यात्री की अच्छे से जांच की जानी चाहिए।
- मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके संक्रमण को दूसरे लोगों में नहीं फैलने देगा। अगर आप खुद को किसी संक्रमण से बचाना चाहते हैं तो एन95 मास्क का ही इस्तेमाल करें।
- भारत में चीन से कई तरह के सीफूड और खाद्य पदार्थों का आयात होता है। ऐसे में सरकार को खाद्य सामाग्री की जांच के अलावा कुछ समय तक चीन से इस तरह का आयात रोक देना चाहिए।
- साफ टॉयलेट का ही प्रयोग करें, क्योकि पहले के मामलों में इसे मल और मूत्र के जरिए फैलते हुए भी देखा गया है।
- किसी भी बाहर के टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पहले उसे अल्कोहल क्लीनर या टिशू पेपर से साफ करें।
- मीट का सेवन न करें।