गले में दर्द, गलकोष (pharynx) में सूजन की वजह से उत्पन्न होती है। ये ट्यूब मुँह के पीछे इसोफैगस (esophagus) तक फैली हुई होती है। इस स्थिति के कुछ प्रमुख कारण वायरल, बैक्टेरियल या फंगल संक्रमण, प्रदूषण, धूम्रपान, एसिड रिफ्लक्स, ज़्यादा चिल्लाना और कुछ एलर्जी से संबंधित समस्याएं आदि होती हैं। गले की सूजन के साथ साथ सर दर्द, पेट में दर्द, सर्दी जुकाम और गले में ग्रंथि की सूजन भी देखने को मिलते हैं।

गले में दर्द बहुत आम समस्या है जो आपके लिए असुविधाजनक हो सकती है। अगर आप किसी वजह से डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं तो इन सरल और प्राकृतिक उपाय का प्रयोग कर सकते हैं जो आपके गले में दर्द और उसके लक्षणों को कम करने में मदद करेंगे -

  1. गले में दर्द का घरेलू उपाय है नींबू - Lemon for sore throat in Hindi
  2. गले में दर्द के घरेलू उपचार करें सेब का सिरका से - Apple cider vinegar for sore throat in Hindi
  3. गले में दर्द का घरेलु उपचार है दालचीनी - Cinnamon good for sore throat in Hindi
  4. गले में दर्द का घरेलू नुस्खा है नमक का पानी - Salt water good for sore throat in Hindi
  5. गले में दर्द का उपाय है लहसुन - Garlic benefits for sore throat in Hindi
  6. गले में दर्द की समस्या में शहद है सहायक - Honey good for sore throat in Hindi
  7. गले में दर्द के लिए हल्दी है प्रभावी - Turmeric benefits for sore throat in Hindi
  8. गले में दर्द की परेशानी के लिए मेथी के बीज का करें इस्तेमाल - Fenugreek seeds for sore throat in Hindi
  9. गला दर्द का घरेलू उपाय है लौंग की चाय - Clove tea for sore throat in Hindi
  10. गले में दर्द के लिए टमाटर का जूस है लाभदायक - Tomato juice good for sore throat in Hindi
  11. गले के दर्द में ग्रीन टी का करें उपयोग - Green tea benefits for sore throat in Hindi
  12. गले के दर्द की परेशानी में मुलेठी है उपयोगी - Licorice root for sore throat in Hindi
  13. गेहूं के ज्वार है गले के दर्द के लिए गुणकारी - Wheatgrass for sore throat in Hindi

गले के दर्द से राहत पाने के लिए नींबू आपको राहत पहुंचाने में मदद करेगा और साथ ही गले के जमाव को भी कम करेगा। 

नींबू को इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका -

  1. गर्म नींबू के जूस में शहद मिलाकर इस्तेमाल करें।
  2. आधे नींबू के जूस को एक कप गर्म पानी में मिलाएं और एक चम्मच शहद को भी उसमे अच्छे से मिला लें।
  3. अब इस मिश्रण को धीरे धीरे पियें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़के भी गरारे कर सकते हैं।

तीसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप आधे नींबू में नमक और काली मिर्च डालकर चाट सकते हैं।  

(और पढ़ें - नींबू के फायदे

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सेब के सिरके के सूजनरोधी गुण गले में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

सेब के सिरके को इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका -

  1. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच नींबू का जूस और शहद लें।
  2. फिर इस मिश्रण को धीरे धीरे पियें।
  3. मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें।
  4. जल्द ही आपको सूजन और दर्द से राहत मिलेगी।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप सेब के सिरके से भी गरारे कर सकते हैं।
  2. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच नमक और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।
  3. फिर इस मिश्रण से कुछ दिनों तक गरारे करें।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे

दालचीनी कोल्ड की वजह से होने वाला गले में दर्द को राहत पहुंचाने में मदद करती है।

दालचीनी को इस्तेमाल करने के दो तरीके -

पहला तरीका -

  1. एक ग्लास गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाएं।
  2. इसके अलावा आप इलाइची पाउडर भी मिला सकते हैं।
  3. अब मिश्रण को छान लें और इससे पूरे दिन में दो या तीन बार गरारे करें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप कुछ बूँदें दालचीनी तेल और एक चम्मच शहद की मिलाकर पूरे दिन में दो बार ज़रूर खाएं।
  2. इसके सेवन से आपको गले के दर्द और सूजन से राहत मिलेगी।

(और पढ़ें - दालचीनी के फायदे

गले में दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए सबसे अच्छा और आसान तरीका है नमक के पानी से गरारे करना। नमक का पानी एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है और जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे कफ कम होता है और सूजन से भी जल्द राहत मिलती है।

नमक के पानी को इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक ग्लास गर्म पानी में एक आधा चम्मच नमक मिलाएं।
  2. अगर आपको नमकीन स्वाद पसंद नहीं है तो उसमे शहद भी मिला सकते हैं।
  3. अब इस मिश्रण से गरारे करें। पानी को सटके नहीं। गरारे करने के बाद पानी को थूक दें।
  4. अच्छा परिणाम पाने के लिए पूरे दिन में इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।

(और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे

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लहसुन में सूजनरोधी और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। इसके अन्य गुणों की मदद से भी गले में दर्द की समस्या का इलाज और बचाव दोनों होता है।

लहसुन का इस्तेमाल कैसे करें -

पहला तरीका -

  1. रोज़ाना कच्चा लहसुन की फांके खाएं। जिससे उसमे मौजूद एलिसिन गले के बैक्टीरिया को मारने में मदद करेंगे।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप लहसुन के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. एक चौथाई पानी में कुछ बूँदें लहसुन के तेल की डालें और और रोज़ाना इस मिश्रण से गरारे करें।

तीसरा तरीका -

  1. आप कच्चा लहसुन भूनकर भी खा सकते हैं।
  2. अगर आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है तो आप लहसुन की पिल्स का भी सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें - लहसुन के फायदे

शहद में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ते हैं और चिकित्सा प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह हाइपरोनिक ऑस्मोटिक की तरह काम करता है, जिसका अर्थ है कि यह सूजे हुए ऊतकों से पानी निकालता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।

शहद का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप गर्म पानी में एक या दो चम्मच शहद मिलाएं और पूरे दिन में इसे कई बार दोहराएं।
  2. आप अपनी जड़ी बूटी की चाय में शहद भी मिला सकते हैं।

दूसरा तरीका -

  1. रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद ज़रूर खाएं इससे आपको दर्द और सूजन से छुटकारा मिलेगा।

(और पढ़ें - शहद के फायदे

गले में दर्द की समस्या के लिए एक अच्छा उपाय है हल्दी, जिसमे प्रभावी एंटीसेप्टिक और सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं।

हल्दी को इस्तेमाल करने के तीन तरीके -

पहला तरीका -

  1. एक ग्लास गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण को खाली पेट सुबह धीरे धीरे पियें।
  3. इस प्रक्रिया को पूरे दिन में एक बार तीन से चार दिन तक दोहराएं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच काली मिर्च को एक ग्लास गर्म दूध में डालें।
  2. फिर इस मिश्रण को रात को सोने से पहले पी लें।

तीसरा तरीका -

  1. अगर गला बेहद ख़राब है तो आप हल्दी की मदद से भी गरारे कर सकते हैं।
  2. एक ग्लास गर्म पानी में एक या आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक या आधा चम्मच नमक मिलादें।
  3. अच्छे से इस मिश्रण को मिलाने के बाद पूरे दिन में दो बार इससे गरारे करें।

(और पढ़ें - हल्दी के फायदे

मेथी में मौजूद बलगम को निकालने के गुण आपको दर्द और सूजन से जल्द राहत दिलाने में मदद करते हैं। मेथी के बीज से बने मिश्रण से गरारे ज़रूर करें जो कि गले में दर्द के लिए बेहद प्रभावी है।

मेथी के बीज का इस्तेमअक़्ल कैसे करें -

  1. छः कप पानी में दो चम्मच मेथी के बीज की डालें।
  2. अब इस आधे घंटे तक उबलते रहने दें।
  3. उबलने के बाद इसे गुनगुना होने के लिए रख दें फिर इस मिश्रण को छान लें।
  4. इस मिश्रण से पूरे दिन में तीन या चार बार गरारे ज़रूर करें।

(और पढ़ें - मेथी के फायदे

लौंग में सूजनरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो गले में दर्द को आराम पहुंचाने में मदद करते हैं।

लौंग का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप गर्म पानी में एक या तीन चम्मच लौंग पाउडर या लौंग को मिलाएं।
  2. अच्छे से मिलाने के बाद इस मिश्रण से पूरे दिन में दो या तीन बार गरारे करें।

(और पढ़ें - लौंग के फायदे)

टमाटर के जूस में लाइकोपीन की एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं जो गले के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।

टमाटर के जूस का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक या दो कप टमाटर के जूस में एक या दो कप गर्म पानी मिलाएं।
  2. फिर इस मिश्रण से पूरे दिन में दो बार गरारे करें।

(और पढ़ें - टमाटर के फायदे

ग्रीन टी को संक्रमण से लड़ने के लिए जाना जाता है। आप ग्रीन टी को बनाकर गर्म गर्म धीरे धीरे इस चाय को रोज़ाना दो बार ज़रूर पियें।

(और पढ़ें - ग्रीन टी के फायदे और नुकसान, बनाने की विधि और पीने का सही समय)

मुलेठी की जड़ गले की समस्या को कम करती है और बलगम को भी बाहर निकलाने में मदद करती है। एक 2009 के अध्ययन में पाया गया कि जो लोग मुलेठी से गरारे करते हैं उन्हें गले की सर्जरी कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

मुलेठी का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक चम्मच मुलेठी के पाउडर या सिरप को एक कप गर्म पानी में मिलाएं।
  2. अब उस मिश्रण से गरारे करें।
  3. पूरे दिन में दो बार इस मिश्रण का प्रयोग करें।

(और पढ़ें - मुलेठी के फायदे

गले के दर्द को ठीक करने के लिए अन्य बेहतरीन उपाय है गेहूं के ज्वार। गेहूं के ज्वार कमज़ोर मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं और दांतों से जुडी समस्या को भी दूर करते हैं।

गेहूं के ज्वार का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. गेहूं के ज्वार से बने जूस से गरारे करें।
  2. फिर पांच मिनट तक इसे अपने मुँह में रखें।
  3. फिर जूस को थूक दें।
  4. पूरे दिन में इसे दो बार ज़रूर दोहराएं।

(और पढ़ें - गेहूं के जवारे के फायदे और नुकसान)

अगली बार जब भी आपको गले के दर्द से सम्बंधित परेशानी हो तो इन सरल घरेलू उपायों को ज़रूर अपनाएँ। हालांकि अगर तब भी आपको गले के लक्षण कम नहीं होते तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।  

संदर्भ

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  9. Michael Ashu Agbor, Sudeshni Naidoo. Ethnomedicinal Plants Used by Traditional Healers to Treat Oral Health Problems in Cameroon . Evid Based Complement Alternat Med. 2015; 2015: 649832. PMID: 26495020
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