पेट खराब होने की समस्या हर इंसान को होती है, खासकर खाने-पीने के बाद। ये समस्या इतनी आम है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में कई बार इसका अनुभव करता है। पेट खराब होने का मतलब होता है पेट में किसी तरह की गड़बड़ होना, जैसे दस्त, कब्ज, पेट दर्द, पेट में मरोड़ होना या अपच। इन सभी समस्याओं को आम भाषा में पेट खराब होना कह दिया जाता है।
(और पढ़ें - पेट में दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
पेट खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे किसी विशेष तरह का खान-पान, तनाव, धूम्रपान करना या शराब पीना आदि। वैसे तो पेट खराब होने के कारण गंभीर नहीं होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये किसी ऐसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके लिए तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता हो।
इस लेख में हमने आपको पेट खराब होने पर क्या करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया है।
- पेट खराब हो तो क्या करें - Pet me gadbad hone par kya karna chahiye
- पेट खराब के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Pet kharab ho to doctor ke pas kab jana chahiye
पेट खराब हो तो क्या करें - Pet me gadbad hone par kya karna chahiye
पेट खराब होने पर कई तरह के घरेलू उपाय और प्राथमिक उपचार किए जा सकते हैं, जैसे -
- हमारे शरीर को खाने से पोषक तत्व अवशोषित करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। शरीर में पानी की कमी होने से पाचन क्रिया में मुश्किल होती है और पेट खराब हो जाता है, इसीलिए अगर आपका पेट खराब है, तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का प्रयास करें। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
- अगर आपको पता है कि किस प्रकार का खाना खाने से आपका पेट खराब होता है, तो वैसा खाना न खाएं। खासकर, अगर आपका पेट पहले से ही खराब है। (और पढ़ें - पेट के रोग के लक्षण)
- अगर आपका पेट खराब है, तो लेटें नहीं। लेटने से पेट में बन रहा एसिड खाने की नली से मुंह तक आने लगता है, जिसके कारण सीने में जलन की समस्या होती है। कोशिश करें कि खाना खाने के बाद मल न आने तक लेटें नहीं। अगर आपको लेटने की आवश्यकता है, तो अपने सिर और गर्दन के नीचे तकिये रख लें ताकि आपका सिर थोड़ा ऊपर उठा रहे। (और पढ़ें - सीने में जलन के घरेलू उपाय)
- पेट खराब होने पर कोशिश करें कि दिन में 2 या 3 बार ज्यादा खाना खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में कम खाना खाएं। (और पढ़ें - खाना खाने का सही समय)
- पेट खराब के लिए अदरक बहुत फायदेमंद माना जाता है जो हर कोई इस्तेमाल करता है। अदरक में ऐसे पदार्थ होते हैं, परेशानी पैदा कर रहे खाने को पाचन तंत्र से निकालने में मदद करते हैं। इससे अपच, उल्टी, मतली और दस्त में भी आराम मिलता है। (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
- अगर आप शराब पीते हैं, तो पेट खराब होने पर शराब का सेवन बिलकुल न करें। खासकर, जब तक आपका पेट सही न हो जाए। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
- सेक से पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और पेट खराब की समस्या भी ठीक होती है। आप चाहें तो अपने पेट की सिकाई कर सकते हैं या गर्म पानी से नहा भी सकते हैं। ध्यान रखें कि आप जिस चीज से सिकाई कर रहे हो, वह ज्यादा गर्म न हो और अगर आप गर्म पानी से नहा रहे हैं, तो पानी का तापमान बहुत ज्यादा न रखें। (और पढ़ें - गर्म पानी से नहाने के फायदे)
- कैफीन के सेवन से भी पेट की समस्या बढ़ सकती है, इसीलिए पेट खराब होने पर कैफीन युक्त पदार्थ, जैसे चाय या कॉफी न लें। (और पढ़ें - हर्बल चाय के फायदे)
- पेट खराब होने पर उल्टी आना बहुत आम होता है और अगर अपने उल्टी की है, तो आपका गला पहले से ही नाजुक होगा। ऐसी स्थिति में सिगरेट पीने से आपका गला खराब भी हो सकता है, इसीलिए पेट खराब होने पर धूम्रपान न करें और ऐसे किसी व्यक्ति के पास न जाएं जो सिगरेट पी रहा हो क्योंकि उनकी सिगरेट का धुआं भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है। (और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के घरेलू उपाय)
- चिंता के कारण भी पेट खराब होने की समस्या हो सकती है, और अगर आपका पेट पहले से ही खराब है, तो आपकी समस्या बढ़ सकती है। पेट खराब होने पर कम से कम चिंता करने की कोशिश करें। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
- कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ पचाने में मुश्किल होते हैं, जिन्हें पेट खराब होने पर नहीं खाना चाहिए, जैसे तला हुआ खाना, फैट वाला खाना, अधिक नमक या मसालेदार भोजन या डब्बे वाला खाना। (और पढ़ें - मसालेदार खाना खाने से होने वाले दर्द का उपचार)
पेट खराब होने पर होने वाली सब समस्याओं के लिए अलग तरीके से फर्स्ट ऐड दिया जाता है, जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है -
- दस्त
- दस्त से शरीर में बहुत जल्द पानी की कमी होने लगती है, इसीलिए दस्त होने पर ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिएं, खासकर पानी। आप ऐसी एनर्जी ड्रिंक्स भी पी सकते हैं, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट हों। (और पढ़ें - तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे)
- ऐसी स्थिति में ज्यादा शारीरिक परिश्रम वाले काम न करें। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)
- दस्त में गुदा के क्षेत्र और उसके आस-पास की त्वचा को साफ रखना जरूरी होता है, इसीलिए गर्म पानी से नहाएं और गुदा के क्षेत्र पर कोई क्रीम या पेट्रोलियम जेली लगाएं। (और पढ़ें - वैसलीन के फायदे)
- ऐसी चीजें खाएं जो पचाने में आसान हों, इससे दस्त में आपके पाचन तंत्र पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा। (और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)
- दस्त में शराब का सेवन करने से आपकी समस्या और बढ़ सकती है। (और पढ़ें - नशे की लत का उपचार)
दस्त के प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ें - दस्त होने पर क्या करें।
- अपच
- नियमित रूप से खाना खाने के बाद सैर करने का प्रयास करें। (और पढ़ें - सुबह की सैर करने के फायदे)
- रात को सोने से एकदम पहले खाना न खाएं। सोने से कम से कम 2 या 3 घंटे पहले खाना खा लें, ताकि खाना पच सके। (और पढ़ें - रात को जल्दी सोने के लाभ)
- खाना खाते समय बात न करें और मुंह खोलकर खाना न चबाएं, इससे हवा अंदर जाती है और पेट में गैस और बदहजमी होती है। (और पढ़ें - पेट में गैस बन रही हो तो क्या करें)
- खाने को कभी भी जल्दबाजी में न खाएं। (और पढ़ें - हाथ से खाना खाने के फायदे)
- लेटते समय अपनी गर्दन व सिर के नीचे तकिया रख लें, क्योंकि लेटने पर पेट में बनना वाला एसिड खाने की नली में आने लगता है, जिससे सीने में जलन होती है। (और पढ़ें - सोने का सही तरीका)
- अगर आपको अपच है, तो सिगरेट और शराब का सेवन बिलकुल न करें। (और पढ़ें - शराब की लत का इलाज)
अपच के प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ें - बदहजमी होने पर क्या करें।
- कब्ज
- कब्ज होने पर फाइबर लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसी चीजें खाएं जो पचाने में आसान हों और फाइबर से समृद्ध हों, जैसे केले, ताजा फल व सब्जियां और किवी आदि।
- अगर आपको मल आने की भावना हो रही है, तो इस बात का ध्यान रखें कि मल को रोकने का प्रयास न करें। ऐसा करने से मल सख्त होगा और बाद में आपको मल करने में परेशानी होगी। (और पढ़ें - कब्ज के घरेलू उपाय)
- लगातार कब्ज रहने पर एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आप रोजाना हल्की-फुलकी एक्सरसाइज कर सकते हैं, जैसे सैर या जॉगिंग। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)
- ऐसा माना जाता है कि मल त्याग करते समय घुटनों को कूल्हों के स्तर से ऊपर रखना चाहिए। इस तरीके से मल को बाहर निकलने में आसानी होती है। (और पढ़ें - कब्ज के लिए जूस)
- सुबह के समय गर्म तरल पदार्थ पीना कब्ज के लिए अच्छा माना जाता है। (और पढ़ें - गुनगुना पानी पीने के फायदे)
- कब्ज की समस्या से पीड़ित रहने वाले लोगों को मल करने का एक समस्य बनाना चाहिए, ताकि वे रोजाना उसी समय मल करें और उनके शरीर को इसकी आदत हो जाए। (और पढ़ें - कब्ज के लिए योग)
कब्ज के प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ें - कब्ज होने पर क्या करें।
पेट खराब के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Pet kharab ho to doctor ke pas kab jana chahiye
वैसे को पेट खराब होने पर होने वाली समस्याएं कुछ उपाय करने से अपने आप ठीक हो जाती हैं, लेकिन कभी-कभी इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता भी हो सकती है। अगर आप निम्नलिखित समस्याएं अनुभव कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं -
- लम्बे समय से दस्त ठीक न होना। (और पढ़ें - आंतों की सूजन के लक्षण)
- बार-बार उल्टी आना। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
- छाती में दर्द होना और दर्द ठीक न होना या बढ़ना। (और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)
- कब्ज का काफी समय तक ठीक न होना। (और पढ़ें - नवजात शिशु को कब्ज के कारण)
- ऐसी भावना होना जैसे खाना छाती या गले में कुछ अटका है। (और पढ़ें - गले में कुछ अटक जाए तो क्या करें)
- कब्ज के साथ बुखार होना। (और पढ़ें - तेज बुखार होने पर क्या करें)
- पेट में अजीब तरीके का दर्द होना या पेट दर्द ठीक न होना। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- मल या उल्टी में खून आना। (और पढ़ें - गर्भावस्था में उलटी आने के कारण)
- कब्ज के कारण रोजाना की सामान्य गतिविधियां न कर पाना।
- पेट की गैस बाहर न निकल पाना। (और पढ़ें - पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय)
- खाना निगलने में दिक्कत या दर्द होना। (और पढ़ें - गले में सूजन के कारण)
- चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करें)
- सीने की जलन के साथ उल्टी आना। (और पढ़ें - पेट में जलन होने पर क्या करें)
- कब्ज के साथ हाथ दर्द होना। (और पढ़ें - कलाई में दर्द का इलाज)
- मल का रंग काला होना या मल में खून आना। (और पढ़ें - मल में खून आने के कारण)
- बिना किसी वजह वजन कम होना। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने और मोटा होने के उपाय)
- गला बैठना या गले में दर्द होना और गला ठीक न होना। (और पढ़ें - गला बैठ जाए तो क्या करे)
- पेट में गांठ महसूस होना। (और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षण)
- बार-बार दम घुटना या ऐसा महसूस होना। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे)
- मल के प्रकार या मल आने के रूटीन में बदलाव आना। (और पढ़ें - बवासीर का इलाज)
(और पढ़ें - पेट के कीड़े के लक्षण)
नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।