शीघ्र स्खलन यानी प्रीमैच्योर इजेकुलेशन सेक्सुअल डिस्फंक्शन का एक प्रकार है, जो आमतौर पर तकरीबन 30 से 40 फीसदी पुरुषों को प्रभावित करता है. शीघ्र स्खलन के दौरान पुरुष खुद या अपने साथी के ऑर्गेज्म तक पहुंचने से पहले ही इजेकुलेट हो जाते हैं. प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के कारण पुरुष स्ट्रेस व एंजाइटी का भी शिकार हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि शीघ्र स्खलन का कोई इलाज नहीं है. एलोपैथी से लेकर होम्योपैथी, आयुर्वेद और यहां तक कि इस समस्या के लिए घरेलू उपचार भी मौजूद हैं. एलोपैथी में डेपॉक्सेटिन व ट्रेमेडोल जैसी कई दवाएं उपलब्ध हैं, जो शीघ्र स्खलन का इलाज कर सकती हैं.
आप यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करके शीघ्रस्खल के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तार से जान पाएंगे.
आज इस लेख में हम शीघ्र स्खलन की अंग्रेजी दवाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे -
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शीघ्र स्खलन के लिए कौन सी दवा लें?
समय से पहले यानी शीघ्र स्खलन तब होता है जब पुरुष इरेक्शन के कुछ ही सेकंड या मिनटों में डिस्चार्ज हो जाते हैं. ये स्थिति कई बार शारीरिक, मानसिक या हार्मोंस के असंतुलन के कारण हो सकती है. शीघ्र स्खलन के इलाज के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है. आइए, इन दवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -
पुरुषों से जुड़ी विभिन्न यौन समस्याओं, जैसे - इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन व कामेच्छा की कमी के लिए आजमाएँ- सेक्स टाइम इंक्रीज़ ऑइल जो पेनिस के इरेक्शन को बेहतर करे, शीघ्रपतन से छुटकारा दिलाए और पेनिस में ब्लड फ्लो बढ़ाता है।
एंटीडिप्रेसेंट
आमतौर पर एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का इस्तेमाल डिप्रेशन और एंजाइटी के मरीजों के लिए किया जाता है. कई शोधों में ये बात साबित हो चुकी है कि एंटीडिप्रेसेंट के इस्तेमाल से प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के प्रभाव को करने में मदद मिल सकती है. इसके तहत डॉक्टर सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) दवाएं दे सकते हैं. एसएसआरआई में एससिटैलोप्राम, सेर्ट्रालीन, पैरोक्सेटाइन और फ्लुओक्सेटाइन दवाएं शामिल हैं.
ये दवाएं इजेकुलेशन में देरी लाने में मदद करती हैं. इनमें पैरोक्सेटाइन सबसे प्रभावी मानी जाती है. ये सभी दवाएं 5-10 दिन में अपना असर दिखाना शुरू करती हैं, लेकिन पूरी तरह से असर दिखाने में 2-3 सप्ताह का समय लग सकता है.
2016 में आई एक रिसर्च में भी ये बात सामने आई कि इन एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के नियमित सेवन से 10 दिन में ही इजेकुलेशन का समय बढ़ सकता है. अधिक लाभ के लिए डॉक्टर 3 सप्ताह तक इन दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं. अगर इन दवाओं से असर नहीं होता है, तो डॉक्टर ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट क्लोमीप्रामाइन लेने की सलाह दे सकते हैं.
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एनाल्जेसिक दवाएं
एनाल्जेसिक दवाओं में दो प्रमुख दवाएं हैं, जो शीघ्र स्खलन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इन दाेनों दवाओं के बारे में नीचे बताया गया है -
- ट्रेमेडोल - 2021 की एक रिसर्च के मुताबिक, सेक्स से कुछ घंटे पहले ट्रेमेडोल दवा लेने से इंटरकोर्स के दौरान संतुष्टि बढ़ती है और प्रीमैच्योर इजेकुलेशन कम होता है. यहां हम स्पष्ट कर दें कि ट्रेमेडोल बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं मिलती है.
- कोडीन - 2017 की एक रिसर्च के मुताबिक, कोडीन लेने वाले व्यक्तियों में इंटरकोर्स के दौरान इजैकुलेशन को कंट्रोल करने में सुधार देखा गया है. वहीं, कोडीन जैसी दवा पर निर्भरता बढ़ सकती है, इसीलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर से इसके इस्तेमाल और साइड इफेक्ट्स के बारे में जरूर जानना चाहिए.
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अन्य दवाएं
शोधों के मुताबिक, कई ऐसी दवाएं हैं, जो शीघ्र स्खलन के इलाज में सहायक हो सकती हैं, लेकिन अभी उन पर अधिक रिसर्च की जरूरत हैं. ये दवाएं हैं -
- सिल्डेनाफिल (वियाग्रा)
- टाडालफिल (सियालिस)
- वार्डेनफिल (लेविट्रा)
- अवानाफिल (स्टेंड्रा)
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सारांश
शीघ्र स्खलन के इलाज के लिए बाजार में कई दवाएं हैं, लेकिन ये दवाएं सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए. इन दवाओं में एस्सिटालोप्राम, सिल्डेनाफिल व ट्रेमेडोल शामिल हैं. इन दवाओं का असर होने में थोड़ा समय लग सकता है. इसलिए, जितने समय के लिए डॉक्टर इसे लेने के लिए कहें, तब तक इन दवाओं का सेवन जरूर करें. साथ ही अगर किसी दवा से कोई साइड इफेक्ट होता है, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं. इससे डॉक्टर दवा को चेंज कर सकते हैं.
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शीघ्र स्खलन की एलापैथिक दवाएं के डॉक्टर

Dr. Hakeem Basit khan
सेक्सोलोजी
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Dr. Zeeshan Khan
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