अप्रैल में गर्मी के चरम पर होने के बावजूद महाराष्ट्र में एच1एन1 वायरस का कहर जारी है। हालांकि, जनवरी और मार्च की तुलना में इस महीने वायरस के संक्रमण की सक्रियता में कमी आई है। इस साल राज्य में 1,320 स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज किए गए हैं। 1 जनवरी से 20 अप्रैल तक 110 लोगों की जान जा चुकी है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान स्वाइन फ्लू के 10 मामले सामने आए थे, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई थी। राज्य के ग्रामीण इलाकों की तुलना में ज्यादातर स्वाइन फ्लू के मामले और जानमाल का नुकसान शहर की म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के इलाकों में दर्ज किए गए हैं। नागपुर में अधिकतम 327 मामले दर्ज किए गए हैं।
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शहरी इलाके ज्यादा चपेट में
फिलहाल, गंभीर संक्रमण से पीड़ित सात से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है। पुणे में 6 और लातूर में 1 मरीज को अलग-अलग अस्पतालों में वेंटिलेटर पर रखा गया है। नासिक में स्वाइन फ्लू के 241, मुंबई में 239 और पुणे में 120 मामले सामने आए हैं। अभी तक इस साल पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने 37 लोगों की मृत्यु के मामले दर्ज किए हैं। हालांकि स्टेट डेथ ऑडिट कमिटी ने 21 मामलों में मृत्यु का कारण स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की है। दूसरी तरफ 16 लोगों की मौत की वजह के पीछे स्वाइन फ्लू के होने का शक है क्योंकि अभी तक कमिटी ने इन मामलों की समीक्षा नहीं की है।
इस पर राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, 'राज्य के शहरी इलाकों में स्वाइन फ्लू से अधिकतम 63 लोगों की मौत हुई है। वहीं, ग्रामीण जिलों के कुछ हिस्सों में 47 लोगों की जान जा चुकी है। इसका मतलब यह हुआ कि शहरी इलाकों में वायरस संक्रमण की सक्रियता काफी ज्यादा थी।' हालांकि, वायरस संक्रमण की सक्रियता में कमी नजर आ रही है। इस पर वरिष्ठ शिशु रोग चिकित्सक ने कहा, 'जनवरी में शुरुआती तौर पर वायरस फैलने से फरवरी में इसके मामले बढ़ गए थे।' उन्होंने कहा कि साफ-सफाई को लेकर लोगों के बीच जागरुकता कम होने से इसके संक्रमण की रफ्तार बढ़ सकती है।
गुजरात में सुधरे हालात
इससे पहले अहमदाबाद में तेजी से स्वाइन फ्लू फैलने की खबर आई थी। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) के 15 अप्रैल को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2019 में राज्य में स्वाइन फ्लू के 780 और मार्च में 333 मामले सामने आए थे। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2017 के बाद अभी तक मार्केट में
एच1एन1 का अपडेटेड वैक्सीन नहीं आया है। स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में तेजी से फैलता है। भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे बाजार, बस और स्कूल में इसके संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।