अगर आप लंबे समय तक पेशाब रोक कर रखते हैं तो आपको निम्न हानिकारक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं:
दर्द की शिकायत
जो लोग बार-बार या रोज़ाना पेशाब रोकते हैं उन्हें किडनी या ब्लैडर में दर्द महसूस हो सकता है। लंबे समय के बाद जब आप पेशाब करने जाते हैं तो मूत्र त्याग के दौरान दर्द होता है।
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पेशाब करने के बाद आंशिक रूप से मांसपेशियां सिकुड़ी रह सकती हैं जिसकी वजह से पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों में ऐंठन पैदा हो सकती है।
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मूत्र मार्ग में संक्रमण
कुछ मामलों में लंबे समय तक पेशाब रोकने की वजह से कई तरह के बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है। ये बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में संक्रमण का रूप भी ले सकता है।
वैसे अध्ययन में पेशाब रोकने के कारण यूटीआई होने की बात अब तक सामने नहीं आई है लेकिन डॉक्टर इस आदत से बचने की ही सलाह देते हैं ताकि आप स्वस्थ रह सकें। अगर आपको पहले कभी यूटीआई की समस्या रह चुकी है तो आपको खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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लोग पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं उनमें भी यूटीआई का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि इनमें मूत्राशय द्वारा पेशाब करने का संकेत शरीर को बहुत कम ही दिया जाता है। इस वजह से मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया हो सकता है जो कि संक्रमण का भी रूप ले सकता है।
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मूत्राशय में खिंचाव
अगर आप रोज़ ही समय पर पेशाब नहीं जाते हैं या घंटों तक पेशाब करने की इच्छा को दबाते रहते हैं तो अपनी इस आदत की वजह से आपके मूत्राशय में खिंचाव पैदा हो सकता है। इसके कारण ब्लैडर को सामान्य रूप से पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है। ब्लैडर में खिंचाव होने की स्थिति में कैथिटर के ज़रिए पेशाब को निकाला जाता है।
पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों को नुकसान
जो लोग लगातार पेशाब रोक कर रखते हैं उन्हें पेल्विक हिस्से की मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है। इन मांसपेशियों में से एक यूरेथ्रल स्फिंकटर होता है जो कि मूत्र मार्ग को बंद रखता है और पेशाब बाहर निकलने से रोकता है। इस मांसपेशी को नुकसान पहुंचने पर मूत्र असंयमिता (पेशाब न रोक पाना) की परेशानी हो सकती है।
पेल्विक व्यायाम जैसे कि कीगल एक्सरसाइज से इन मांसपेशियों को मजबूती दी जा सकती है और पेशाब लीक होने या मांसपेशियों के नुकसान को ठीक किया जा सकता है।
किडनी स्टोन
अगर आपको पहले कभी पथरी हुई थी और घंटों तक पेशाब रोकना आपकी आदत में शुमार है तो आपको दोबारा से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। जिन लोगों के पेशाब में मिनरल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है उन्हें भी पथरी का खतरा ज्यादा रहता है। आमतौर पर पेशाब में यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट जैसे मिनरल्स होते हैं।
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