आंखों के नीचे की सूजन क्या है?

अगर हम त्वचा की देखभाल व सुंदरता की बात करें, तो ज्यादातर लोगों को यही चिंता रहती है कि वे जवान कैसे दिखें। इसीलिए आईने के सामने खड़ा होकर कोई भी लटकती हुई त्वचा को देखना पसंद नहीं करता, खासकर के आंखों के नीचे लटकती हुई त्वचा। आंखों के नीचे की त्वचा लटकना या सूजन आना आज के दौर की महिला के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। वैसे यह कोई बीमारी या रोग नही हैं और ना ही इससे स्वास्थ्य संबंधी कोई जोखिम जुड़ा है। लेकिन स्पष्ट रूप से यह सौंदर्य से संबंधित एक बड़ी चिंता है और अपनी सुंदरता को बरकरार रखने के लिए इसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि ऐसा कौन होगा जो अपनी आंखों के नीचे लटकती हुई त्वचा चाहेगा, है ना?

आंखों के नीचे सूजन काले घेरों से थोड़ा अलग होती है, लेकिन ये दोनों समस्याएं आमतौर पर एक साथ होती हैं। सामान्यतः इनको उम्र के साथ होने वाली समस्याएं माना जाता है, जिससे आंखों के निचले हिस्से की त्वचा फुली हुई लगती है। यदि आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, तो आज से आपकी यह चिंता पूरी तरह से खत्म हो सकती है। 

इस आर्टिकल में आपको इस समस्या के कारण, उनके लिए उपाय और अन्य कई वैकल्पिक तरीकों संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी।

(और पढ़ें - आंखों के काले घेरे हटाने के घरेलू उपाय)

  1. आंखों के नीचे सूजन क्यों होती है - Aankhon ke neeche sujan kyu aati hai
  2. आंखों के नीचे सूजन के उपाय - Aankhon ke neeche sujan kaise kam kare
आंखों के नीचे सूजन के डॉक्टर

आंखों के नीचे सूजन के इलाज के बारे में जानने से पहले यदि इसके कारण के बारे में जान लिया जाए, तो इस स्थिति के इलाज व घरेलू उपायों को समझने में आसानी हो सकती है। 

सच्चाई ये है कि आपकी आंखों के नीचे पाई जाने वाली त्वचा अन्य हिस्सों के मुकाबले पतली होती है और इसके नीचे पैदा होने वाली किसी भी समस्या का असर बाहर भी दिखाई देता है। आंखों के नीचे की त्वचा में लगभग ना के बराबर चर्बी (फैट) होती है और इसके ठीक नीचे मांसपेशियां होती हैं। उम्र के साथ-साथ मांसपेशियों का लचीलापन कम होने लग जाता है और उनमें तरल पदार्थ जमा होने की संभावना बढ़ जाती है।

कुछ कारणों से किसी व्यक्ति को कम उम्र में ही आंखों के नीचे सूजन आ सकती है, जैसे स्वस्थ व पौष्टिक आहार ना लेना और कुछ स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आदि।

(और पढ़ें - स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ भोजन के फायदे)

बहुत ही कम मामलों में आंखों के नीचे सूजन आने का कारण जीवनशैली या पर्याप्त आहार ना लेना होता है। इसलिए आप खुद को इसका जिम्मेदार ना समझें क्योंकि आंखों के नीचे की सूजन बढ़ती उम्र में भी हो सकती है। यह स्थिति चाहे किसी भी कारण हुई हो, लेकिन सूजन को हटाना पूरी तरह से संभव है। इस पूरे आर्टिकल में ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बताया गया है, जिनकी मदद से आप आंखों के नीचे की सूजन को दूर करके अपनी उम्र को कम दिखा सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए ये लेख पूरा पढ़ें।

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आंखों के नीचे सूजन के घरेलू तरीके - Aankhon ke neeche sujan ke gharelu tarike

आप अपनी आंखों के नीचे की ढीली पड़ी त्वचा को फिर से कसने के लिए और सूजन को दूर करने के लिए खूब पैसे खर्च कर सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक उपचारों से मिलने वाली खूबसूरती और आकर्षण से इनकार नहीं किया जा सकता है। जी हां! आपने बिलकुल सही सुना है, आंखों के नीचे की सूजन को हटाने का नुस्खा आपकी रसोई में ही छिपा है। यदि आप कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स पर अपनी मेहनत का कमाया पैसा खर्च नहीं करना चाहते, तो इन घरेलू नुस्खों की मदद से आप चमत्कारी रूप से आंखों के नीचे की सूजन को गायब कर सकते हैं:

ग्रीन टी:
आपने वजन घटाने के लिए ग्रीन टी के फायदों के बारे में तो काफी सुना होगा। ग्रीन टी सिर्फ वजन घटाने में ही फायदेमंद नहीं है, इसके साथ यह और भी कई काम कर सकती है। ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ-साथ काफी सारे एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ग्रीन टी आपकी आंखों के नीचे की त्वचा में सूजन व लालिमा को कम करने में मदद करती है और बढ़ती उम्र से होने वाले त्वचा के लक्षणों को कम करती है ताकि आप जवां दिखें। ग्रीन टी से मिलने वाले फायदों को प्राप्त करने के लिए आपको टी बैग को अपनी आंखों के नीचे कम से कम 10 मिनट तक लगा कर रखना होता है। सही तरीके से लगाने के लिए आप सीधे लेट जाएं और इस्तेमाल किए गए टी बैग को अपनी आंखों पर रखें। कुछ समय तक आराम करते रहें और ग्रीन टी को अपना काम करने दें।

खीरा:
खीरे को काटकर आंखों पर लगाना शायद आंखों के नीचे की सूजन को दूर करने का सबसे प्रचलित घरेलू उपाय है। साधारण रूप से खीरे की स्लाइस काटकर उन्हें अपनी आंखों पर रखना आपकी त्वचा को बूढ़ी होने से बचा सकता है। आपने भी काफी फिल्मों व टीवी के विज्ञापनों में महिलाओं को अपनी आंखों पर खीरे की स्लाइस रखे हुऐ देखा ही होगा। आज हम आपको उसके पीछे की वजह के बारे में बताने वाले हैं, कि आखिर वे महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं। खीरा पानी में काफी उच्च होता है, इसमें लगभग 70 प्रतिशत पानी ही होता है। यह पानी की कमी को पूरा करके आंखों के नीचे की सूजन को दूर करता है।

इसके अलावा, खीरा आपकी त्वचा को ठंडक प्रदान करता है, इसलिए जब इसे त्वचा पर लगाया जाता है तो यह सूजन, लालिमा व जलन कम करता है। खीरे के फायदों को दोगुना करने के लिए आप खीरे को मैश करके और उसमें एक चम्मच शहद डालकर फेस मास्क के रूप में भी अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। शहद भी खीरे के साथ मिलकर सूजन व लालिमा को कम करने वाले गुणों को बढ़ा देता है, झुर्रियों को कम करता है और बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी छिपा देता है। इसके अलावा आपको गर्मियों में और यहां तक कि सर्दियों में भी खूब मात्रा में खीरा खाना चाहिए, ताकि इससे मिलने वाले फायदे आप प्राप्त कर सकें। 

कैफीन:
सुबह उठने के तुरंत बाद एक कप कॉफी पीने से जो कैफीन मिलता है, वह आपको जगाने के लिए काफी होता है। लेकिन कभी सोचा है कि इसका उपयोग कॉस्मेटिक्स के रूप में भी किया जा सकता है। कुछ लोग कॉफी को फेस मास्क या फिर स्क्रब के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि कॉफी का इस्तेमाल आंखों के नीचे की सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। कॉफी व चाय में मौजूद कैफीन में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा पर झुर्रियां पड़ने से रोकते हैं। यह आंखों के आस-पास की त्वचा की रक्त वाहिकाओं में खून के बहाव में सुधार करती है। ऐसे में आंखों के नीचे सूजन व लालिमा कम होने लगती है और इसके नीचे की मांसपेशियों को भी पोषण मिलता है। मांसपेशियों को पर्याप्त पोषण मिलने पर वे मजबूत होती है और बढ़ती उम्र के लक्षण नहीं हो पाते हैं। 

इसलिए अगली बार जब भी कभी आप कॉफी का फेस मास्क अपने चेहरे पर लगाएं, तो आंखों के नीचे की त्वचा को ना छोड़ें जैसा कि लोग अक्सर करते हैं। लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि आंखों के नीचे की त्वचा काफी संवेदनशील (सेंसिटिव) होती है। एक क्लिनिकल स्टडी में यह पाया गया है कि जब कैफीन पैड का इस्तेमाल पायसन तेल (मछली या बादाम का तेल) वाले विटामिन K के साथ किया गया, तो यह आंखों के नीचे की त्वचा को जवान रखने में काफी मदद करता है। विटामिन K भी कैफीन की तरह ही आंखों के नीचे के क्षेत्र में खून के बहाव को बढ़ा देता है। इन दोनों को मिलाकर इस्तेमाल करने से आंखों के के आस-पास जिद्दी काले घेरे भी गायब हो जाते हैं, जो किसी तरीके से ठीक नहीं हो पाते हैं। 

विटामिन: 
विटामिन शरीर के बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जिनको शरीर खुद से नहीं बना सकता है। विटामिन को हमारे द्वारा खाए गए भोजन व सप्लीमेंट्स आदि से प्राप्त करते हैं। विटामिन को खाने के अलावा त्वचा पर लगाने के भी खूब सारे फायदे होते हैं। बालों को चमकदार व मजबूत बनाने और त्वचा को नरम व गौरी बनाने के लिए घरेलू उपचार के रूप में मल्टीविटामिन का काफी इस्तेमाल किया जाता है। इन सभी उपयोगिताओं के साथ-साथ ये विटामिन आंखों के नीचे की सूजन और आंखे के आस-पास के काले घेरों को दूर करने में भी मदद करते हैं। कुछ प्रकार के विटामिन हैं, जिनको विशेष रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है:

विटामिन A:
शायद आपने कॉस्मेटिक्स और डर्मोटोलॉजिस्ट (त्वचा संबंधी) प्रोडक्ट्स में रेटिनोइड्स का नाम सुना होगा। यह विटामिन A डेरिवेटिव (Derivatives ) होता है। ये कई अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं, जिनमें आंखों के नीचे की सूजन व काले घेरे को दूर करना भी इनमें से एक है। विटामिन A कोलेजन बनने की प्रक्रिया को उत्तेजित कर देता है और प्रक्रिया को बनाए रखता है, जिससे आंखों के नीचे त्वचा के स्वास्थ्य और इसके कार्यों में सुधार होता है। विटामिन A को हरी सब्जियों, चुकंदर, गाजर और टमाटर आदि से प्राप्त किया जा सकता है। इनमें से किसी भी सब्जी का फेस मास्क बना कर लगा लें या सलाद की तरह काटकर भी आप इन्हें अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। 

विटामिन E: 
इसे आमतौर पर एस्कोर्बिक एसिड (Ascorbic acid) के नाम से भी जाना जाता है, इसमें भी काफी सारे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। विटामिन E में मौजूद एंटीऑक्सिडेटिव, एंटी इंफ्लेमेटरी, फोटोप्रोटेक्टिव (धूप से होने वाली समस्याओं से बचाव करने वाले गुण) और डी-पिगमेंटेशन (पिगमेंटेशन से बचाव) आदि गुणों के कारण यह त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है। विटामिन E कोलीजन बायोसिंथेसिस का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो इसे आंखों के नीचे सूजन और बढ़ती उम्र में हो रही त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए एक बहुत बढ़िया घरेलू उपाय बनाता है।

खट्टे फलों को खाकर पर्याप्त मात्रा में विटामिन E को प्राप्त किया जा सकता है, जैसे नींबूसंतरे आदि। विटामिन E को आप सप्लीमेंट्स की मदद से भी प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि यह पानी में घुलनशील होता है और शरीर में इसकी अतिरिक्त मात्रा सुरक्षित रूप से पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाती है। हालांकि विटामिन E की लगभग सारी आवश्यकता भोजन की मदद से ही पूरी हो जाती है। इसलिए यदि आप यह सप्लीमेंट्स लेने की सोच रहे हैं तो पहले इस बारे में डॉक्टर से बात करना बेहतर होगा। 

विटामिन K: 
यह वसा में घुलनशील विटामिन होता है, जिसका मुख्य काम खून जमने या खून के बहाव से संबंधित होता है। विटामिन K आंख के नीचे की त्वचा में खून के बहाव को बढ़ा देता है, जिससे त्वचा के उस क्षेत्र को पर्याप्त पोषण मिल जाता है और आंखों के नीचे की सूजन ठीक हो जाती है। एक अध्ययन के अनुसार जब 1% विटामिन K के साथ 0.15 रेटीनोल को आंखों के नीचे की त्वचा पर लगाया गया, तो आंखों के सौंदर्य संबंधी समस्या ठीक करने में सफलता प्राप्त हुई। इसके अलावा जो लोग हाइपरपिगमेंटेशन से ग्रस्त हैं, उनमें से 93% लोगों को इस से संतोषजनक परिणाम मिला है। मार्केट में विटामिन K युक्त बहुत सारी क्रीम उपलब्ध हैं, आप अपनी पसंद के अनुसार इनमें से किसी को भी खरीद सकते हैं। हालांकि किसी अच्छे ब्रांड की क्रीम खरीदें और खरीदने से पहले उसका लेबल पढ़ लें। 

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आंखों के नीचे सूजन को हटाने के लिए खूब पानी पिएं - Aankhon ke neeche sujan ke liye hydrate rahe

यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब भी लग सकता है, क्योंकि त्वचा के नीचे तरल जमा होना ही आंखों के नीचे की सूजन का सबसे मुख्य कारण होता है। लेकिन शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होने पर शरीर का तरल लगातार चलता रहता है और ऊतकों में जमा नहीं हो पाता है। इसलिए ऐसा बिलकुल मत सोचें की अधिक मात्रा में पानी पीने से ही आंखों के नीचे सूजन होने लगती है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी हो जाने पर शरीर के अंदर द्रव जमा होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। 

रोजाना कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पिएं, ताकी आपका शरीर बिना किसी परेशानी के सामान्य रूप से काम करता रहे। आप ऐसे फल व सब्जियां भी खा सकते हैं, जिनमें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ होते हैं, जैसे खीरा, तरबूज और टमाटर आदि। इसके अलावा ऐसे पेय पदार्थों का सेवन करना भी छोड़ दें, जो शरीर में पानी की कमी का पैदा कर देते हैं जैसे कॉफी और शराब आदि। 

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आंखों के नीचे सूजन को दूर करने के लिए नमक कम करें - Aankhon ke neeche sujan ke liye namak me kami kare

भोजन में फ्लेवर व स्वाद लाने के लिए नमक बहुत जरूरी होता है। हालांकि भोजन में अधिक मात्रा में नमक डालने से आपके स्वास्थ्य पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है। अधिक मात्रा में नमक खाने से शरीर में काफी समस्याएं विकसित हो सकती हैं, इनमें शरीर में तरल पदार्थ जमा होना, कार्डियोवास्कुलर (हृदय संबंधी) समस्याएं, किडनी रोग, मोतियाबिंद, अस्थमा और अन्य कई रोग शामिल हैं। रोजाना सामान्य मात्रा में नमक खाना बहुत जरूरी होता है, लेकिन नमक वाले खाद्य पदार्थों को सीमित सीमा में ही खाना चाहिए। 

जब बात आंखों के नीचे की सूजन से छुटकारा पाने की आती है, तो नमक वाले खाने में कमी करना बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। रोजाना खाए गए नमक की मात्रा में कमी करने से शरीर में जमा हुआ पानी कम होने लग जाता है जिससे आंखों के नीचे की सूजन भी धीरे-धीरे कम होने लग जाती हैं और आंखों की सुंदरता वापस आने लग जाती है।

अमेरिकन हार्ट एसोशिएसन के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना कम से कम 1500 मिलीग्राम नमक खाना चाहिए और अधिक से अधिक इसकी मात्रा 2300 मिलीग्राम से ऊपर नहीं जानी चाहिए। 

कुछ टिप्स हैं जिनकी मदद से आप नमक की खपत में कमी कर सकते हैं:

  • सलाद में नमक ना डालें
  • अचार आदि ना खाएं या कम खाएं
  • बाहर तैयार हुऐ भोजन ना खाएं, क्योंकि आमतौर पर ऐसे खाद्य पदार्थों में अत्यधिक मात्रा मे नमक होता है
  • नमक वाले चिप्स व बिस्किट भी जितना हो सके उतना कम खाएं

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आंखों के नीचे सूजन को दूर करने के एलर्जी से बचें - Aankhon ke neeche sujan se bachao ke liye allergy se bache

एलर्जीसंक्रमण कम उम्र वाले लोगों में आंखों के नीचे की सूजन पैदा करने वाले कुछ मुख्य कारण होते हैं। कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), एलर्जिक राइनाइटिस और हे फीवर आदि कुछ मुख्य प्रकार की एलर्जिक समस्याएं हैं, जो आंखों के नीचे सूजन होने का कारण बन सकती हैं। यह एलर्जी आमतौर पर तब होती है, जब हमारे आस-पास की हवा में पराग, धूल या फंगी के बीजाणु मिले हुऐ हों। इनसे आंखों में लालिमा, खुजली, सूजन व आंखों से पानी आना आदि जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

इसलिए, यदि आपको मौसम बदलने पर या किसी दूसरे क्षेत्र में जाने के कारण आंखों के नीचे सूजन हुई है, तो हो सकता है आपको एलर्जी हुई है। आंखों के नीचे सूजन होने से बचाव करने के लिए ऐसे चीजों की पहचान कर लेनी चाहिए और उनसे दूर रहना चाहिए जिनसे आपको एलर्जी होती है। इसके अलावा आप कुछ ओटीसी क्रीम आदि लगा कर भी आंखों के नीचे की सूजन से छुटकारा पा सकते हैं। ओटीसी यानि “ओवर द काउंटर” वे दवाएं होती हैं, जो डॉक्टर की पर्ची की बिना मेडिकल स्टोर से मिल जाती हैं।

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आंखों की सूजन से छुटकारा पाने के लिए शराब ना पिएं - Aankhon ke neeche sujan ke liye sharab chhode

यदि आपको रोजाना शराब या बीयर आदि पीने की आदत है, तो यह आपकी आंखों के नीचे सूजन आने की वजह से हो सकती है। साधारण सी बात है जब आप शराब पीते हैं तो यह आपके शरीर से पानी खींचने लग जाती है, जिससे आपकी आंखों के नीचे की सूजन और स्पष्ट दिखाई देने लग जाती है। एक अध्ययन भी किया जा चुका है जिसमें यह पाया गया है कि शराब पीने से शरीर में पानी की थोड़ी बहुत कमी होने लग जाती है। इसके अलावा शराब पीने से आपकी संज्ञानात्मक (ज्ञान संबंधी) क्षमताओं में भी गड़बड़ी होने लग जाती है। 

यदि आप रोजाना शराब पीते हैं, तो छोड़ने की कोशिश करें या कम से कम पिएं। शराब छुड़ाने के लिए आप डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं। शराब छोड़ने पर आंखों के नीचे की सूजन के अलावा अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है।

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पलकों की सूजन से बचने के लिए पर्याप्त नींद लें - Bags under eyes hatane ke liye puri neend le

यदि आप रात को काफी लेट सोते हैं या फिर किसी कारण से पूरी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो आपकी आंखों के नीचे सूजन आने लग सकती है। आपको रोजाना पर्याप्त नींद लेने की आदत डाल लेनी चाहिए, इससे सिर्फ आंखों के नीचे की सूजन ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे होते हैं। एक अच्छी नींद लेने से आपकी याददाश्त तेज रहती है और आपका मूड भी अच्छा रहता है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों की नींद कम होने लग जाती है जिससे उनकी आंखों के नीचे सूजन आने लग जाती है। 

इसलिए यदि आपको अपनी आंखों के आस-पास की त्वचा को स्वस्थ व जवान रखना है, तो नींद पूरी लेने की आदत डाल लें। पूरी नींद लेने से शारीरिक सुंदरता बढ़ती है इसलिए इसे “ब्यूटी स्लीप” कहा जाता है।

(और पढ़ें - नींद ना आने का कारण)

आंखों के नीचे सूजन दूर करने के लिए कोलीजन का स्तर बढ़ाएं - Aankho ke neeche sujan kam karne ke liye collagen ki matra badhayen

जैसे ही किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, तो उसके शरीर में कोलेजन (संयोजी ऊतक) कमजोर होने लग जाते हैं और नए कोलेजन फाइबर बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में आंखों के नीचे की त्वचा भी ढीली पड़ जाती है और लटकने लग जाती है। इसलिए सीधी भाषा में कहें तो कोलेजन ही ऐसा घटक है, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है। 

त्वचा में मौजूद कोलेजन हर साल 1 प्रतिशत कम होता रहता है। संतुलन को बनाए रखने के लिए आहार में कोलेजन की मात्रा को बढ़ाना बहुत जरूरी होता है। आप मार्केट से कोलेजन पाउडर भी ले सकते हैं, जिसके रोजाना एक स्कूप को अपने भोजन, दूध या जूस आदि मे मिला कर खाया जा सकता है। इसके अलावा कोलेजन के सिंथेसिस (दो घटक मिलकर एक पूरा घटक बनाना) के लिए विटामिन C बहुत आवश्यक होता है। 

कोलेजन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए खूब मात्रा में ऐसे भोजन खाएं जो विटामिन C से भरपूर हों। इनमें निम्न खाद्य पदार्थ शामिल हैं:

(और पढ़ें - फल खाने का सही समय)

आंखों के नीचे सूजन को हटाने के लिए सनस्क्रीन लगाएं - Aankho ke neeche sujan ke liye sunscreen

त्वचा को सूरज की हानिकार किरणों (परांबैंगनी किरणें) से बचाने के लिए धूप में निकलने से पहले अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन लगा लेनी चाहिए। आपको पता ही होगा कि आंखों के नीचे की त्वचा काफी पतली और सेंसिटिव होती है। इसलिए सूरज से आने वाली हानिकारक विकिरणें (रेडिएशन) आंखों के नीचे की त्वचा को हानि पहुंचा सकती हैं। लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे झुर्रियां, रंग बिगड़ना, अधिक उम्र वाले लक्षण पैदा होना और यहां तक कि स्किन कैंसर भी हो सकता है। त्वचा को धूप से पूरी सुरक्षा देने के लिए कम से कम एसपीएफ 30 या उससे ऊपर की सनस्क्रीन चुनें।

(और पढ़ें - त्वचा के कैंसर की सर्जरी कैसे होती है)

आंखों के नीचे सूजन के लिए कोस्मेटिक्स का इस्तेमाल करें - Aankhon ki sujan door karne ke liye Cosmetics use karen

कॉस्मेटिक विकल्पों का उपयोग करना भी आंखों के नीचे की सूजन को कम करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। डर्मेटोलॉडिस्ट व कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री आंखों के नीचे सूजन की समस्या के लिए कुछ इलाज पेश करती हैं, जैसे:

  • केमिकल पीलिंग:
    इस उपचार प्रक्रिया को अकेले भी किया जा सकता है और इसको लेजर आदि जैसे इलाज के साथ भी किया जा सकता है। केमिकल पीलिंग की मदद से त्वचा में से मेलेनिन को निकाल दिया जाता है और कोलेजन को बढ़ा दिया जाता है। इस उपचार की मदद से आपकी त्वचा जवान दिखने लग जाती है और रंग भी साफ हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान सेलीसिलिक एसिड जैसे किसी केमिकल का उपयोग किया जाता है, जो त्वचा की क्षतिग्रस्त परत को उतार देता है और प्राकृतिक रूप से नई परत बनने में मदद करता है।
     
  • लेजर रिसर्फेसिंग:
    रिसर्फेसिंग का मतलब होता है फिर से परत बनाना। इस प्रक्रिया के दौरान लेजर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से ढीली व असामान्य त्वचा को निकाल दिया जाता है और सख्त व फिर से बनी हुई त्वचा को छोड़ देता है। इसके अलावा लेजर ट्रीटमेंट कोलेजन के कार्यों में भी सुधार कर देता है।
     
  • पलकों की सर्जरी:
    निचली पलकों की सर्जरी को “ब्लेरोप्लास्टी” भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से ढीली पड़ी हुई व लटकने वाली त्वचा को हटा दिया जाता है और दिखावट में सुधार करता है। इसके अलावा इस प्रक्रिया में निचली पलक से अतिरिक्त फैट (चर्बी) को निकालना और ढीले पड़े नरम ऊतकों को ऊपर की तरफ उठाना भी शामिल है, ऐसा करने से भी त्वचा जवान दिखने लगती है। 

आंखों के नीचे की सूजन को कम करने के लिए आप किसी भी तरीके का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि डॉक्टर की मदद लेना, स्वस्थ आहार खाना, पर्याप्त पानी पीना और शरीर को पर्याप्त आराम देना बहुत जरूरी होता है। शरीर को खुद से ठीक होने के लिए पर्याप्त समय देना जरूरी होता है। 

यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है या समस्या और भी बदतर होती जा रही है, तो हमेशा डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। 

(और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी के लक्षण)

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